उद्धार का टोप (सुरक्षित क्षेत्र)

 उद्धार का टोप

(सुरक्षित क्षेत्र)

परिभाषा:- टोप एक सैनिक का हथियार है जिसे वह सिर की सुरक्षा हेतु पहनता है। यह अक्सर अलंकारो से सुसज्जित होता था तथा वह सैनिक किस फौज का है, यह दर्शाता था।


उपयोग:- टोप, उद्धार की आशा, आपके मस्तिष्क को शत्रु के आक्रमण से बचाता है। आपका मस्तिष्क, आपके ढाल के प्रयोग, आपकी तलवार का घूमना तथा आपके शरीर का सम्पूर्ण चलन संचालित करता है। इसी कारण उसे सुरक्षित रखना चाहिये कि आप एक कुशल सैनिक बनें।

आपका मस्तिष्क शरीर और आत्मा का युद्धस्थल है। एक अनुशासित सैनिक शरीर के अनुसार नहीं चलेगा परन्तु आत्मा में मजबूत होगा।

घोषणा:- प्रभु यीशु आप मेरा उद्धार हैं। आपने युद्ध के दिन मेरे सिर को ढांपा है। आप मेरी सामर्थ और गीत हैं तथा मेरा उद्वार बन गये हैं। मैं अपनी आशा और भरोसा आप पर रखता हूँ। यह आशा का टोप मेरे लिये स्वतंत्रता का टोप बन जाएगा। आपने मेरे मस्तिष्क को शैतान के आक्रमण से स्वतंत्र कर दिया है।

आज मैं अपने मस्तिष्क को परमेश्वर के वचन से नवीन करूंगा। मैं शत्रु के द्वारा लाये, शंका तथा अविश्वास के विचारों को कैद कर परमेश्वर का आज्ञाकारी बनाने लाता हूँ। मैं उन बातों पर ध्यान केन्द्रित करूंगा जो शान्ति एवं जीवन से सम्बधित हैं। मेरे उद्धार के परमेश्वर आपकी सम्पूर्ण प्रसंशा हो।

पुष्टिकरण:- भजन संहिता 140ः 7; यशायाह 51ः 6;  59ः 16-17; रोमियों 8ः 6; 12ः 2; 2 कुरिन्थ्यिों 2ः16; 10ः5; इफिसियों 4ः 23; 6ः 17; कुलुस्सियों 3ः 2; 1 थिस्सलुनीकियों 5ः 8; तीतुस 1ः 2; 3ः 7; इब्रानियों 5ः 9; 1 पतरस 1ः 13)

Comments

Popular posts from this blog

पाप का दासत्व

श्राप को तोड़ना / Breaking Curses

भाग 6 सुसमाचार प्रचार कैसे करें?