हनुक्का याने पुनह: समर्पण का पर्ब
हनुक्का याने पुनह: समर्पण का पर्ब
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दिसम्बर से संसार के सारे यहूदी लोग हनुक्का का पर्ब 8 दिन तक मनाएंगे. इस में वे
बहुत खुशियाँ मनाते हैं, एक दूसरे को तोहफा देतें हैं. कुछ लोग इसे यहूदियों का
क्रिसमस कहते हैं. इसकी शुरुवात ऐसी हुई कि अन्टियोकस नाम के सिरिया के बादशाह ने
इजराइल पर हमला कर 4०,०००
यहूदियों का बेरहमी से क़त्ल किया और अतिरिक्त 4०,००० को गुलाम बनाया फिर उनके मंदिर में कई देवी देवताओं कि मूर्तियाँ
स्थापित की और उनकी पवित्र वेदी पर सूवर कुर्बान कर उसे अपवित्र किया और उसके
अन्दर घुस कर अपने को एपिफनीस याने परमेश्वर घोषित कर दिया. यहूदा मक्क्बीस नामक
एक यहूदी ने इसके खिलाफ यहूदियों को इकट्ठा किया और एन्टीओकस की भारी फ़ौज को हरा
दिया. फिर उन्होंने ने मंदिर का शुद्धिकरण किया और उसका हनुक्का याने पुनः समर्पण
किया. इस बीच एक बड़ा चमत्कार हुआ कि दीपदान के लिए सिर्फ एक दिन के लायक तेल था और दूसरा तेल तैयार करने
के लिए पूरे 7 दिन लगते थे लकिन वो एक दिन का तेल पूरे 7 दिन चला.
इस
पर्ब का जिक्र पुराने नियम में नहीं पाया जाता लेकिन खुदावंद येसु ने इस पर्ब पर
यरूशलेम के मंदिर गए और जब उनसे पूछा गया के हमें साफ़ साफ़ बता दे कि तू मसीहा है
या नहीं तो उन्होंने साफ़ कह दिया कि मै और पिता एक हैं. इस पर यहूदियों ने पथरवाह
करने के लिए पत्थर उठा लिया.
पहली
बार तो यहूदियों ने सही निर्णय लिया था जब उन्होंने एन्टीओकुस एपिफनीस को नामंजूर
किया था लेकिन जब उनके पास असली मसीहा साक्षात हाजिर था तो उन्होंने उसको नामंजूर
कर बहुत भारी गलती कर डाली जिसका खामियाना वे आज भी भुगत रहें हैं.
कृपया
आप अपने कलीसिया का गहन मूल्याकण कीजिये कि क्या आपकी कलीसिया उन सिद्धांतो पर चल
रही है जिसे प्रभुजी ने और शिष्यों ने और पौलुस ने स्थापित किया था. प्रभुजी ने
सलीब पर कुर्बान होकर अपना खून बहाकर मंदिर का ६० फुट ऊंचा और ३० फुट चौड़ा और ५
इंच मोटा परदे को ऊपर से नीचे तक फाड़ कर हमें राजपद्धारी याजक बनाकर हम सब
बिश्वासी को अधिकार दिया कि किसी और याजक की मद्ध्स्यता के बिना परम प्रधान से
सीधा संपर्क कर सकते हैं. अब याजक (Priest) और सामान्य बिश्वासी (Layman) में कोइ फर्क नहीं रहा. इसके खिलाफ कथोलिक चर्च ने अपने पुरोहितों को
रेवरेंड की उपाधि सुसज्जित किया जो पूरी तरह से अवैध था. दुःख कि बात है कि बिना
सोचे समझे हमारे पुरोहितों ने इसकी नक़ल करी. रेवरेंड का मतलब होता है भैय योग्य या
पूज्य. भजन १११:९ के मुताबिक ये उपाधि सिर्फ और सिर्फ पवित्र परमेश्वर की है और वो
अपनी महिमा किसी और के साथ
नहीं बाटता. न पतरस ने न पौलुस ने न प्रभुजी ने अपने आपको रेवरेंड कहा. यहाँ तक कि
जब एक धनि ने प्रभुजी को ए अच्छा गुरु कहा तो प्रभुजी ने तुरंत उसे कहा कि कोई
अच्छा नहीं, सिर्फ पिता परमेश्वर. जब प्रभुजी इतने
नम्र थे कि सिर्फ अच्छा के उपाधि स्वीकार करने को तैयार नहीं तो हम किस खेत कि मूली
हैं जो अपने आपको भय योग्य या पूज्य कह सकें.
यदि आपके कलीसिया में ये विसंगति है तो उसे तुरंत सही करें अन्यथा आप
और आपके पुरोहित उस भयानक न्याय के दिन बेरहमी से नष्ट हो सकते हैं. (यहेजकेल ९:६)
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