विश्वास की ढाल (सुरक्षित क्षेत्र)
विश्वास की ढाल
(सुरक्षित क्षेत्र)
परिभाषा:- ढाल एक रक्षात्मक हथियार है जिसे हमेशा बांए हाथ में लेकर, सैनिक के सम्पूर्ण शरीर की सुरक्षा के लिये उपयोग में लाया जाता है। ढाल को तेल से चमकाया जाता है ताकि यह सूर्य की किरणों को शत्रु पर उल्टा चमका कर उसे चकाचैंध कर सके। यह शत्रु के तीरो को भी रोकने में सहायक होता है।
उपयोग:- ढाल बचाव और सुरक्षा को प्रदर्शित करता है। हमारे विश्वास की ढाल हमारे अन्य हथियारों के सहयोग से कार्य करती है। यह शत्रु के शंका, भय और अविश्वास के जलते तीरों को बुझा कर उसे अंधा करता है। इच्छा तथा मस्तिष्क इनके चलन को नियंत्रित करता है।
घोषणा:- प्रभु यीशु आप मेरे विश्वास की ढाल है। मेरा मनुष्यत्व आपके साथ क्रूसित हुआ है और जो जीवन मैं जीता हूँ, आप पर विश्वास में जीता हूँ। मैं शैतान का सामना दृढ़ विश्वास से करूंगा। आपको मेरी ढाल बनने के लिए धन्यवाद। मैं परिस्थितियों या आँखो पर नहीं वरन तुझ पर भरोसा रखता हूँ। मैं विश्वास पर भरोसा रख कर चलने को चुनता हूँ। मैं विश्वास वचन बोलूंगा तथा बिना शंका के विश्वास से मांगूगा। आपका वचन मेरी सामर्थ है। पिता आपको धन्यवाद, अपने वचन को कार्य करने की चैकसी हेतु आप सचेत एवं क्रिया शील हैं। यह मुझे दुष्ट से बचाता है ‘‘यह लिखा है’’ शैतान मुझसे डर कर भागता है क्योंकि मैं आपके निकट आता हूँ और विश्वास की ढाल उठा कर जो पवित्र आत्मा के तेज से अभिषेक है, शैतान का सामना प्रभु यीशु के नाम से करता हूँ।
विश्वास:- केवल भरोसा करना, परमेष्वर ने जो कहा मान लेना। विष्वास प्रभु यीशु पर सभी बातों के लिये सम्पूर्ण भरोसा चाहता है।
पुष्टिकरण:- नीति वचन 30ः 5; यिर्मयाह 1ः 12; 2 कुरिन्थ्यिों 5ः 7; गलतियों 2ः 20; इफिसियों 6ः 16; कुलुस्सियों 1ः 10-11; इब्रानियों 10ः 22; 11ः 1; याकूब 1ः 6; 4ः 7; 1 पतरस 1ः 5; 5ः 9; 1 यूहन्ना 5ः 10)
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