प्रभु यीशु के पचास नाम, उपाधि, अधिकार एवं कार्य क्षेत्र
प्रभु यीशु के पचास नाम, उपाधि, अधिकार एवं कार्य क्षेत्र
2. सर्वशक्तिमान (प्रकाशित वाक्य 1ः 8)
3. जीवन की रोटी (यूहन्ना 6ः 48)
4. आज्ञाकारी दास (फिलिप्पियों 2ः 6-8; मत्ती 20ः 28)
5. परमेश्वर का एकलौता पुत्र (यूहन्ना 1ः 14; प्र.वा. 1ः 5)
6. यात्रा करने वाला (यूहन्ना 20ः 21; मरकुस 1ः 38; लूका 13ः 33)
7. परमेश्वर का वचन (यूूहन्ना 1ः 1-14; प्रकाशित वाक्य 19ः 13)
8. कलीसिया स्थापक और शिरोमणि (मत्ती 16ः 18; इफिसियों 1ः 22-23)
9. तरस खाने वाला (मत्ती 9ः 36; 14ः14; मरकुस 1ः 40-41)
10. अथाह प्रेम करने वाला (रोमियों 8ः 35-39)
11. परमेश्वर का प्रतिरूप (कुलुस्सियों 1ः 15)
12. परमेश्वर का तेज (यशायाह 60ः 1)
13. अनन्त जीवन (यूहन्ना 3ः 16; 1 यूहन्ना 5ः 11; 3ः 15)
14. अल्फा और ओमेगा - आदि और अन्त (प्र. वा. 1ः 8; 22ः 3; यूहन्ना 1ः 1; कुलुस्सियों 1ः 18; 1 यूहन्ना 1ः 1)
15. इमानुएल अर्थात् परमेश्वर हमारे साथ (मत्ती 1ः 23; यशायाह 7ः 14)
16. यीशु अर्थात् उद्धारकर्ता (मत्ती 1: 25; 1ः 21)
17. मसीहा अथात् अभिशिक्त (यूहन्ना 11ः 27)
18. पापियों का मित्र (मत्ती 11ः 19; यूहन्ना 15ः 14-15)
19. पाप क्षमा करने वाला (1 यूहन्ना 1ः 7-9; यूहन्ना 8ः 34-36; मरकुस 2ः 10)
20. भटके हुओं को खोजकर बचाने वाला (लूका 19ः 10; 9ः 56)
21. शान्ति का राजकुमार (यशायाह 9ः 6; प्रेरितों के काम 3ः 15)
22. महायाजक (इब्रानियों 9ः 11; 2ः 17)
23. सृष्टिकर्ता (कुलुस्सियों 1ः 16; इफिसियों 3ः 9-10)
24. चिन्ह और चमत्कार करने वाला (प्रेरितों के काम 2ः 22; 3ः 16; 4ः 7-10)
25. पवित्र जन (मरकुस 1ः24; लूका 4ः34; प्रेरितों के काम 2ः27)
26. वापस आने वाला (मत्ती 24ः 29-39; 2 कुरिन्थियों 15ः 23)
27. भेजने वाला (मत्ती 28ः 19; मरकुस 16ः 15; प्र.वा. 1ः 8)
28. शत्रु के ऊपर अधिकार देने वाला (लूका 10ः 19; 9ः 1-2)
29. मनुष्य का पुत्र (मत्ती25ः 31) स्त्री का बीज (उत्पत्ति 3ः 15)
30. मध्यस्थता करने वाला (इब्रा 7ः 25; रोमियों 8ः 34)
31. मुर्दों को पुनर्जीवन देने वाला (यूहन्ना 11ः 25-26)
32. स्वर्ग और नरक की कुंजी का स्वामी (प्र.वा. 1ः18; मत्ती 16ः19)
33. जगत की ज्योति (यूहन्ना 8ः 12)
34. शत्रु नाशक (2 थिस्सलुनीकियों 2ः 8; 1 यूहन्ना 3ः 8)
35. फसल का स्वामी (मत्ती 9ः 37-38; लूका 10ः 2; यूहन्ना 4ः 35-38)
36. मार्ग, सत्य और जीवन (यूहन्ना 14ः 6; 14ः 17; 8ः 32, 36)
37. जीवन की किताब का स्वामी (प्रकाशित वाक्य 3ः 5; 21ः 27)
38. गरीबों का प्रभु (2 कुरिन्थियों 8ः 9; लूका 6ः 20; 4ः 18; याकूब 2ः 5)
39. श्राप तोेड़ने वाला (गलतियों 3ः 13-14; कुलु. 2ः 13-15)
40. राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु (1 तीमुथियुस 6ः 15; प्रकाशित वाक्य 17ः 14; 19ः 16)
41. ‘‘मैं हूँ’’ (यूहन्ना 8ः 58; निर्गमन 3ः 14)
42. सब जातियों का प्रभु (प्रकाशित वाक्य 5ः9-10; मरकुस 11ः17)
43. अच्छा चरवाहा, द्वार और समृद्ध जीवन (यूहन्ना 10ः 9-11)
44. परमेश्वर का मेम्ना (यूहन्ना 1ः 29; प्रे.के काम 8ः 32-33)
45. वरदान देने वाला (इफि 4ः 7-12; मत्ती 16-19)
46. जिसके वचन टल नहीं सकते (लूका 21ः 33)
47. जिसके नाम से शैतानिक शक्तियां कांपती हैं (याकूब 2ः 19)
48. छुटकारा देने वाला (कुलुस्सियों 2ः 13; अय्यूब 19ः 25; यशायाह 63ः 16)
49. चंगा करने वाला (यशायाह 53ः 5; भजन संहिता 107ः 20; मत्ती 4ः 24)
50. न्यायकर्ता (यूहन्ना 5ः 22; 5ः 30; मत्ती 25ः 31-46)
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