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Showing posts from July, 2020

WORSHIP IN SPIRIT AND IN TRUTH

WORSHIP IN SPIRIT AND IN TRUTH    Worship is a much-abused word in the church. High octane singing, deafening music, dancing, thrashing on the floor, babbling, and screaming are considered spirit filled worship. Since we cannot find Yeshua or Peter or Paul indulging in this kind of acrobatics, we must draw traction from David who danced (but did not sing) before the Ark of the Covenant. However, David offered an ox and a calf as sacrifice every six paces, before dancing, seven miles from Obededom’s house to Jerusalem ( 2 Sam. 6:12-15 ). In the OT we find worship is nearly always associated with offering blood sacrifices. The first time ‘worship’ is mentioned in the Scriptures is when Abraham took Isaac to be sacrificed ( Gen. 22:5-13 ). From Cain and Abel, to Noah, to the Tabernacle of Moses and the Temple of Solomon, God was always worshipped by offering sacrifices. ( Exo. 29:42 )  There are four types of sacrifices mentioned in the Scriptures –  1. Animal sacrifice...

प्रभु की प्रार्थना

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प्रार्थना  (मत्ती 6ः9-13) अतः तुम इस प्रकार प्रार्थना करनाः  हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है, तेरा नाम पवित्र माना जाए।  तेरा राज्य आए।  तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में पूरी होती है  वैसे ही पृथ्वी पर भी पूरी हो।  हमारे दिन भर की रोटी आज हमें दे।  और जैसे हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है ।  वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर; और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा;  क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन

आत्मा और सच्चाई में आराधना

आराधना शब्द का कलीसिया में पूरी तरह से दुरुपयोग किया जाता है। कानफोडू वाद यंत्र के साथ ऊची आवाज में गाना, नाचना, बड़बडाना और चिल्लाना और नीचे गिर जाना इत्यादि आज आत्मिक आराधना समझी जाती है। क्योंकि हम प्रभु यीशु या पतरस या पौलूस को इस प्रकार की हरकत करते नही पाते, इसलिए हम दाऊद राजा की नक़ल करने की कोशिश करते हैं। दाउद राजा जब औबेद अदोम के घर से वाचा के सन्दूक को सात मील दूर यरूशलेम ला रहा था तब वो सारी ताकत से नाच रहा था। लेकिन चर्च में नाचने वालों को मालूम होना चाहिए कि दाउद ने पहिले हर छै कदम पर एक बैल और बछड़ा का बलिदान किया था और फिर नाचा था। दूसरी बात ये है कि वो चर्च में नहीं बल्कि सड़क पर नाचा था। तीसरी बात उसने इसके पहिले अमिनादाब के घर से गाजे बाजे और बड़ी भीड़ के साथ एक बैल गाड़ी पर वाचा के संदूक को लाने की कोशिश की थी जबकी उसको लेविओं के कन्धों पर बलिदान चढ़ाते हुए ले जाना था। नतीज़ा ये हुआ कि उज्जा की मौत हो गयी थी। ( 2शमुएल 6:1-15 )   पुराने नियम में आराधना बहुदा खूनी बलिदान से जुड़ी हुई होती थी। कोई परमेश्वर के सामने खाली हाँथ नहीं आ सकता था ( व्यवस्था 16:16 )। पहली बार ‘...

घरेलु कलीसिया में शिष्यता की शिक्षा

घरेलु कलीसिया में शिष्यता की शिक्षा  मत्ती 4ः19 19  यीशु ने उन से कहा, “मेरे पीछे चले आओ, तो मैं तुम को मनुष्यों के पकड़नेवाले बनाऊँगा।” इफिसियों 4ः11:  11 उसने कुछ को प्रेरित नियुक्‍त करके , और कुछ को भविष्यद्वक्‍ता नियुक्‍त करके , और कुछ को सुसमाचार सुनानेवाले नियुक्‍त करके , और कुछ को रखवाले और उपदेशक नियुक्‍त करके दे दिया,  12 जिस से पवित्र लोग सिद्ध हो जाएँ और सेवा का काम किया जाए और मसीह की देह उन्नति पाए ,  13 जब तक कि हम सब के सब विश्‍वास और परमेश्‍वर के पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएँ , और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएँ और मसीह के पूरे डील-डौल तक न बढ़ जाएँ ।  14 ताकि हम आगे को बालक न रहें जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से, उन के भ्रम की युक्‍तियों के और उपदेश के हर एक झोंके से उछाले और इधर-उधर घुमाए जाते हों।  15 वरन् प्रेम में सच्‍चाई से चलते हुए सब बातों में उसमें जो सिर है , अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएँ,   16 जिससे सारी देह , हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर और एक साथ गठकर , उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक अंग के ठीक-ठीक कार्य ...

