सताव / Persecution

सताव / Persecution & the Gospel
लूईस बुश ने 18 दिसम्बर 2018 में लिखा था:- इस पत्र को पढ़िये जो चीन देश के मसीहियों के सताव के विषय में लिखा गया है और उनके लिये उत्साही केन्द्रित प्रार्थना अभियान चलाये विशेषकर उन पासबानों के लिये जिन्होंने एक प्रमाणिक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने अपने दृढ़ विश्वास यशुवा मसीह पर किया है और हिदायत दी है कि वे मसीह में अपने भाई बहन के लिये जो उत्तरीय कोरिया देश में रहते है। ‘‘इसबार, सरकार ने चेंगडू की कलीसिया को बन्द कर दिया तथा कलीसिया के अनेक सदस्यों को कैद कर दिया। कुछ सदस्यों को उनके बच्चों समेत दूसरें शहर में भेज दिया। पास्टर वांग जो वरिष्ट सेवक है अभी तक लापता है, उन की पत्नी अपने ही घर में बन्दी की गई है क्योंकि उनको भड़कानेवाला माना जाता है। 

लूईस एक रोचक घटना इसी प्रकार की भारत के उत्तर प्रदेश के एक शहर में घटी पत्र लिखकर विक्टर ने बताया, हिन्दू राष्ट्रीय प्रदेश की सरकार में बड़े समूह को जो कि 4 से 5 हजार की संख्या में ईतवार को एक खुले स्थान में एकत्रित होते थे। पास्टर और कुछ लोगों को पुलिस हिरासत में ले गई और जितने विश्वासी उसी स्थान में जाते थे उन्हें मारा और पीटा गया।

जैसेः मैं पिछले कुछ सालों से सताव सम्बन्धित खबर को सुनता था तो वहां के लोगो ने मुझ से पूछा कि हम क्या करें? मैंने उन से कहा वही करो जो यीशु मसीह ने तुम्हें बताया है। उन्होंने मुझ से पूछा यीशु ने उन्हें क्या सिखाया? मैंने उन्हें शुरू करने के लिये कहा जैसा मत्ती 5:11-12 में लिखा है आनन्दित और मगन हो, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हारे लिये बड़ा प्रतिफल है। दूसरा यह कि तुम अपने शत्रुओं से प्रेम करो और उनके लिये प्रार्थना करो जिससे तुम स्वर्गिय पिता की संतान बन सको (मत्ती 5:44-45)

तब उन्होंने मुझ से पूछा कि ‘‘हम कैसे प्रार्थना करें? मैंने उन से कहा कि जैसे शिष्य प्रार्थना करते थे जब लोग उन्हें धमकी देते थे ’’अब हे प्रभु उनकी धमकियों को देख, अब तू अपने हाथ को बढ़ा कि चिन्ह और अद्भुत कार्य तेरे द्वारा किये जायें और दूसरा, हमें हियाव दे कि तेरे वचन को निडरता से प्रचार करें।’’ (प्रेरितों के काम 4:29-30)

उन्होंने उन से कहा ‘‘क्यों नही जिस जगह पर वे मिलते थे वहीं मिले? मैंने उन से कहा वही करो जो वे किया करते थे। जब 3000 हजार लोंगो ने बपतिस्मा लिया उन्होंने मन्दिर जाना बन्द कर दिया। वे घर-घर रोटी तोड़ते और परमेश्वर का संपूर्ण ज्ञान बांटते थे। (प्रेरितों के काम 20:20,27) और जब सताव यरूशलेम में आरंभ हुआ और स्तेफनुस शहीद हुआ, विश्वासी तितर बितर हो गये और सुसमाचार वायरल हो गया, क्योंकि वे सुसमाचार यहूदी और अन्य जातियों को जहां वे जाते थे सुनाते थे। प्रेरितों के काम (8:4,11-20,21)।

