यहोवा ने लोगों को मन्ना खिलाया
इस्राएली जितने सालों तक जंगल में रहे, यहोवा उन्हें मन्ना खिलाता रहा।
(निर्गमन 16:1-36; गिनती 11:7-9; यहोशू 5:10-12)
क्या आप बता सकते हैं कि लोग ज़मीन से क्या उठा रहे हैं? यह खाने की चीज़ है, जो बर्फ की तरह सफेद और चूरा-चूरा है।

तब यहोवा ने कहा: ‘मैं आसमान से खाना बरसाऊँगा।’ और उसने ऐसा ही किया। अगले दिन सुबह इस्राएलियों ने ज़मीन पर चारों तरफ सफेद रंग की कोई चीज़ पड़ी देखी। इस पर वे एक-दूसरे से पूछने लगे: ‘यह क्या है?’
मूसा ने कहा: ‘यह खाने की चीज़ है जो यहोवा ने तुम्हें दी है।’ लोग उस चीज़ को मन्ना कहने लगे। उसका स्वाद शहद से बनी रोटियों जैसा था।
मूसा ने लोगों से कहा: ‘तुम उतना ही मन्ना उठाना जितना खा सको।’ इसलिए वे हर सुबह उसे बटोरते थे। बाद में जैसे-जैसे धूप तेज़ होती, ज़मीन पर पड़ा बचा-खुचा मन्ना पिघल जाता।
मूसा ने यह भी कहा: ‘किसी को भी मन्ना दूसरे दिन तक बचाकर नहीं रखना है।’ मगर कुछ लोगों ने उसकी बात नहीं मानी। जानते हैं तब क्या हुआ? जो मन्ना उन्होंने बचाकर रखा था, दूसरी सुबह उसमें कीड़े पड़ गए और उससे बदबू आने लगी!
मगर हफ्ते में एक दिन, यहोवा ने लोगों को दुगना मन्ना इकट्ठा करने के लिए कहा। वह कौन-सा दिन था? वह था, छठा दिन। यहोवा ने लोगों से कहा कि छठे दिन, वे दो दिन के लिए मन्ना जमा करें, क्योंकि सातवें दिन वह मन्ना नहीं बरसाएगा। इस तरह जब वे सातवें दिन के लिए मन्ना बचाते, तो उसमें न तो कीड़े पड़ते, ना ही बदबू आती! यह एक और चमत्कार था! इस्राएली जितने सालों तक जंगल में रहे, यहोवा उन्हें मन्ना खिलाता रहा।
क्या आप जानते है?
- तसवीर देखकर बताइए कि लोग ज़मीन से क्या उठा रहे हैं और उस चीज़ का नाम क्या है?
- मन्ना उठाने के बारे में मूसा ने लोगों से क्या कहा?
- यहोवा ने छठे दिन लोगों को क्या करने के लिए कहा और क्यों?
- मन्ना को जब सातवें दिन के लिए बचाकर रखा जाता था, तो यहोवा क्या चमत्कार करता था?
- यहोवा ने कब तक लोगों को मन्ना खिलाया?
क्या आप और जानते है?
- निर्गमन 16:1-36 और गिनती 11:7-9 पढ़िए।निर्गमन 16:8 के मुताबिक उन भाइयों का आदर करना क्यों ज़रूरी है, जिन्हें यहोवा ने मसीही कलीसिया की अगुवाई करने के लिए चुना है? (इब्रा. 13:17)
वीराने में इस्राएलियों को हर दिन कैसे याद दिलाया गया कि वे यहोवा के सहारे जी रहे हैं? (निर्ग. 16:14-16, 35; व्यव. 8:2, 3)
यीशु ने मन्ना का क्या लाक्षणिक अर्थ बताया और हमें “स्वर्ग से” मिलनेवाली इस “रोटी” से कैसे फायदा होता है? (यूह. 6:31-35, 40) - यहोशू 5:10-12 पढ़िए।
इस्राएलियों ने कितने साल तक मन्ना खाया? यह उनके लिए कैसे एक परीक्षा थी? इस वाकये से हम क्या सबक सीख सकते हैं? (निर्ग. 16:35; गिन. 11:4-6; 1 कुरि. 10:10, 11)
Comments
Post a Comment