सब प्राणी घास हैं।

सब प्राणी घास हैं।

यशायाह 40ः6 बोलनेवाले का वचन सुनाई दिया, प्रचार कर! मैं ने कहा, मैं क्या प्रचार करूं? सब प्राणी घास हैं, उनकी शोभा मैदान के फूल के समान है।

भजन संहिता 103ः15 मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल की नाईं फूलता है,

भजन संहिता 102ः11 मेरी आयु ढलती हुई छाया के समान है, और मैं आप घास की नाईं सूख चला हूं।

यशायाह 58ः1 गला खोलकर पुकार, कुछ न रख छोड़, नरसिंगे का सा ऊंचा शब्द कर, मेरी प्रजा को उसका अपराध अर्यात्‌ याकूब के घराने को उसका पाप जता दे।

यर्मियाह 2ः2 ‘‘जा और यरूशलेम में पुकारकर यह सुना दे, यहोवा यह कहता हैं, तेरी जवानी का स्नेह और तेरे विवाह के समय का प्रेम मुझे स्मरण आता है कि तू कैसे जंगल में मेरे पीछे-पीछे चली जहाँ भूमि जोती-बोई न गई थी।

यशायाह 37ः7 सुन, मै उसके मन में प्रेरणा उत्पन्न करूँगा जिससे वह कुछ सुसमाचार सुनकर अपने देश को लौट जाए; और मैं उसको उसी के देश में तलवार से मरवा डालूँगा।’’

भजन संहिता 92ः7 कि दुष्ट जो घास के समान फूलते-फलते हैं, और सब अनर्थकारी जो प्रफुल्लित होते हैं, यह इसलिये होता है कि वे सर्वदा के लिये नष्ट हो जाएँ,

भजन संहिता 102ः11 मेरी आयु ढलती हुई छाया के समान हैं; और मैं आप घास के समान सूख चला हूँ।

भजन संहिता 103ः16 जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता हैं।

याकूब 1ः 10 और धनी अपने हीन दशा पर, क्योंकि वह घास के फुल की भांति समाप्त हो जाएगा। 11 सूर्य उदय होते ही कड़ी धूप पड़ती हैं और घास को सूखा देती है; उसका फूल झड़ जाता है और उसकी सुन्दरता जाती रहती है।

भजन संहिता 90ः5 तू उन्हें बाढ़ की भांति बहा देता है; वे नींद के झोंके या भोर को उगने वाली घास के समान होते हैं।

यशायाह 12ः6 हे सिय्योन के निवासियों, जयजयकार करो और ऊंचे स्वर से आनन्द मनाओ, क्योंकि इस्राएल का पवित्र तुम्हारे मध्य महान है।

यशायाह 61ः1 प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि यहोवा ने कंगालो को सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिए भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं। कि बन्दियों के लिए स्वतन्त्रता का और क़ैदियों के लिए छुटकारे का प्रचार करूं;। 

यशायाह 61ः2 कि यहोवा के करूणा करने के समय और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूं, कि सब शोकितों को शान्ति दूं।

यिर्मयाह 31ः6 क्योंकि ऐसा दिन भी आएगा जबकि एप्रैम के पहाड़ो के पहरूए पुकार उठेंगे; उठो, हम अपने परमेश्वर यहोवा के पास सिय्योन को चले।

होशे 5ः8 गिबा में नरसिंगा और रामा में तुरही फूंको। बेत-आवेन में ललकार कर कहो, हे बिन्यामीन अपने पीछे देख।

अय्यूब 141-2 ‘‘मनुष्य जो स्त्री से उत्पन्न होता है, वह थोड़े दिनों का और दुःख से भरा होता है। 2 वह फूल के समान खिलता, फिर मुरझा जाता है। वह छाया के समान ढल जाता, और बना नही रहता।’’

भजन संहिता 90ः6 वह भोर को लहलहाती और बढ़ती है, परन्तु सांझ को मुर्झाकर सूख जाती है।

1पतरस 1ः24 क्योंकि, ‘‘सब प्राणी घास के सदृश हैं, और उनकी सारी शोभा घास के फूल के सदृश है। घास सूख जाती है, और फूल झड़ जाता है।

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