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यहोशू ने सूरज को ठहरने के लिए कहा

 गिबोनियों पर हमला

(यहोशू 10:​6-15; 12:​7-24; 14:​1-5; न्यायियों 2:​8-13)

ज़रा यहाँ यहोशू को तो देखिए। आखिर वह अपने हाथ ऊपर उठाए कर क्या रहा है? वह कह रहा है: ‘सूरज, ठहर जा!’ जानते हैं फिर क्या हुआ? सूरज सचमुच आसमान में ठहर गया और वह भी पूरे एक दिन के लिए! यह सब कैसे हुआ? यह यहोवा का चमत्कार था। लेकिन यहोशू ने सूरज को ठहरने के लिए क्यों कहा?

जैसा कि आप जानते हैं, कनान देश के पाँच बुरे राजाओं ने गिबोनियों पर हमला करने की सोची थी। जब वे गिबोनियों से लड़ाई करने पहुँचे, तब गिबोनी घबरा गए। उन्होंने अपने एक आदमी को यहोशू के पास मदद माँगने के लिए भेजा। उस आदमी ने यहोशू से कहा: ‘जल्दी आकर हमें बचा लीजिए! पहाड़ी इलाके के सारे राजाओं ने हम पर हमला कर दिया है।’

यहोशू तुरंत अपने सैनिकों को लेकर उनकी मदद के लिए निकल पड़ा। वे पूरी रात चलते रहे। जब वे गिबोन पहुँचे, तो पता है क्या हुआ? उन्हें देखकर पाँचों राजाओं के सैनिक डर के मारे भागने लगे। इसके बाद, यहोवा ने उन राजाओं के सैनिकों पर बड़े-बड़े ओले बरसाए। यहोशू के सैनिकों को ज़्यादा लोगों को मारने की ज़रूरत नहीं पड़ी। क्योंकि बहुत-से लोग ओले गिरने से ही मर गए।

तब यहोशू ने देखा कि सूरज डूबनेवाला है। उसने सोचा, जल्दी ही अंधेरा हो जाएगा और पाँचों दुष्ट राजाओं के सैनिक उनके हाथ से निकल जाएँगे। इसलिए यहोशू ने यहोवा से प्रार्थना की और कहा: ‘सूरज, ठहर जा!’ तब सूरज जहाँ था, वहीं रुक गया। और इस्राएलियों ने उन पाँचों राजाओं के बाकी सैनिकों को मार गिराया।

इसके बाद भी कनान में कई दुष्ट राजा राज कर रहे थे। ये राजा परमेश्वर के लोगों से नफरत करते थे। इनमें से 31 राजाओं पर जीत हासिल करने में यहोशू को 6 साल लगे। फिर यहोशू ने कनान देश को इस्राएल के उन गोत्रों में बाँट दिया, जिन्हें अभी तक रहने की जगह नहीं मिली थी।

धीरे-धीरे कई साल बीत गए, तब यहोशू की मौत हो गयी। उस वक्‍त यहोशू 110 साल का था। जब तक यहोशू और उसके दोस्त ज़िंदा थे, तब तक इस्राएली यहोवा की बात मानते रहे। मगर उन अच्छे लोगों के मरने के बाद, इस्राएली बुरे-बुरे काम करने लगे और मुसीबत में फँस गए। ऐसे में उन्हें परमेश्वर की याद आयी।

क्या आप जानते है? 

  1. इस तसवीर में यहोशू क्या कह रहा है और क्यों?
  2. यहोवा ने यहोशू और उसकी सेना की मदद कैसे की?
  3. यहोशू ने कितने दुश्मन राजाओं को हराया? इसमें उसे कितने साल लगे?
  4. यहोशू ने कनान देश को क्यों अलग-अलग हिस्सों में बाँट दिया?
  5. जब यहोशू की मौत हुई, तब वह कितने साल का था? उसके बाद इस्राएलियों का क्या हुआ?

क्या आप और जानते है? 

  • यहोशू 10:​6-​15 पढ़िए।
  • यहोवा ने इस्राएल के लिए सूरज और चाँद को स्थिर रहने दिया था, इससे आज हम किस बात का पक्का यकीन रख सकते हैं? (यहो. 10:​8, 10, 12, 13; भज. 18:​3; नीति. 18:​10)
  • यहोशू 12:​7-​24 पढ़िए।
  • कनान के 31 राजाओं को हराने में असल में किसका हाथ था और इस बात को याद रखना आज क्यों ज़रूरी है? (यहो. 12:​7; 24:​11-​13; व्यव. 31:​8; लूका 21:​9, 25-​28)
  • यहोशू 14:​1-​5 पढ़िए।
  • वादा किए गए देश के हिस्सों को इस्राएली गोत्रों में कैसे बाँटा गया? इसी तरह फिरदौस में हरेक को कैसे अपना-अपना भाग दिया जाएगा? (यहो. 14:​2; यशा. 65:​21; यहे. 47:​21-​23; 1 कुरि. 14:​33)
  • न्यायियों 2:​8-​13 पढ़िए।
  • यहोशू की तरह, आज कौन परमेश्वर के लोगों को धर्मत्यागियों से भ्रष्ट होने से रोके हुए है? (न्यायि. 2:​8, 10, 11; मत्ती 24:​45-​47; 2 थिस्स. 2:​3-​6; तीतु. 1:​7-​9; प्रका. 1:​1; 2:​1, 2)

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