राष्ट्रीय प्रार्थना / National prayer

राष्ट्रीय प्रार्थना / National Prayer 


इस दिन हम हमारे देश में राजकीय स्वतंत्रता के लिये परमेश्वर को धन्यवाद देतें हैं, परन्तु अभी हमें और कई बातों से मुक्ति प्राप्त करना है। गरीबी, शोषण, जातीय तथा लिंग भेदभाव, अंधविष्वास, निरक्षरता, पर्यावरण प्रदुशण, भू्रण हत्या, भ्रष्टाचार तथा कई अन्य गंभीर मुद्वो से हमें मुक्ति प्राप्त करने की आवश्यकता है । सबसे अधिक भारत को आत्मिक स्वतंत्रता की आवश्यकता है । यदि हम एक चित होकर विश्वास से प्रार्थना करेंगे, तब परमेश्वर अपने वचन के अनुसार अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करेगा । ( 2इतिहास 7ः14, हब्बकुक 2ः14 ) 

दर्शन:- 
प्रभु जी सभी विश्वासियों को दर्शन दे कि भारत में हर जाति, कुल और भाशा के लोग परमेश्वर के स्वरूप और समानता में हो जायें ताकि सब लोगों का उद्धार हो तथा वे सत्य को जाने । ( 1 तीमुथियुस 2ः4 ).
कि भारतवासी पश्चात्ताप करें और बुरी बातों का त्याग करें तथा परमेश्वर के मार्ग पर चलें । ( यहेजकेल 14ः6 ).
कि पवित्र आत्मा भारतवासियों को पाप, धार्मिकता और न्याय के विषय में चेतावनी दे । ( यूहन्ना 16ः8 ).
कि यीशु के नाम से हरएक घुटना टिके और हर एक जीभ अंगीकार  करें कि यीशु मसीह ही प्रभु है । ( फिलिप्प. 2ः10,11) 

रणनीति:-
प्रभु जी हमें  भारतियों के शारीरिक, संस्कृतिक और धार्मिक, भ्रष्टाचार के बंधन से मुक्त करने की रणनीति दीजिये 
जिससे वे आपके महिमामय स्वतंत्रता में प्रवेश करने पाएं । ( रोमियों 8ः21)
कि भारतवासी आपको सपनो में, दर्शन मे और प्रकाशन मे देखकर जागृत हो जांए । ( योएल 3ः12 )
कि भारतवसियों के कान खुले ताकि वे स्पष्ट रूप से प्रभु की वाणी सुने । ( यशायाह 1ः2 )

भारत देशवासियों की  गलत विचारधाराएं रद्व हो :-
प्रभुु जी  पवित्र आत्मा हर विश्वासी को सामर्थ दे कि वे हर बहस को पराजित करें और उन सब घमण्ड की बातों का खंडन करें जो परमेश्वर के ज्ञान के विरुद्ध हैं और उन विचारों, कल्पनाओं एंव भावनाओं पर विजय प्राप्त करें जो लेागों को मसीह के आज्ञा न मानने के लिए बधंन में डालता है । ( 2 कुिरन्थियों 10ः3-5 ) 
कि हम फलवन्त तथा बहुगुणित होकर, अपना हक प्राप्त करके, दुष्ट शैतान का राज्य समाप्त करके राज्य करें । 
कि भारत देश पर धर्मी जन राज्य करें । ( उत्पत्ति 1ः28; भजन संहिता 2ः8; 125ः3;प्रेरितों के काम 26ः18 ) 

मज़दूर :-
प्रभु जी  भारत में पके खेत तो बहुत हैं, परंतु मज़दूर थोड़े हैं इसलिये हम फसल के स्वामी से बिनती करते हैं कि वह अपनी फसल काटने के लिए मज़दूर भेज दे । ( मत्ती 9ः37,38 )

हम प्रार्थना करते हैं कि हर विश्वासी मनुष्यों को पकड़नेवाला मछुवारा बने। वह अपने मित्रों को, पड़ोसियों को, सहकर्मचारियों को परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार सरगर्मी के साथ सुनाने की जिम्मेदारी उठाए ताकि महान आदेश की पूर्ती शीघ्र हो जिससे मसीह का दोबारा आना जल्द हो सके । ( मत्ती 4ः19;24ः14,प्रेरितों के काम 1ः8 )

कि कलीसियाओं में सही प्रशिक्षण मिले ताकि हम अविश्वासियों को परमेश्वर के राज्य में लाने योग्य बनें । ( तीतुस 1ः9 )
कि निश्क्रीय विश्वासी सक्रिय होकर अन्य जातियों को चेले बनाकर उन्हें सेवा के लिये प्रशिक्षित करें । ( मत्ती 28ः18-20 )
कि विश्वासियांे के द्वारा चिन्ह चमत्कार हों, कि वे यीशु के नाम में दुष्ट आत्माओं को निकाले, अन्य भाषा बोले, तथा जब वे बीमारों पर हाथ रख कर प्रार्थना करें तब बिमार चंगे हो जाएं । ( मरकुस 16ः17,18 )

