वचन और हमारी गवाही - हमारी नींव
वचन और हमारी गवाही-हमारी नींव
यह हथियार अंत में दर्शाया गया है, इस कारण नहीं कि यह सबसे कम महत्वपूर्ण है परन्तु क्योंकि इसी नीव पर सम्पूर्ण शस्त्रागार ठहरा हुआ है। जो कुछ भी आप आत्मिक मल्लयुद्ध में करते हैं परमेश्वर के वचन की नींव पर आधारित होना चाहिए।
वचन आपके लिए कार्य करे या आपके विरोध में। प्रभु यीशु के समान उसका उपयोग करना सीखें। यह उसी का वचन है जो आप में वास करता है जो आपके वचन में विश्वास की उपस्थिति उत्पन्न करता है। (यूहन्ना 15ः 7-8)
और उद्धार का टोप और आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है ले लो। (इफिसियों 6ः 17)
क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, प्रबल और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है। यह जीव और आत्माओं, गांठ-गांठ और गूदे-गूदे को अलग करके आरपार छेदता है तथा मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है। (इब्रानियों 4ः 12)
आप भी शैतान के विरूद्ध परमेश्वर का वचन उपयोग करना सीख सकते हैं जैसा यीशु ने शैतान द्वारा प्रलोभन करने पर किया था। उसने उत्तर दिया ‘‘यह लिखा है... यह लिखा है... यह लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी से नहीं परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुंह से निकलता है जीवित रहेगा। प्रत्येक समय उसने परमेश्वर का वचन बोला और वह विजयी हुआ। (मत्ती 4ः 4,7,10; 10ः 32)
जब आप परमेश्वर के वचन को ऊंची आवाज में बोल कर प्रतिज्ञा को अंगीकार करते हैं तो प्रभु यीशु आपको परमेश्वर के सामने अंगीकार करता है। जितना ज्यादा आप परमेश्वर के वचन को जाने और उसे अंगीकार करें, विजय उतनी ही ज्यादा प्रभावशील होगी।
आपके पास आत्मा में वचनों का खजाना होना चाहिए जिसे आप आवश्यकता अनुसार प्रयोग कर सकते हैं।
दूसरा प्रभावशाली मार्ग परमेश्वर के वचन को हथियार के रूप में उपयोग करने का है। प्रतिज्ञाओं का दस्तावेज जो विशेष स्थिति के उपर दिया गया परमेश्वर का वचन है। प्रतिज्ञाओं का दस्तावेज आत्मिक मल्लयुद्ध हेतु एक बहुमुल्य हथियार होता है।
वेब्स्टर शब्द कोश के अनुसार एक दस्तावेज - एक पाठ, एक सबूत, कुछ भी छपा हुआ, लिखित, रिकार्ड पर भरोसा करना, या कुछ भी सबूत देना है। कुछ भी जो सबूत के रूप में हो, सबूत या सहायक, या दस्तावेज से संदर्भित।
आइये बाइबल के कुछ दस्तावेजों को देखे:-
परमेश्वर ने मूसा को सिनाई पर्वत पर उसके वचनों का दस्तावेज इस्राएलियों हेतु पत्थर की पटियाओं में लिखने कहा। परमेश्वर ने उन्हें इतना महत्व दिया कि जब मूसा ने उसे तोड़ दिया तो परमेश्वर ने तुरन्त फिर से अपनी ऊंगली से लिखा। इन्हें दस आज्ञाओं के नाम से जाना जाता है।
और परमेश्वर ने मूसा से कहा ये वचन लिख ले क्योंकि इन्हीं वचनों के अनुसार मै तेरे और इजराइल के साथ वाचा बांधता हूँ। (निर्गमन 34ः 27)
जब उसके लोग बंधुवाई से यरूशलेम लौटे, नहेम्याह ने आदेश दिया कि वे अपने वाचा के सम्बंध को परमेश्वर के साथ नया करें। इस सबके कारण हम सच्चाई के साथ वाचा बांधते और लिख भी देते हैं। हमारे हाकिम, लेवीय और याजक उस पर छाप लगाते हैं। (नहेम्याह 9ः 38)
