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बुद्धिमान गिबोनी

 बुद्धिमान गिबोनी

(यहोशू 9:​1-27; 10:​1-5)

कनान देश में कई शहर के लोग, इस्राएलियों से लड़ने की तैयारी करने लगे। उन्हें लगा कि इस्राएलियों को हराना बाएँ हाथ का खेल है। लेकिन एक शहर था, जिसके लोगों ने ऐसा बिलकुल नहीं सोचा। वह शहर था, गिबोन। गिबोनियों को मालूम था कि परमेश्वर, इस्राएलियों की मदद कर रहा है। इसलिए वे इस्राएलियों से नहीं लड़ना चाहते थे, क्योंकि इस्राएलियों से लड़ने का मतलब परमेश्वर से लड़ना होता। तो फिर, उन्होंने क्या किया?

उन्होंने अपने कुछ लोगों को इस्राएलियों के पास भेजने का फैसला किया। उन लोगों ने फटे-पुराने कपड़े और घिसी हुई चप्पलें पहन लीं। और अपने गधों पर फटे-पुराने बोरे लाद लिए और अपने साथ कई दिन की रखी सूखी रोटी ले ली। यह सब उन्होंने इसलिए किया ताकि इस्राएलियों को लगे कि वे बहुत दूर देश से आए हैं। जब वे यहोशू के पास पहुँचे, तो उन्होंने उससे कहा: ‘हम बहुत दूर से आए हैं। हमने आपके महान परमेश्वर यहोवा के बारे में सुना है। उसने मिस्र देश में आप लोगों की खातिर जो-जो चमत्कार किए थे, उन सबके बारे में भी हमने सुना है। इसलिए हमारे नेताओं ने हमें आपके पास यह कहने के लिए भेजा है: “हमें अपना नौकर समझिए। और वादा कीजिए कि आप हमारे साथ लड़ाई नहीं करेंगे।” देखिए हम रास्ते के लिए जो रोटी लेकर चले थे, वह भी यहाँ आते-आते सूख गयी है। और हमारे कपड़े भी चिथड़े-चिथड़े हो गए हैं।’

यहोशू और दूसरे इस्राएलियों को गिबोनियों की बात सच लगी। इसलिए उन्होंने गिबोनियों से वादा किया कि वे उनसे लड़ाई नहीं करेंगे। मगर तीन दिन बाद इस्राएलियों को पता चला कि गिबोनी तो पास में ही रहते हैं।

तब यहोशू ने उनसे पूछा: ‘तुमने हमसे झूठ क्यों बोला कि तुम दूर देश से आए हो?’

गिबोनियों ने कहा: ‘हमें पता चला कि आपके परमेश्वर यहोवा ने यह पूरा कनान देश आपको देने का वादा किया है। इसलिए हमें डर था कि आप हम लोगों को मार डालेंगे।’ सच्चाई जानने के बाद भी, इस्राएलियों ने अपना वादा पूरा किया और गिबोनियों को नहीं मारा। पर उन्हें अपना नौकर बना लिया।

जब यरूशलेम के राजा को पता चला कि गिबोनी, इस्राएलियों से मिल गए हैं, तो उसे बहुत गुस्सा आया। उसने दूसरे चार राजाओं से कहा: ‘चलो हम सब मिलकर गिबोनियों पर हमला करें।’ उन राजाओं ने यरूशलेम के राजा की बात मान ली। आपको क्या लगता है, क्या गिबोनियों ने इस्राएलियों से हाथ मिलाकर सही किया? क्या गिबोनी उन पाँच राजाओं से बच पाएँगे? यह सब हम अगली कहानी में देखेंगे।

क्या आप जानते है? 

  1. गबोनी अपने आस-पास के शहर के लोगों से कैसे अलग थे?
  2. जैसे तसवीर में दिखाया गया है, गिबोनियों ने क्या किया और क्यों?
  3. यहोशू और इस्राएल के नेताओं ने गिबोनियों से क्या वादा किया? तीन दिन बाद उन्हें क्या पता चला?
  4. जब दूसरे राजाओं ने सुना कि गिबोनी इस्राएलियों से मिल गए हैं, तब उन्होंने क्या किया?

क्या आप और जानते है? 

  • यहोशू 9:​1-​27 पढ़िए।
  • हालाँकि यहोवा ने इस्राएल जाति से कहा था कि वह ‘देश के सारे निवासियों का सर्वनाश करे,’ फिर भी उसने गिबोनियों को ज़िंदा रहने दिया। इससे यहोवा के कौन-से गुण ज़ाहिर होते हैं? (यहो. 9:​22, 24; मत्ती 9:​13; प्रेरि. 10:​34, 35; 2 पत. 3:​9)
  • यहोशू ने गिबोनियों से किया अपना वादा निभाकर, आज के मसीहियों के लिए कैसे एक अच्छी मिसाल रखी? (यहो. 9:​18, 19; मत्ती 5:​37; इफि. 4:​25)
  • यहोशू 10:​1-​5 पढ़िए।
  • गिबोनियों की तरह आज बड़ी भीड़ क्या करती है और इस वजह से उन्हें क्या सहना पड़ता है? (यहो. 10:​4; जक. 8:​23; मत्ती 25:​35-​40; प्रका. 12:​17)

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