पाप स्वीकृति की प्रार्थना

पाप स्वीकृति की प्रार्थना

पिता मैं प्रभु यीशु के रूधिर हेतु आपका धन्यवाद करता हूँ जो मुझे सब पापों से शुद्ध करता है। मैं प्रभु यीशु के नाम से आपके पास आता हूँ तथा प्रार्थना करता हूँ, कि आपके साथ तथा मेरे भाईयों एवं बहनों के साथ मेरा सम्बन्ध प्रभु यीशु में स्थापित हो जाए।

पिता आपका वचन कहता है कि यदि मैं अपने सब पापों को मान लूं तो आप मुझे सब पाप और अधर्म से क्षमा करने में विश्वास योग्य एवं धर्मी हैं। मैं आपकी उपस्थिति में आकर अपने पाप (नाम ........................) यह जानकर कि मैं सत्य हृदय से पूरे विश्वास के भरोसे पर आपके वचन रूपी जल के छिड़काव से मेरे विवेक के गंदे विचार एवं शरीर घोकर एवं पवित्र बन कर आपके निकट आ सकता हूँ।

पिता मुझ पर अनुग्रह कर के मेरे अपराधों को मिटा दे। मुझे इस अधर्म एवं पाप से धोकर पूर्ण साफ कर दे। यह पाप केवल आपके विरूद्ध है। प्रभु यीशु मैने जो पाप किया है वह आपकी दृष्टि में बुरा है। मैं आपसे क्षमा मांगता हूँ।

मैं दुखित था पर अब आनंदित हूँ। मुझे इसलिए दु:खी किया गया जिससे मैं पश्चाताप कर सकूं। आपकी वसीयत के अनुसार मेरा पश्चाताप मुझे अनन्त जीवन में आपके साथ ले चलता है। जब मैं पाप में मृतक था तब मैने आपका बहुतायत का जीवन पाया। जीवन की आत्मा के नियम से यीशु मसीह ने मुझे पाप और मृत्यु के नियम से स्वतंत्र किया है। जिसे पुत्र स्वतंत्र करे वह सचमुच स्वतंत्र हो जाता है, आपने उस भविष्य का लेखा जो मेरे विरूद्ध था मिटा डाला। उसे मेरे मार्ग से हटा कर अपने क्रूस पर ले लिया। अब मैं आपकी जीवन की आत्मा की स्वतंत्रता की नई वाचा के अनुसार चलने का चुनाव करता हूँ।

पिता मैं आपका धन्यवाद करता हूँ कि आपने मेरे अपराधों को मिटा डाला और उदयाचल से अस्ताचल जितनी दूर है आपने मेरे सारे पापों को मुझ से उतना दूर कर दिया है । (भजन संहिता 103ः 12)
मैं घोषणा करता हूँ कि आज के दिन से मेरे पाप पुनः स्मरण नहीं किये जाएंगे। यदि शैतान उन्हें वापस लाये तो उसे आपका सामना करना पड़ेगा। (1 यूहन्ना 1ः 7-9; 5ः 6-9; इब्रानियों 10ः 22; भजन संहिता 51ः1-4; 103ः 12; कुलुस्सियों 2ः 14; रोमियों 4ः 7; 8ः 2; यूहन्ना 5ः 24; 8ः 32; 2 कुुरिन्थियों 3ः 6-7; 7ः 9-19; यहेजकेल 18ः 11; 33ः 16)।

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