मैं किस आसन में प्रार्थना करूं ?
मैं किस आसन में प्रार्थना करूं?
जिस प्रकार प्रार्थना करने हेतु कई स्थान हैं उसी प्रकार प्रार्थना करने हेतु विभिन्न आसन भी हैं, परन्तु अपने को पवित्र आत्मा पर छोड़ने और अगुवाई करने देने पर आसन का महत्व नहीं रहता।
यहां बाइबल में वर्णित कई उदाहरण दिये हैं।
(1) बैठकर : 1 इतिहास 17ः 16-27
(2) घुटने टेक कर : 1 राजा 8ः 54; एज्रा 9ः 5; लूका 22ः 41;
(3) माथा टेक कर : निर्गमन 34ः 8; भ.स. 72ः 11; नहेम्याह 8ः 6
(4) खड़े रह कर : नहेम्याह 9ः 5; मरकुस 11ः 25; लूका 18ः 13
(5) चलते हुए : 2 राजाओं का वृतांत 4ः 35
(6) हाथों को उठाकर : 2 इति. 6ः12-13; भ.स. 63ः4; 1 तिमु. 2ः8
(7) साष्टांग : यहोशू 7ः 6; मत्ती 26ः 39; मरकुस 14ः 35
जिस आसन में भी आप प्रार्थना करते हैं, आपका हृदय ठीक स्थिति में होना चाहिए। किसी भी आसन को एक रीति-रिवाज न बनाएं परन्तु हर परिस्थिति में आत्मा में प्रार्थना कीजिए।
(1) बैठकर
1 इतिहास 17ः 16-27
(3) माथा टेक कर
निर्गमन 34ः 8;
भजन संहिता 72ः 11;
नहेम्याह 8ः 6
(4) खड़े रह कर
नहेम्याह 9ः 5;
मरकुस 11ः 25;
लूका 18ः 13
(5) चलते हुए
2 राजाओं का वृतांत 4ः 35
हाथों को उठाकर
2 इतिहास 6ः 12-13;
भजन संहिता 63ः 4;
1 तिमुथियुस 2ः 8
साष्टांग
यहोशू 7ः 6 एज्रा 10ः 1; मत्ती 26ः 39; मरकुस 14ः 35
Comments
Post a Comment