महान आदेश (संक्षिप्त विवरण)

महान आदेश

तब यीशु ने उनके पास आकर कहा ‘‘स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिए जाओं और सब जातियों के लोगों को चेले बनाओं तथा उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और जो जो आज्ञाएं मैंने तुम्हें दी है उनका पालन करना सिखाओ और देखो, मैं युग के अन्त तक सदैव तुम्हारे साथ हूँ’’। (मत्ती 28ः18-20)

पहला चरण: जाओ - अधिकार के साथ जाना

(1) अधिकार के साथ जाना, (लूका 9ः1-2)

लूका 9ः1 फिर उस ने बारहों को बुलाकर उन्हें सब दुष्टात्माओं और बिमारियों को दूर करने की सामर्थ और अधिकार दिया)
लूका 9ः2 और उन्हें परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने, और बिमारों को अच्छा करने के लिये भेजा।

(2) बांधो और खोलो, (मत्ती 16ः19, 18ः18)

मत्ती 16:19 मैं तुझे स्वर्ग के राज्य की कुंजियां दूंगा: और जो कुछ तू पृथ्वी पर बान्धेगा, वह स्वर्ग में बन्धेगा; और जो कुछ तू पृथ्वी पर खोलेगा, वह स्वर्ग में खुलेगा।

मत्ती 18:18 मैं तुम से सच कहता हूं, जो कुछ तुम पृथ्वी पर बान्धोगे, वह स्वर्ग में बन्धेगा और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुलेगा।

(3) सारी सृष्टी, (मरकुस 16ः15-20)

मरकुस 16ः15 और उस ने उन से कहा, तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो।
मरकुस 16ः16 जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास न करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा।
मरकुस 16ः17 और विश्वास करने वालों में ये चिन्ह होंगे कि वे मेरे नाम से दुष्टात्माओं को निकालेंगे।
मरकुस 16ः18 नई नई भाषा बोलेंगे, सांपों को उठा लेंगे, और यदि वे नाशक वस्तु भी पी जांए तौभी उन की कुछ हानि न होगी, वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे।
मरकुस 16ः19 निदान प्रभु यीशु उन से बातें करने के बाद स्वर्ग पर उठा लिया गया, और परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठ गया।
मरकुस 16ः20 और उन्होंने निकलकर हर जगह प्रचार किया, और प्रभु उन के साथ काम करता रहा, और उन चिन्हों के द्वारा जो साथ साथ होते थे वचन को, दृढ़ करता रहा। आमीन॥

(4) परमेश्वर का परिवार, (इफिसियों 2ः19)

इफिसियों 2ः19 इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए।

(5) शत्रू की सारी सामर्थ, (लूका 10ः19)

लूका 10ः19 देखो, मैने तुम्हे सांपों और बिच्छुओं को रौंदने का, और शत्रु की सारी सामर्थ पर अधिकार दिया है; और किसी वस्तु से तुम्हें कुछ हानि न होगी।

(6) जहां मसीह का नाम नही है। (रोमियों 15ः20)

रोमियों 15ः20 पर मेरे मन की उमंग यह है, कि जहां जहां मसीह का नाम नहीं लिया गया, वहीं सुसमाचार सुनाऊं; ऐसा न हो कि दूसरे की नींव पर घर बनाऊं॥


दूसरा चरण: श्ष्यि बनाओं

(1) फल लाने वाला, (यूहन्ना 15ः8 लूका 9ः1-2)

यूहन्ना 15ः8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।

लूका 9ः1 फिर उस ने बारहों को बुलाकर उन्हें सब दुष्टात्माओं और बिमारियों को दूर करने की सामर्थ और अधिकार दिया।
लूका 9ः2 और उन्हें परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने, और बिमारों को अच्छा करने के लिये भेजा।

(2) जो फल बना रहे, (यूहन्ना 15ः16)

यूहन्ना 15ः16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।

(3) बीज मरेगा तो फलेगा, (यूहन्ना 12ः24)

यूहन्ना 12ः24 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है।

(4) आज्ञा मनने वाला, (यूहन्न 8ः31)

यूहन्न 8ः31 तब यीशु ने उन यहूदियों से जिन्हों ने उन की प्रतीति की थी, कहा, यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे, तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे।

(5) आपसी प्रेम करना, (यूहन्ना 13ः35)

यूहन्न 13:35 यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो॥

(6) त्याग की भावना, (लूका 14ः26-27)

लूका 14ः26 यदि कोई मेरे पास आए, और अपने पिता और माता और पत्नी और लड़के बालों और भाइयों और बहिनों बरन अपने प्राण को भी अप्रिय न जाने, तो वह मेरा चेला नहीं हो सकता।

लूका 14ः27 और जो कोई अपना क्रूस न उठाए; और मेरे पीछे न आए; वह भी मेरा चेला नहीं हो सकता।

(7) महान आदेश, (मत्ती 28ः18-20)

मत्ती 28ः18 यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है।
मत्ती 28ः19 इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। 
मत्ती 28ः20 और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं॥

तीसरा चरणः बपतिस्मा दो


(1) यीशु की मृत्यु मे मिलना, (रोमियों 6ः3-5)

रोमियों 6ः3 क्या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया
रोमियों 6ः4 सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।
रोमियों 6ः5 क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे।
रोमियों 6ः6 क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें।
रोमियों 6ः7 क्योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा।

