मेल के सुसमाचार के जूते (सुरक्षित क्षेत्र)

 मेल के सुसमाचार के जूते

(सुरक्षित क्षेत्र)

परिभाषा:- मेल के सुसमाचार की तैयारी का अर्थ है, तैयार रहना या तैयारी से सुसज्जित रहना, जो अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक सैनिक को खड़े रह कर बचाव करना तथा साथ-साथ शत्रु से लड़ाई करने दौड़ना पड़ता है। उसके जूते धातु की पट्टी से कसे रहते हैं जिसके कारण वह मजबूती से युद्ध कर सकता है।


उपयोग:- पांव परमेश्वर के साथ चलना दर्शाते हैं। चलना आपकी गवाही के वचन, आपके गुण एवं व्यवहार को दर्शाता है। पहनने का अर्थ है बांधकर या कसर जूते पहिनना और चलने के आदेश के लिये तैयार हो जाना। घर के भीतर पहुचने पर जूते उतार दिये जाते हैं तथा जाते समय पुनः पहन लिये जाते हैं। सुसमाचार अर्थात् अच्छा समाचार यह है कि प्रभु यीशु मसीह को हमारे पापों के एवज में क्रूस पर चढ़ाया गया। मृतकों में से जिलाया गया तथा शत्रु को परास्त किया। मेल का अर्थ झगड़े या अनबन से स्वतंत्रता और मन की शांति जो प्रभु यीशु से मिलती है। यह मेल-मिलाप के चलन का आधार है।

घोषणा:- प्रभु यीशु आप मेरा मेल हैं। आप मेरे जीवन में परमेश्वर पिता की परिपूर्णता तथा शान्ति लाए हैं। आपकी शान्ति मुझे शरीर, प्राण एवं आत्मा में पूरी तरह पवित्र करे। मैं अपने पावों में आपके सुसमाचार के जूते पहनता हूँ। आपकी शान्ति में मैं आज झगड़े रहित गंम्भीर इच्छा से चलना चाहता हूँ। मेरे पांवो को ठोकर से बचाने एवं मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद। मेरे पांव सुसमाचार से कभी न हटें क्योंकि मैं अच्छे समाचार से लज्जित नहीं हूँ। आपका सुसमाचार प्रत्येक विश्वास करने वाले के उद्धार हेतु परमेश्वर की सामर्थ है क्योंकि मेरे पांव आपके मेल में सुरक्षित हैं। मैं पवित्र आत्मा की अगुवाई में किसी भी दिशा में चलने को तैयार हूँ। मुझे हमेशा तैयार रखें ताकि मैं शत्रु की सीमा को साहस से कुचल कर बंधुओं को शैतान के बंघन से आजाद करने पाऊं ?

पुष्टिकरण:- निर्गमन 12ः 11; 1 शमूएल 2ः 9; भजन संहिता 18ः 33; भजन संहिता 66ः 8-9; यषायाह 26ः 3; मत्ती 12ः 18,20; रोमियों 1ः 16; इफिसियों 6ः 15; कुलुस्सियों 1ः 20; 1 थिस्सलुनीकियों 5ः 23)

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