प्रार्थना सूचनाएं
प्रार्थना सूचनाएं
निम्नलिखित मार्गदर्शन आपको किसी तरह सीमित करने हेतु नहीं दिये गये हैं। यद्यपि हमने आपको परमेश्वर से वार्तालाप एवं संगति स्थापित करने की दि में एक नींव रखने का प्रयास किया है।
यह अत्यन्त आवश्यक नहीं है कि आपको हमेशा महान प्रकाशन मिले या आप विवेकपूर्ण प्रार्थना करें परन्तु आप प्रार्थना की बुलाहट हेतु विश्वास योग्य बने रहें।
यदि आप आज्ञाकारी हैं तो परमेश्वर की सामर्थ बहना शुरू हो जाएगी। यद्यपि आप उन विशिष्ट उत्तरों को जो प्राप्त हो, समझने में असमर्थ हों, आप प्रभु यीशु की देह में जागृति और सामर्थी देखने पाएंगे। (इब्रानियों 11ः 13,39)
जब आप प्रार्थना शुरू करें तो उन तथ्यों से शुरू करें जो आप जानते हैं। वचन और प्रतिज्ञाओं को जो उसकी संतान हेतु दी गई है प्रार्थना करें।
हमेशा पवित्र आत्मा को अधिकार दें। स्मरण रखें कि आप सेना में केवल एक सिपाही हैं। पवित्र आत्मा पर आधारित रहें। अपने अर्तमन पर नहीं। (रोमियो 8ः 26)
अपनी मातृभाषा में समझ से प्रार्थना तथा भजन गाते हुए और आत्मा में। (1 कुरिन्थियों 14ः 15)
विश्वास में प्रार्थना करें और स्वर्गीय हस्तक्षेप की आशा करें। आत्मविश्वास में भर कर प्रार्थना करें। (2 कुरिन्थियों 4ः 18; इब्रानियों 11ः 6; 1 यूहन्ना 5ः 14-15)
सुनने हेतु ठहरे, यह वातार्लाप का जरूरी भाग तथा सफल मध्यस्थता की कुन्जी है। उत्तर आने तक प्रार्थना करते रहें। तब तक ठहरे रहें जब तक पवित्र आत्मा द्वारा निश्चिंतता न प्राप्त हो। (लूका 11ः 5-10; 18ः 1-8)
प्रतिउत्तर में देरी अकसर विजय की कसौटी है। परमेश्वर तुरन्त आज्ञा मानने को पसंद करता है।
वचन पर मनन करें- अपने मस्तिष्क को नया बनाएं। निश्चय करें कि प्रत्येक पाप प्रभु यीशु के रूधिर के नीचे है। अपने ह्नदय में क्षमा नहीं किये जाने के विचार को जड़ पकड़ने न दें। (यहोशू 1ः 8; नीति वचन 4ः 20-24; इब्रानियों 10ः 22; 1 यूहन्ना 1ः 6,9)
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