चौथी वाणी "हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया" (1से 3 वाणी के पश्चात परमेश्वर से नाता टूट गया) मत्ती 27ः46 46 " तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? मरकुस 15ः34 "तीसरे पहर यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, इलोई, इलोई, लमा शबक्तनी जिस का अर्थ यह है; हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? यह घटना दोपहर का समय था पूरे प्रदेश में अंधेरा छाया हुआ था वह प्रायश्चित बलिदान हो रहा था इब्रानियों 10ः1 क्योंकि व्यवस्था जिस में आने वाली अच्छी वस्तुओं का प्रतिबिम्ब है, पर उन का असली स्वरूप नहीं, इसलिये उन एक ही प्रकार के बलिदानों के द्वारा, जो प्रति वर्ष अचूक चढ़ाए जाते हैं, पास आने वालों को कदापि सिद्ध नहीं कर सकतीं। कुलुस्सियों 2ः16, 1 7 16 इसलिये खाने पीने या पर्व या नए चान्द, या सब्तों के विषय में तुम्हारा कोई फैसला न करे। 17 क्योंकि ये सब आने वाली बातों की छाया हैं, पर मूल वस्तुएं मसीह की हैं। 1 कुरिन्थियों 10ः1-...
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