परिणाम स्वरूपः- नये विश्वासी प्रतिदिन जुड़ते गये (प्रेरितों के काम 2:47) शिष्यों की संख्या में बढ़ोत्तरी (प्रेरितों के काम 6:1,7) नई कलीसिया प्रतिदिन बढ़ती गई। 

अन्त में उन्होंने पूछा कि हमें उनके लिये जैसे पास्टर और अन्य लोग जो पुलिस हिरासत में है, उनके लिये क्या करना चाहिए? फिर मैंने उन से कहा, जैसे यीशु ने उनको बताया वैसे ही करो? फिर मैंने उनसे कहा कि अपने दोष लगाने वाले के साथ तुरन्त सुलह कर लो जब आप पुलिस की हिरासत में है तभी अपना समस्या/मुद्दा तुरन्त सुलझा लो, नही हों उनको बेल से निकालने में तथा कोर्ट कचहरी में बहुत समय लग जायेगा और उस की कोई ग्यारन्टी नही की उन्हें न्याय मिले (मत्ती 5:12)। उन्हेंने कहा कि हमें आपके पास आकर कुछ समय बिताना है मैंने उनके साथ समय बिताने का स्वागत किया।

हमें यह मालूम है कि सच्चे विश्वासियों को सताव अवश्य आयेगा ‘‘यदि उन्होंने यीशु को सताया तो तुम्हें भी और आपको सताया जायेगा (यूहन्ना 15:20बी)

यह हमें मानवीय बुद्धि के अनुसार नही परन्तु बाईबिल की शिक्षा पर विश्वास करना है (लूका 10:1-8) पहली बात यह है कि हमें दिखावा और हो हल्ला कम करना होगा। जैसे तीकड़ी कलीसिया मंे दोनो बातें नही है और प्रभाव पूर्ण कलीसिया वही है जहां पर मसीह उपस्थित है जैसे (मत्ती 18:18-20)

मेरे इतने सालों में अनुभव किया है कि में बहुदा सताव स्वंय आते है, जहां बड़ी भीड़ इकट्ठा करना, कान फोडू (संगीत) वादक और प्रचार, खुले रीति से लोगों को बड़ी संख्या में बपतिस्मा देना, बड़े भवन बनाना, जहां कुछ लोग होते ईटा और गारा के मकान में परमेश्वर के राज्य में हानिकारक सिद्ध होते जो इतिहास इसकी पुष्टी करती है। (प्रेरितों के काम 7:48,49)

दिखावटी और असमय बडे़ दिन के जश्न, दिखावटी उचें प्रचारकों के पोस्टर जो चंगाई और दुष्टात्मा से छुटकारा की गैरन्टी देते है, इत्यादि, उन मसीह विरोधी स्थानों में और एक अन्य प्रकार का सताव जो स्वंय अन्दर से आता है, परन्तु एक सब से खतरनाक सताव वह है जहाँ सताव नही है क्योंकि शैतान नही सोचता की इन लोगों का सताव करने से समय बर्बाद करने की जरूरत नही है।

अन्त में बाईबिल में कई प्रकार के कलीसिया पाई जाती है। जैसे की 

1. गरमः- जो महान आदेश की आज्ञ मानते है (मत्ती 28:18-20)
2. गुन-गुनाः- बेन्च गरम करने वाले।
3. ठन्डाः- मृतक (प्रकाशित वाक्य 3:15-16) ।
4. निकोलईयों: (सदस्यों पर विजयई) नियत्रिंत करने वाली और हुकूमत करने वाली (प्रकाशित वाक्य 2:6,14-15, 3यूहन्ना 1:11),

5. मनुष्य द्वारा नियंत्रित: - महान बाबुल भ्रष्ट कलीसिया विधर्मी कलीसिया, यशुवा गर्म कलीसिया को छोड़कर सब कलीसियाओं से घृणा करता है, क्योंकि वे कलीसियायें जो महान आदेश से अलग हो गई है उन्होंने विश्वासियों को एक राजकीय याजक के समाज में परिवर्तित कर के पृथ्वी पर राज्य करने का अधिकार दिया है।  

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