यरीहो शहर की जासूसी
यरीहो शहर की जासूसी
(यहोशू 2:1-24; इब्रानियों 11:31)
आप यहाँ जिन आदमियों को देख रहे हैं, उनकी जान खतरे में है। उन्हें यहाँ से भागना होगा, वरना उन्हें मार डाला जाएगा। लेकिन ये हैं कौन? ये इस्राएली हैं, जो यहाँ इस यरीहो शहर की जासूसी करने आए हैं। और जो औरत उनकी मदद कर रही है, उसका नाम राहाब है। राहाब इसी शहर में रहती है। उसका घर शहर की दीवार से लगा हुआ है। लेकिन ये आदमी खतरे में कैसे फँस गए? आइए जानें।
इस्राएली, यरदन नदी पार करके कनान देश में जाने के लिए तैयार थे। लेकिन इससे पहले, यहोशू ने दो जासूसों को वहाँ यह कहकर भेजा: ‘जाकर यरीहो शहर को देखो और देखो कि वहाँ की ज़मीन कैसी है।’
राजा के आदमियों के जाते ही राहाब छत पर गयी। उसने जासूसों से कहा: ‘मुझे पता है कि यहोवा तुम्हें यह देश देनेवाला है। हमने सुना है कि जब तुम लोग मिस्र से निकल रहे थे, तब यहोवा ने कैसे लाल सागर को सुखा दिया था। यह भी कि कैसे तुमने सिहोन और ओग राजा को मार डाला। मैंने तुम्हारी जान बचायी है, इसलिए वादा करो कि जब तुम इस शहर पर हमला करोगे तब मेरी, मेरे माता-पिता और भाई-बहनों की जान नहीं लोगे।’
जासूसों ने राहाब से वादा किया कि वे उसके परिवार पर आँच नहीं आने देंगे। लेकिन इसके लिए राहाब को कुछ करना होगा। उन्होंने उससे कहा: ‘यह लाल डोरी लो और इसे अपनी खिड़की पर बाँध देना। अपने सारे रिश्तेदारों को भी अपने घर में इकट्ठा कर लेना। जब हम यरीहो पर हमला करने आएँगे, तब हम तुम्हारी खिड़की में लटकी यह लाल डोरी देखेंगे और तुम्हारे घर में जो कोई होगा उसे नहीं मारेंगे।’ यह कहकर वे जासूस चले गए। यहोशू के पास पहुँचने पर उन्होंने उसे सारा हाल कह सुनाया।
क्या आप जानते है?
- राहाब कहाँ रहती थी?
- तसवीर में दिखाए दो आदमी कौन हैं? वे यरीहो क्यों आए?
- यरीहो के राजा ने अपने आदमियों को भेजकर राहाब को क्या हुक्म दिया? राहाब ने उन्हें क्या जवाब दिया?
- राहाब ने कैसे उन जासूसों की मदद की? बदले में उसने क्या माँगा?
- दोनों जासूसों ने राहाब से क्या वादा किया?
क्या आप और जानते है?
- यहोशू 2:1-24 पढ़िए।
जब इस्राएली यरीहो के खिलाफ लड़ने आए, तब निर्गमन 23:27 में दर्ज़ यहोवा का वादा कैसे पूरा हुआ? (यहो. 2:9-11)
- इब्रानियों 11:31 पढ़िए।
राहाब की कहानी से कैसे विश्वास की अहमियत का पता चलता है? (रोमि. 1:17; इब्रा. 10:39; याकू. 2:25)
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