परमेश्वर कहां रहता है?

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परमेश्वर कहां रहता है? यशायाह 66:1-4 1. यहोवा यों कहता है, आकाश मेरा सिंहासन और पृय्वी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा? 2. यहोवा की यह वाणी है, थे सब वस्तुएं मेरे ही हाथ की बनाई हुई हैं, सो थे सब मेरी ही हैं। परन्तु मैं उसी की ओर दॄष्टि करूंगा जो दी और खेदित मन का हो, और मेरा वचन सुनकर थरथराता हो। 3. बैल का बलि करनेवाला मनुष्य के मार डालनेवाले के समान है; जो भेड़ के चढ़ानेवाला है वह उसके समान है जो कुत्ते का गला काटता है; जो अन्नबलि चढ़ाता है वह मानो सूअर का लोहू चढ़ानेवाले के समान है; और, जो लोबान जलाता है, वह उसके समान है जो मूरत को धन्य कहता है। इन सभोंने अपना अपना मार्ग चुन लिया है, और घिनौनी वस्तुओं से उनके मन प्रसन्न हाते हैं। 4. इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूंगा, और जिन बातोंसे वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊंगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दॄष्टि में बुरा या वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता या उसी ...

कलीसियाई सेवा के वरदान

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कलीसियाई सेवा के वरदान इफिसियों 4ः11 ‘‘उसने कुछ को प्रेरित, नियुक्त करके, और कुछ को भविष्यवक्ता नियुक्त करके, और कुछ को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त करके, और कुछ को रखवाले और शिक्षक नियुक्त करके दे दिया।’’ इफिसियों 4ः11 में सेवा के वरदानों की सूची है (अर्थात प्रतिभाशाली/गुणी आत्मिक अगुवे) जो मसीह ने कलीसिया को दिया। पौलुस स्पष्ट करता है कि कलीसिया को यह वरदान इसलिये दिया कि: ( 1) परमेश्वर के लोग सेवा के काम के लिये तैयार किये जाएं इफिसियों 4ः12 और (2) परमेश्वर की ईच्छा के अनुसार मसीह की देह की आत्मिक उन्नति हो। (4ः13-16)।  1कुरिन्थियों 12ः27-28 ' इसी प्रकार तुम मसीह की देह हो और एक एक करके उसके अंग हो, 28 और परमेश्वर ने कलीसिया में प्रथम प्रेरित, द्वितीय नबी  भविष्यवक्ता , तृतिय शिक्षक , फिर सामर्थ्य के कार्य करने वाले , चंगा करने के वरदान वाले, परोपकारी, प्रबन्धक, तथा अन्य-अन्य भाषाएं बोलने वालों को नियुक्त किया है।  प्रेरित: ‘ ‘प्रिरेत पद" नये नियम के कुछ अगुवों के लिये इस्तेमाल किया गया है। यूनानी भाषा में अपोस्टेलों (क्रिया) शब्द का अर्थ है किसी व्यक्ति...

प्राचीन-धर्मवृद्ध-बिशप-डीकन

प्राचीन-धर्मवृद्ध-बिशप-डीकन कलीसिया क्या है ? ‘‘...यीशु मसीह ने कहा कि मैं अपनी कलीसिया बनाऊंगा और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।’’ ( मत्ती 16ः 18 ) इसलिए कलीसिया का सिर और उसका कोने का पत्थर यीशु मसीह ही है। कलीसिया मात्र उसकी देह है। और सब कुछ उसके पांवों तले कर दिया: और उसे सब वस्तुओं पर शिरोमणि ठहराकर कलीसिया को दे दिया। यह उसकी देह है, और उसी की परिपूर्णता है, जो सब में सब कुछ पूर्ण करता है। ( इफिसियों 1ः 22-23 ) प्रभु के पैर अर्थात् कलीसिया तले सारे प्रधान्ताएं, और अधिकार, सामर्थ, प्रभुता और हर एक नाम जो इस लोक में और आने वाले लोक में लिया जायेगा व सब कलीसिया के नीचे कर दिया है जिससे वह शैतान के सिर को कुचले और फैल कर सारी दुनिया को भर दे। ( रोमियों 16ः 20 ) एक अन्य जाति के व्यक्ति ने कलीसिया की परिभाषा देते हुए कहा कि कलीसिया वह स्थान है जहां हालेल्लू वाले हर सप्ताह हल्ला करते है। उन्हें स्वर्ग जाने कि बड़ी चिन्ता है परन्तु अपने पड़ोस की उन्हें कोई चिन्ता नहीं है। नए नियम में यूनानी शब्द (मासमेपं) का अनुवाद मंडली या सभा होता है। नए नियम में चर्च शब्द का सम्बन्ध कभी किसी भवन...