प्रभु यीशु के बारह प्रमुख आदेश (Twelve Commands of Jesus)
प्रभु यीशु के बारह प्रमुख आदेश (Twelve Commands of Jesus)
(अपने स्वयं का मूल्यांकन कीजिये)
1. परमेश्वर से प्रेम करो, पड़ोसी से प्रेम करो, एक दूसरे से प्रेम करो और अपने दुश्मन से प्रेम करो और उसके लिए प्रार्थना करो । (लूका 10:27, यूहन्ना 13:34,35; मत्ती 5:44)
1. Love God, love neighbour, love each other and love your enemy. (Luke 10:27, John 13:34,35; Matt. 5:44)
2. तुम मेरे पीछे हो लो तो मैं तुम्हें मनुष्यों का मछुवारा बना दूंगा | (मत्ती 5:19)
2. Follow me and I will make you fishers of men. (Matt. 5:19)
3. तुम पृय्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। (प्रेरितों 1:8)
3. You shall be my witnesses to the ends of the earth. (Acts 1:8)
4. फसल के प्रभु से प्रार्थना करो कि वह कटनी के खेत में मजदूरों को भेज दे। (मत्ती 9:38; लूका 10:2)
4. Pray to the Lord of the harvest to send out labourers into the harvest field. (Matt. 9:38; Luke 10:2)
5. तुम जाकर उनकी आंखें खोलो, और उन्हें अन्धकार से ज्योति की ओर, और शैतान के वश से परमेश्वर की ओर फिरा, कि वे पापों की क्षमा, और उन में मीरास पाएं, जो उस विश्वास के द्वारा जो मुझ में है, पवित्र किए गए हैं। (प्रेरितों 26:18)
5. Go and open their eyes, and to turn them from darkness to light, and from the power of Satan unto God, that they may receive forgiveness of sins, and inheritance among them which are sanctified by faith that is in me. (Acts 26:18)
6. दुष्टात्माओं को निकालो, बीमारों को चंगा करो और परमेश्वर के राज्य का प्रचार करो। (लूका 9:1,2)
6. Cast out demons, heal the sick and preach the Kingdom of God. (Luke 9:1,2)
7. तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ, और उन्हें बपतिस्मा दो, और उन्हें मेरी सब आज्ञाओं का पालन करना सिखाओ। (मत्ती 28:19,20)
7. Go and make disciples of all nations, baptize, and teach them to obey all my commands. (Matt. 28:19,20)
8. मैं ने तुझे चुना है, कि तुम जाकर ऐसा फल लाओ कि तुम्हारा फल भी फल लाये । (यूहन्ना 15:8,16)
8. I have chosen you to go and bring forth reproducing fruit. (John 15:8,16)
9. जैसे मैं ने तुम्हारा प्रभु और गुरु होकर तुम्हारे पांव धोए हैं वैसा ही तुम भी एक दूसरे के पैर धो। (यूहन्ना 13:13,14)
9. I as your Lord and Rabbi have washed your feet – so must you wash each other’s feet. (John 13:13,14)
10. साझा भोजन - शांति के घर में जो आपके सामने रखा जाता है उसे खाओ और सामर्थ के कामो के द्वारा प्रचार करके शिष्य बनाकर उसी घर में कलिस्सिया स्थापित करो (लूका 10:5-9)।
10. Shared meal – eat what is laid before you in the house of peace (Luke 10:7,8).
11. दो – मंदिर के रख रखाव के लिए दशमांश नहीं बल्कि फसल काटने के लिए खुशी से जितना चाहिए दो क्योंकि थोड़ा बोअगे तो थोड़ा काटोगे और जितना ज्यादा बोओगे उतना ज्यादा काटोगे । (लूका 6:38; 2 कुरि0 9:6,7)
11. Give – not Tithe but cheerfully for reaping the harvest. (Luke 6:38; 2 Cor. 9:6,7)
12. यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे। (यूहन्ना 14:15)
12. If you love me, you will obey my commands. (John 14:15)
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