आज के चर्च का ढांचा बदलकर नए नियम की कलीसिया का नमुना का निमार्ण - आपका लक्ष्य
आज के चर्च का ढांचा बदलकर नए नियम की कलीसिया का नमुना का निमार्ण- आपका लक्ष्य
सोलवी शताब्दी में जब मार्टिन लूथर ने केथोलिक चर्च के शिक्षा और सिद्धान्तों के विरूद्ध मोर्चा खड़ा किया तो खास मुद्दा यही था कि केथोलिक चर्च का कहना था कि उद्धार केव लकेथोलिक चर्च के ढांचे के द्वारा है अर्थात् उसके प्रीस्ट, बिशप और पोप के मार्फत सम्भव है।
लूथर ने कहा कि उद्धार का आधार चर्च के ढांचा और परमपराओं पर नहीं परन्तु बाइबल पर आधारित है। उन्होंने बताया कि ‘‘विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, यह तुम्हारी ओर से नहीं वरन् परमेश्वर का दान है।’’ (इफिसियों 2ः 8)
मार्टिन लूथर ने घोषणा कि प्रीस्ट केवल केथोलिक चर्च के कुछ लोगों की उपाधि है परन्तु बाइबल के अनुसार हर एक विश्वासी एक प्रीस्ट (याजक) है (Priesthod of all believers)।
‘‘पर तुम एक चुना हुआ वंश, राज-पदाधारी याजकों का समाज, पवित्र लोग, और परमेश्वर की निज प्रजा हो। परमेश्वर ने तुम्हें अन्धकार से निकालकर अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है कि उसके गुण प्रकट करो।’’ (1 पतरस 2ः 9)
हांलाकि मार्टिन लूथर ने चर्च के ढांचे में इस परिवर्तन का डंका बजाया परन्तु प्रत्यक्ष में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ। आज भी चर्च का ढांचा करीब करीब वैसा ही बना है जिसमे थोड़े से लोग सारा अधिकार हथिया लेते हैं और बाकी लोग मूक दर्शक होते हैं। यह प्रवृति करीबन सब कलीसियाओं में पाई जाती है चाहे वह पारम्परिक कलीसिया हो या केरिस्मेटिक कलीसिया हो। यूहन्ना ने अपने तीसरी पत्री में दियुत्रिफेस नामक व्यक्ति को ताड़ना देते हुए लिखा क्योंकि वह कलीसिया में अपनी अपनी हांकता था। (3 यूहन्ना 1ः 9-10)
इस निकुलई प्रविृति से प्रभु घृणा करता है। (प्रेरितों के काम 2ः 6, 15)
समय आ गया है कि वर्तमन कलीसिया के हर एक परम्परा और ढांचे को जो बाइबल के बाहर से कलीसिया पर थोपी गई है उन्हें ढा दें तथा हर एक विश्वासी भाई और बहन एक याजक (प्रीस्ट) के समान अपनी सेवकाई सारे अधिकार और तत्पर्ता से शुरू कर दे।
‘‘सुन, मैंने आज के दिन तुझे जातियों और राज्यों पर अधिकारी ठहराया है; कि तू उन्हें उखाड़ डाले और ढा दे, नष्ट करे और उनका तख्ता पलट कर नए सिरे से निमार्ण करे और रोपे।’’ (यिर्मयाह 1ः 10)
जब सब विश्वासी याजक और अधिकाीर के समान काम करने लगेंगे तो यह संसार शीघ्र एक विशाल याजकों का समाज से भर जाएगा और जो प्रभु यीशु मसीह के साथ पृथ्वी पर राज्य करेंगे।
‘‘.....क्योंकि तू ने वध होकर अपने लोहू से हर एक कुल, भाषा, राष्ट्र और जाति से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल ले लिया है। तु ने उन्हें हमारे परमेश्वर के लिये एक राज्य और याजक बनाया है। वे पृथ्वी पर राज्य करेंगे। तब मैंने देखा और उस सिंहासन और उन प्राणियों तथा उन धर्मवृद्धों की चारों ओर बहुत स्वर्गदूतों की आवाज सुनी। उनकी गिनती लाखों और करोड़ों की थी।’’ (प्रकाशितवाक्य 5ः 9-11)
आमीन ! और फिर से आमीन ...
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