प्रभु यीशु का नाम हमारा अधिकार
प्रभु यीशु का नाम हमारा अधिकार
प्रभु यीशु के नाम से स्वर्ग, पृथ्वी और नरक में सब जगह घुटने टिकेंगे। क्योंकि आप पवित्रात्मा का मन्दिर हो और वही आत्मा आप में वास करती है इसलिए आप उसका नाम इस रीति से इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि वह स्वयं यहाँ है।
मैंने तुम्हें शत्रु की सारी सामर्थ पर अधिकार दिया है। (लूका 10ः 19)
यह प्रभु यीशु की प्रतिज्ञा है। प्रभु यीशु ने अपने चेलों को शैतान के ऊपर सामर्थ और अधिकार दिया और उसने उन्हें यह भी अधिकार दिया कि वे उसके नाम से परमेश्वर से माँगें।
और जो कुछ तुम मेरे नाम से मांगोगे वह मैं करूँगा ताकि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो। यदि तुम मेरे नाम से कुछ मांगोगे तो मैं तुम्हें दूँगा। (यूहन्ना 14ः 13-14)
इसलिए परमेश्वर ने भी उसे सबसे ऊँचा उठाया और उसे वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है ताकि प्रभु यीशु के नाम पर हर एक घुटना जो स्वर्ग, पृथ्वी और पृथ्वी के नीचे है झुक जाए। (फिलिप्पयों 2ः 9-10)
प्रभु यीशु के नाम पर सभी को झुकना है इसलिए प्रभु यीशु का नाम मल्लयुद्ध में प्रयोग करें। परमेश्वर उसे पहिचानता है और शैतान तथा उसकी सेना भी उसे पहचानती है। इसलिये अपने प्रभु यीशु का नाम बोलकर शैतान को भगाएं।
प्रभु यीशु के नाम का प्रयोग एवं अधिकार लेकर प्रभावशाली प्रार्थना करने का उदाहरण यहां दिया गया है।
प्रभु यीशु के अधिकार से एवं उसके बहूमूल्य रूधिर से शैतान मैं तुझे इफिसियों 6ः 12 के अनुसार बांधता हूँ और तेरी सारी ताकत को इस स्थिति पर तोड़ता हूँ मैं (व्यक्ति का नाम...........................) को तेरी पकड़ से छुड़ाकर तेरे कामों को नष्ट करता हूँ तथा तेरे योजनाओं को प्रभु यीशु के नाम से नष्ट करता हूँ।
पिता मैं प्रार्थना करता हूँ कि तेरी इच्छा पूरी हो और मैं आपको धन्यवाद देता हूँ यीशु के नाम से और उसके अधिकार से मैं इसके पूर्ण होने की घोषणा करता हूँ।
पवित्र आत्मा की सामर्थ जो आपमें है आपको प्रभु यीशु के नाम से शैतान को हटाने का अधिकार देता है। जैसे एक ट्रैफिक पुलिस मुख्य सड़क के बीच में खड़ा होकर एक बड़े ट्रक को हाथ उठा कर रोकने का संकेत देकर रोक सकता है। पुलिस अपनी वरदी के अधिकार के कारण यातायात को रोक सकता है। मध्यस्थ को भी दिये गये अधिकार का प्रयोग कर शैतानिक फौंजों को अधिकार सहित तोड़फोड़ से रोकना चाहिए।
और जो प्रभु की संगति में रहता है, वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है। (1 कुरिन्थियों 6ः 17)
कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्व में सामर्थ पाकर बलवंत होते जाओ। (इफिसियों 3ः 16)
और उसी की आत्मा जिसने प्रभु यीशु को मरे हुओ में से जिलाया तुम में बसी हुई है तो जिसने मसीह को मरे हुओं में से जिलाया वह तुम्हारी मरणहार देहों को भी अपनी आत्मा के द्वारा जो तुम में बसा हुआ है जिलाएगा। (रोमियो 8ः 11)
प्रभु यीशु के साथ आपका व्यक्तिगत सम्बन्ध ही प्रभु यीशु के नाम का अधिकार लेने की चाबी है। प्रभु के साथ उसकी संगति में समय बिताने की सहभागिता ही आपको आश्वासन देती है कि आप इस अधिकार का उसकी महिमा के लिये ही प्रयोग करें। पतरस और यूहन्ना का उदाहरण स्मरण करें कि वे मंदिर के फाटक पर बैठे लंगड़े व्यक्ति से बोलते हैं (प्रेरितों के काम 3ः 1-8)। दूसरी तरफ बिना समुचित अधिकार के प्रभु यीशु का नाम लेने वालो पर क्या घटना हुई। (प्रेरितों के काम 19ः 11-17)
यदि आप प्रभु यीशु मसीह के साथ सही रिश्ते से चल रहे हैं और तब आप प्रभु यीशु मसीह के नाम का उपयोग करेंगे तो शत्रु को आपके अधिकार के आधीन मज़बूरन आना पड़ेगा।
और विश्वास करने वालों में ये चिन्ह होंगे कि वे मेरे नाम से दुष्टात्माओं को निकालेंगे, नई-नई भाषा बोलेंगे, साँपों को उठा लेंगे, और यदि वे नाशक वस्तु भी पी जाएं तो भी उनकी कुछ हानि न होगी। वे बीमारो पर हांथ रखेंगे और वे चंगे हो जाएंगे। (मरकुस 16ः 17-18)
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