मध्यस्थता की प्रार्थना:- 
प्रभु जी  धीरज तथा करुणा का उद्देश्य रखने वाले मध्यस्थ शहर और राष्ट्र के लिये दरार में खड़े हों। 
कि वे स्वार्थी प्रार्थना त्याग कर परमेश्वर के राज्य को सामर्थ के साथ भारत मे आने के लिये प्रार्थना करें, 
कि सुसमाचार के लिये द्वार खुले ताकि मसीह का रहस्य भारत में प्रकट हो । ( कुलुस्सियों 4ः2-3; यहेजकेल 22ः30 )
कि वचन का प्रकटीकरण और उसका प्रचार सामर्थ के साथ हो । ( कुलुस्सियों 4ः4 )
कि जो लोग वचन को लेकर चलते हैं वे ज्ञान में चले और मिले हुए अवसर का लाभ उठाए । ( कुलुस्सियों 4ः5 )
कि धर्मी जनों की प्रार्थना सुनी जाए और उनकी इच्छा परमेश्वर पूरी करें । ( नीतिवचन 10ः24 )
कि परमेश्वर की दृष्टि में जो उचित है वह कार्य भारत में विश्वासियों द्वारा पूरा हो । ( इब्रानियों 13ः20,21 )

कलीसिया के अगुए:-
प्रभु जी कलीसिया के अगुवे आदर्श, चारित्र्ावान तथा इमानदार हों। कि वे एक ही पत्नी के पति हो। उनके बच्चे विश्वास में चलने वाले हों। वे पहुनाई करने वाले तथा परमेश्वर के संसाधनों के सही भण्डारी हों । 
कि वे शिक्षाओं मे निपुण हों और वे भटके हुओं को प्रभु में लाने मे सक्षम हों । ( तीतुस 1ः5-9 )

कि उनका जीवन हर विश्वासी के लिये नमूना बने। कि वे हर विश्वासी को साप्रदायिक बंधन में न बाधें परन्तु उनका सामर्थीकरन करें ताकि हर एक विश्वासी परमेश्वर से मिले हुए अधिकार के द्वारा चेले बनाए, उन्हें बपतिस्मा दें, रोटी तोडे़ तथा उन्हें तैयार करके शैतान के विरुद्ध लड़ने के लिये भेजे और परमेश्वर का राज्य स्थापित करें।

 राष्ट्रीय अगवें :-
प्रभु जी  राष्ट्रीय, प्रांतीय तथा स्थानीय अगुवों के लिये बिनती, और प्रार्थना, और निवेदन, और धन्यवाद, सब मनुष्यों के लिए करते हैं। राजाओं और सब ऊंचे पदवालों के निमित्त, इसलिए कि हम विश्राम और चैन के साथ सारी भक्ति और गम्भीरता से जीवन बिताएं। यह हमारे उद्धारकर्ता परमेश्कोवर अच्छा लगता, और भाता भी है। आप यह चाहतें है कि सब मनुष्यों का उद्धार हो, और वे सत्य को भली भांति पहचान लें।’’ । ( 1 तीमुथियुस 2ः1-4 )

संसाधन:-
प्रभु जी आपने सृष्टि के आरंभ से ही चुन लिया है और हमें सारे संसाधन दिया है ताकि हमारा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर बन सके । ( 2 कुिरन्थियों 9ः8, इफिसियों 1ः3,4 , मरकुस 11ः17 )

कि परमेश्वर हमको सक्षम करे ताकि हम सभी जातियों एंव राष्ट्रों में राजदूत भेजे । ( यिर्मयाह 49ः14, 2कुरन्थि.5ः17-23 )

भारत में बड़ी सामर्थ से परमेश्वर का राज्य स्थापित हो:-
प्रभु जी भारत में 4635 जनजातियां है जो 10 लाख गांव तथा षहरी झोपड़ीयों में रहती  है। वे अंधकार और मृत्यु की छाया में बैठे हैं। हरएक विष्वासी जाने कि उसका कर्तव्य है कि वे गावों, जातियों और भाशाओं को गोद में लेकर उनके मध्य नमक और ज्योति बनकर परमेश्वर का राज्य स्थापित करें ताकि ‘‘ भारतवर्श परमेश्वर की महिमा के ज्ञान से ऐसा भर जाए जैसे समुद्र जल से भरा रहता है ।’’ (मत्ति 4ः16, 5ः13-16, हबक्कूक 2ः14, यशायाह 49ः6),
नोट:- 
यह प्रार्थना बिनतियां घरों में, प्रार्थना समुहों में, बाइबल अध्ययन कक्षाओं में, संडेस्कूल में, कलीसियाओं में, सामुहिक सभाओं तथा झंडा फैराने के समय की जाएं। इन प्रार्थना बिनतियों का उपयोग आप चलते फिरते, कार्यालय में या घर में अर्थात आप जहां भी हो वहां आप और आपके मित्र मिलकर अपने देश के उद्धार के लिये प्रार्थना कर सकते है। इस पर्ची पर दिए गए वचनों के संदर्भों को पढ़कर अध्ययन तथा चर्चा करें। साथ में उपवास करें तो आपकी प्रार्थना और भी प्रभावशाली हो जाएगी। इस पर्ची का अन्य भाषा में अनुवाद करके फोटो काॅपी या छाप के आप अपने दोस्तों को वितरित कर सकते  है । उद्देश्य यह है कि हमारे देश में कोई ऐसी जगह न रह जाये जंहा अपने पवित्र हाथ उठाकर उस क्षेत्र के लिये और वहाँ के लोगो के लिये प्रार्थना न की हो। हर जगह प्रार्थना की जाए कि, ‘‘हे पिता तेरा राज्य आए और तेरी इच्छा भारत मे ऐसी पूरी हो जैसे स्वर्ग मे पूरी होती है ।’’ ( 1तिमोथी 2ः8, मत्ति 6ः10 )


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