भाग 11 कलीसिया वृद्धी और पवित्र शास्त्र

भाग 11 कलीसिया वृद्धी और पवित्र शास्त्र

एन्ड्रू ले रूकस
इस प्रेरितों के काम के अध्ययन में, मै आप यह दिखाना चाहता हूँ कि प्रारम्भिक कलीसिया इतनी शीघ्रता से कैसे बढ़ी पेन्तेकुस्त के दिन कलसिया का आरम्भ 3000 सदस्यों से हुआ स्टीफेन नील अपनी पुस्तक “A History of Christion Mission में बताते हैं कि तीसरी शताब्दी के अन्त तक रोमी सम्राज्य कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं था जहाँ सुसमाचार नहीं पहुँचा। आईए हम नए नियम की कलीसिया वृद्धी के सिद्धान्त को देखें जिसमें तीन शताब्दी में सुसमाचार पूरे संसार में जाना गया।

1. परमेश्वर स्वंय कलीसिया में जोड़ता है। केवल एक ही प्रकार की कलीसिया वृद्धी जो कि राज्य में वास्तविक वृद्धी है। यह मनुष्य अपने पापी जीवन और विद्रोह पूर्ण अस्तित्व से ख्रीष्ट में नए जीवन के लिए बचाए जाएं।

हम पाचात्य देश हम अकसर संतो का एक स्थान दूसरे स्थान में रखने की गल्ती करते है। लोग एक चर्च से दूसरे में भेजे जाते है। खोए हुओं के सुसमाचार प्रचार के लिए वास्तविक कलीसिया वृद्धी विश्वासियों का एक चर्च से दूसरे चर्च में स्थान नहीं है। यह खोई हुई आत्माओं का बदलाव है जो कलीसिया में जोड़े जाते है। प्रभु पर विश्वासकरने वालो पुरूषों और स्त्रियों की भीड़ की भीड़ उनमें निरन्तर मिलती जा रही थी। (प्रेरितों के काम 5ः14)

इस तरह की वृद्धी यीशु की शिक्षा थे प्रति विश्वासयोग्यता है। मैं दाखलता हूँ, तुम डालियाँ हो। जो फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। (यूहन्ना 15ः5) यदि नए विश्वासी £ीष्ट की देह में नही जोड़, गए (स्थानयी चर्च) के हमारा परिश्रम पूर्णतः व्यर्थ है। 

कलीसिया वृद्धी के लिए कुंजी 
¨ हम तब तक नहीं कर सकते जब तक की हम ईश्वरीय प्रेरणा के साथ सहयोग नहीं करते। (2कुरिन्थियों 6ः1; इफिसियों 2ः10)

¨ फलवन्त होने के लिए हमें ख्रीष्ट में प्रतिदिन बने रहना है। (यूहन्ना 15ः4; प्रेरितों के काम 11ः21) 
¨ हमें सावधान रहना है कि हम शरीरिक तरीकों को कलीसिया वृद्धी के लिए काम ना लाएँ। (यर्मियाह 17ः5 यूहन्ना 6ः63; रोमियों 8ः5; गलाति 3ः3) चर्च जब बढ़ता जब लोगों का जीवित परमेश्वर से सामना होता है और पश्चाताप के साथ उसकी तरफ मुडें। जब परमेश्वर हमारे मानवीय अस्तित्व को तोड़ता है और लोगों का अचानक जीवित परमेश्वर से सामना होता है तब उनके हृदय सुसमाचार के संदेश की ओर खुल जाते है। 

जब पतरस ने लगड़े भिकारी को चंगा किया। (प्रेरितों के काम 3ः10) तब उसके बाद पतरस ने प्रचार किया इस से समस्त कलीसिया तथ सब सुनने वालों पर बड़ा भय छा गया। प्रभु पर विश्वास करने वलों पुरूषों और स्त्रियों की भीड़ की भीड़ उनमें निरन्तर मिलजी जा रही थी। (प्रेरितों के काम 5ः11,14) इसी तरह फिलिप्पी में दरोगा ‘‘और वह बत्ती मांग कर तेज़ी से भीतर गया और पौलुस तथा सीलास के सामने भय से कांपते हुए गिर पड़ा। और उन्हें बाहर लाकर उसने कहा, ‘‘सज्जनो, उद्धार पाने के लिए मैं क्या करूं? (मत्ती 16ः29-30) 

यह जानना रूचिकर है  कि लूका प्रारम्भिक कलीसिया की वृद्धी के विषय में क्या कहता है? अतः सारे यहूदिया, गलील और सामरिया की कलीसिया को शान्ति मिली, और उसकी उन्नति होती गई, और वह प्रभु के भय में चलती तथा पवित्र आत्मा के प्रोत्साहन में बढ़ती गई। (प्रेरितों के काम 9ः31) कलीसिया वृद्धी के लिए कुंजी हमारे चर्च और सेवकाई में लोगों का जीवित परमेश्वर से समझना होना चाहिए। हमें अपने जीवन में परमेश्वर के मय को महत्व देना है। (नीतिवचन 9ः10, रोमियों 3ः18 फिलिप्पियों 2ः12, इब्रानियों 12ः28,29)

लोग परमेश्वर के नाम से चिन्ह और चमत्कार के द्वारा जीवित परमेश्वर का सामना करते है। पवित्र शस्त्र स्पष्ट बताता है। कि चिन्ह और चमत्कार का अपने में ही अन्त नही है वे अक्सर परमेश्वर का तरीका है कि लोगो की सोच की नींव हिलाई जाए चेलो ने चिन्ह चमत्कार किए इनके द्वारा कलीसिया की अदभूत वृद्धी में बड़ा योगदान प्राप्त हुआ। (प्रेरितों के काम 5ः12-16) जब पतरस ने तबीथा को मृतकों में से जिलाया। (प्रेरितों के काम 9ः42) 

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