परमेश्वर ने यहेजकेल को युद्ध का दस्तावेज लिखने को कहा। यहेजकेल पर नबूकदनेस्सर राजा के हृदय को प्रकाशित किया कि वह किस प्रकार चारों ओर से यरूशलेम पर आक्रमण करेगा। परमेश्वर ने यहेजकेल को दिनांक भी लिख लेने हेतु निर्देश दिया था ताकि कुछ समय बाद वह जान-जाए कि जो कुछ परमेश्वर ने उसे बताया था सच ही था।
नवे वर्ष के दसवें महीने के दसवें दिन को परमेश्वर का यह वचन मेरे पास पहुंचा, हे मनुष्य के संतान, आज का दिन लिख कर रख, क्योंकि आज ही के दिन बाबुल के राजा ने यरूशलेम आ घेरा है। (यहेजकेल 24ः 1-2)
भविष्यवक्ता हब्बक्कूक को परमेश्वर ने आदेश दिया कि उस दर्शन को लिख ले जो उसे अंत समय की गवाही के लिये दिया गया है।
परमेश्वर ने मुझ से कहा दर्शन की बातें लिख दे, वरन् पटियाओं पर साफ-साफ लिख दे कि दौड़ते हुए भी वे सहजता से पढ़ी जांए क्योंकि इस दर्शन की बातें नियत समय में पूरी होने वाली हैं और इसके पूरे होने का समय वेग से आता है, ताकि इसमे धोखा न होगा। चाहे इस में विलम्ब भी हो तो भी उसकी बाट जोहते रहना क्योंकि वह निश्चय पूरी होंगी और उसमें देर न होगी। (हबक्कूक 2ः 2-3)
प्रतिज्ञा का एक दस्तावेज, एक लिखित प्रमाण है जो किसी वचन की गवाही या प्रतिज्ञा देता है तथा इस पर हस्ताक्षर एवं तारीख लिखे रहते हैं।
कई मध्यस्थों ने लेख लिखना अत्यन्त सहायक पाया जब उन्होंने दैनिक विवरण में परमेश्वर के वचन अपने प्रार्थना समय में पाये थे। परमेश्वर इन शब्दों को बहुत बड़ी इज्जत देता है। वह इनके पीछे खड़ा होकर इन्हें सफल होने देगा। यदि वे उसकी इच्छा एवं वचनों के अनुसार हैं।
किसी प्रतिज्ञा का दस्तावेज बाइबल की एक आयत या अंश है जो आपकी आत्मा में प्रार्थना सहभागिता के समय डाला गया है। यह एक सीधा शब्द भी हो सकता है जो पवित्र आत्मा द्वारा डाला गया हो। यह आपकी आत्मा में किये गये प्रकाशन को उल्था करने देगा। यह सब हमेशा परमेश्वर के वचन तथा गुणों के स्वरूप होगा।
इस कारण आपको जब वचन मिले तो लिख कर तारीख दर्ज कर दें। बाद में आप आशीषित होंगे। आप याद करेंगे कि किस प्रकार परमेश्वर ने आपको वह आश्चर्य कर्म अपने प्रकाशन के अनुसार पूरा किया।
आप आत्मा की तलवार को इस प्रकार उपयोग कर सकते हैं।
1. शत्रु के लिए वचनों को बोले जो उसकी हार उसे याद दिलाते हैं। (जैसे कुलुस्सियों 2ः 15)
2. परमेश्वर की प्रतीज्ञाओं को बोले जब आप किसी व्यक्ति के एवज में दावा कर रहे हैं। (जैसे फिलिप्पियों 2ः 10-22)
3. जिस व्यक्ति या परिस्थिति हेतु आप मध्यस्था कर रहे हैं, उसके लिये परमेश्वर से निर्देश हेतु वचन मांगे।
उदाहरण:- गम्भीर बीमार हेतु प्रार्थना, परमेश्वर वचन देगा साथ ही आयत जैसे यह बिमारी मृत्यु हेतु नहीं है। (यूहन्ना 11ः 4) तब इसे लिख लें तथा प्रार्थना में मजबूती से लगे रहें जब तक उत्तर न आ जाय।
4. पवित्र आत्मा को वचन डालने की अनुमति दें उत्सहित एवं सुधार करने हेतु तथा आपकी मध्यस्थता हेतु मार्गदर्शन एवं रणनीति देवें।
Comments
Post a Comment