परमेश्वर राफा

 परमेश्वर राफा

चंगा करने वाला परमेश्वर

तब मूसा इस्राएलियों को लाल समुद्र के आगे ले गया और वे शूर नाम जंगल में आए, और जंगल में बढते हुए तीन दिन तक पानी का स्त्रोत न मिला। फिर ‘मारा’ नाम एक स्थान पर पहुंचे, वहां का पानी कड़वा था, उसे वे पी न सके इस कारण उस स्थान का नाम ‘मारा’ अर्थात् कड़वा पड़ा। तब वे यह कहकर मूसा के विरूद्ध बक-बक करने लगे, कि हम क्या पीएं ? तब मूसा ने परमेश्वर की दोहाई दी, ओर परमेश्वर ने उसे एक पौधा बतलया। जैसे ही उस पौधे को पानी में डाला, पानी मीठा हो गया। वहीं परमेश्वर ने उनके लिये एक विधि और नियम बनाया, और वहीं उसने यह कहकर उनकी परीक्षा की, कि यदि तू अपने परमेश्वर का वचन तन मन से सुने, जो उसकी दृष्टि में ठीक है वही करे, उसकी आज्ञाओं पर कान लगाए और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैंने मिस्रियों पर भेजे हैं उनमें से एक भी तुझ पर न भेजूंगा क्योंकि मैं तुम्हारा ‘‘चंगा करने वाला परमेश्वर’’ हूँ। (निर्गमन 15ः 22-26)

परिभाषा:- पुनः स्थापित करना, चंगा करना, शारीरिक एवं आत्मिक रूप से स्वस्थ्य करना।

प्रभु यीशु अपनी सेवकाई को पूर्ण करने एक पौधा बना जिसने मानव जाति के जीवन के कड़वे तलाब को ठीक किया। मारा की शिक्षा उसमें आश्चर्यजनक रूप से पूर्ण होती है। प्रभु यीशु पौधा और जल दोनों है। उसने हमारे पापों को अपने शरीर पर लेकर क्रुस पर ले लिया, और वह हमारे उद्धार का कुआँ भी है। केवल प्रभु यीशु ही परमेश्वर के प्रावधानों का वृक्ष, जो मनुष्य को पवित्र करता, मीठा करता और जीवन के कड़वे अनुभव से चंगा करता है। वह प्राण एवं शरीर की बीमारियों को भी चंगा करता है।

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