परमेश्वर कहां रहता है?

परमेश्वर कहां रहता है?
यशायाह 66:1-4

1. यहोवा यों कहता है, आकाश मेरा सिंहासन और पृय्वी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?
2. यहोवा की यह वाणी है, थे सब वस्तुएं मेरे ही हाथ की बनाई हुई हैं, सो थे सब मेरी ही हैं। परन्तु मैं उसी की ओर दॄष्टि करूंगा जो दी और खेदित मन का हो, और मेरा वचन सुनकर थरथराता हो।
3. बैल का बलि करनेवाला मनुष्य के मार डालनेवाले के समान है; जो भेड़ के चढ़ानेवाला है वह उसके समान है जो कुत्ते का गला काटता है; जो अन्नबलि चढ़ाता है वह मानो सूअर का लोहू चढ़ानेवाले के समान है; और, जो लोबान जलाता है, वह उसके समान है जो मूरत को धन्य कहता है। इन सभोंने अपना अपना मार्ग चुन लिया है, और घिनौनी वस्तुओं से उनके मन प्रसन्न हाते हैं।
4. इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूंगा, और जिन बातोंसे वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊंगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दॄष्टि में बुरा या वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता या उसी को उन्होंने अपनाया। तुम जो यहोवा का वचन सुनकर थरथराते हो यहोवा का यह वचन सुनो:
भजन संहिता 2ः4-5 
वह जो स्वर्ग में विराजमान है, हंसेगा, प्रभु उनको ठट्ठों में उड़ाएगा।  
5 तब वह उन से क्रोध करके बातें करेगा, और क्रोध में कहकर उन्हें घबरा देगा । 
भजन संहिता  9ः7-8 
7 परन्तु यहोवा सदैव सिंहासन पर विराजमान है, उस ने अपना सिंहासन न्याय के लिये सिद्ध किया है
और वह आप ही जगत का न्याय धर्म से करेगा, वह देश देश के लोगोंका मुक मा खराई से निपटाएगा।
मत्ती 23ः22
22 और जो स्‍वर्ग की शपय खाता है, वह परमेश्वर के सिहांसन की और उस पर बैठनेवाले की भी शपय खाता है।
1राजा 8ः27 
27 क्या परमेश्वर सचमुच पृय्वी पर वास करेगा, स्वर्ग में वरन सब से ऊंचे स्वर्ग में भी तू नहीं समाता, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में क्योंकर समाएगा।
मत्ती 5ः34-35  
34 परन्‍तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि कभी शपय न खाना; न तो स्‍वर्ग की, क्‍योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है।
35 न धरती की, क्‍योंकि वह उसके पांवों की चौकी है; न यरूशलेम की, क्‍योंकि वह महाराजा का नगर है।
2शमुएल 7ः7 
जहां जहां मैं समस्त इस्राएलियों के बीच फिरता रहा, क्या मैं ने कहीं इस्राएल के किसी गोत्र से, जिसे मैं ने अपनी प्रजा इस्राएल की चरवाही करने को ठहराया हो, ऐसी बात कभी कही, कि तुम ने मेरे लिऐ देवदारु का घर क्योंनहीं बनवाया?
यूहन्ना 4ः20-21
20 हमारे बापदादों ने उसी पहाड़ पर भजन किया और तुम कहते हो कि वह जगह जहां भजन करना चाहिए यरूशलेम में है।
21 यीशु ने उस से कहा, हे नारी, मेरी बात की प्रतीति कर कि वह समय आता है कि तुम न तो इस पहाड़ पर पिता का भजन करोगे न यरूशलेम में।
22 तुम जिसे नहीं जानते, उसका भजन करते हो; और हम जिसे जानते हैं उसका भजन करते हैं; क्‍योंकि उद्धार यहूदियों में से है।
23 परन्‍तु वह समय आता है, बरन अब भी है जिस में सच्‍चे भक्त पिता का भजन आत्मा और सच्‍चाई से करेंगे, क्‍योंकि पिता अपने लिये ऐसे ही भजन करनेवालों को ढूंढ़ता है।
24 परमेश्वर आत्मा  है, और अवश्य है कि उसके भजन करनेवाले आत्मा और सच्‍चाई से भजन करें।
25 स्त्री ने उस से कहा, मैं जानती हूं कि मसीह जो ख्रीष्ट कहलाता है, आनेवाला है; जब वह आएगा, तो हमें सब बातें बता देगा।
26 यीशु ने उस से कहा, मैं जो तुझ से बोल रहा हूं, वही हूं।
प्रेरितों के काम 7ः49 
49 कि प्रभु कहता है, स्‍वर्ग मेरा सिहांसन और पृय्‍वी मेरे पांवोंतले की पीढ़ी है, मेरे लिये तुम किस प्रकार का घर बनाओगे और मेरे विश्रम का कौन सा स्थान होगा
प्रेरितों के काम 17ः24
24 जिस परमेश्वर ने पृय्‍वी और उस की सब वस्‍तुओं को बनाया, वह स्‍वर्ग और पृय्‍वी का स्‍वामी होकर हाथ के बनाए हुए मन्‍दिरों में नहीं रहता।

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