(2) पापों की क्षमा के लिये, (प्रेरितों के काम 2ः38-39)

प्रेरितों के काम 2ः38 पतरस ने उन से कहा, मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे।
प्रेरितों के काम 2ः39 क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम, और तुम्हारी सन्तानों, और उन सब दूर दूर के लोगों के लिये भी है जिन को प्रभु हमारा परमेश्वर अपने पास बुलाएगा।

(3) मसीह को पहनना, (गलातियों 3ः27-28)

गलातियों 3ः27 और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहिन लिया है।
गलातियों 3ः28 अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो।

(4) शुद्ध मन के होना,
(1पतरस 3ः21)

1पतरस 3ः21 और उसी पानी का दृष्टान्त भी, अर्थात बपतिस्मा, यीशु मसीह के जी उठने के द्वारा, अब तुम्हें बचाता है; ( उस से शरीर के मैल को दूर करने का अर्थ नहीं है, परन्तु शुद्ध विवेक से परमेश्वर के वश में हो जाने का अर्थ है )।

(5) मूसा का बपतिस्मा, (1कुरिन्थियों 10ः1-2)

1कुरिन्थियों 10ः1 हे भाइयों, मैं नहीं चाहता, कि तुम इस बात से अज्ञात रहो, कि हमारे सब बाप दादे बादल के नीचे थे, और सब के सब समुद्र के बीच से पार हो गए।
1कुरिन्थियों 10ः2 और सब ने बादल में, और समुद्र में, मूसा का बपितिस्मा लिया।

(6) यहूदियों का शुद्धिकरण,

(1) यूहन्ना का बपतिस्मा, (मत्ती 3ः1-2)

मत्ती 3ःउन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला आकर यहूदिया के जंगल में यह प्रचार करने लगा। कि
मत्ती 3ःमन फिराओ; क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।

(2) यीशु का बपतिस्मा (यूहन्ना 4ः1-2)

यूहन्ना 4ःफिर जब प्रभु को मालूम हुआ, कि फरीसियों ने सुना है, कि यीशु यूहन्ना से अधिक चेले बनाता, और उन्हें बपतिस्मा देता है।
यूहन्ना 4ः2 (यद्यपि यीशु आप नहीं वरन उसके चेले बपतिस्मा देते थे)।

(3) आग (सताव) का बपतिस्मा, (मत्ती 3ः11,प्रे.काम 14ः22)

मत्ती 3ः11 मैं तो पानी से तुम्हें मन फिराव का बपतिस्मा देता हूं, परन्तु जो मेरे बाद आनेवाला है, वह मुझ से शक्तिशाली है; मैं उस की जूती उठाने के योग्य नहीं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।

प्रेरितों के काम 14:22और चेलों के मन को स्थिर करते रहे और यह उपदेश देते थे, कि हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।

 (4) नूह का बपतिस्मा (1पतरस 3ः20,21)

1पतरस 3ः20 जिन्होंने उस बीते समय में आज्ञा न मानी जब परमेश्वर नूह के दिनों में धीरज धर कर ठहरा रहा, और वह जहाज बन रहा था, जिस में बैठकर थोड़े लोग अर्थात आठ प्राणी पानी के द्वारा बच गए।
1पतरस 3ः21 और उसी पानी का दृष्टान्त भी, अर्थात बपतिस्मा, यीशु मसीह के जी उठने के द्वारा, अब तुम्हें बचाता है; ( उस से शरीर के मैल को दूर करने का अर्थ नहीं है, परन्तु शुद्ध विवेक से परमेश्वर के वश में हो जाने का अर्थ है )।
चौथा चरणः उन्हें आज्ञा मानना सिखाओं


(1) परमेश्वर से प्रेम, (लूका 10ः27)

लूका 10ः27 उस ने उत्तर दिया, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी शक्ति और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख; और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।
 
(2) अपने आप से प्रेम, (मरकुस 12ः31)

मरकुस 12ः31 और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं।

(3) अपने पडोसी और बैरी से प्रेम, (मरकुस 12ः31)

मरकुस 12ः31 और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं।

(4) आपसी प्रेम, (मत्ती 5ः44, यूहन्ना 13ः34-35)

मत्ती 5ः44 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो।
यूहन्ना 13ः34 मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो।
यूहन्ना 13ः35 यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो॥ 

(5) देने की, (लूका 6ः38)

लूका 6ः38 दिया करो, तो तुम्हें भी दिया जाएगा: लोग पूरा नाप दबा दबाकर और हिला हिलाकर और उभरता हुआ तुम्हारी गोद में डालेंगे, क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा॥

(6) फल लाने, (यूहन्ना 15ः8)

यूहन्ना 15ः8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।

(7) पाप क्षमा करों, (मत्ती 6ः15)

मत्ती 6ः15 और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा॥

(8) लोगों को लाना, (लूका 14ः23)

लूका 14ः23 स्वामी ने दास से कहा, सड़कों पर और बाड़ों की ओर जाकर लोगों को बरबस ले ही आ ताकि मेरा घर भर जाए।

(9) प्रभु भोज, (1कुरिन्थियों 11ः25)

1कुरिन्थियों 11ः25 इसी रीति से उस ने बियारी के पीछे कटोरा भी लिया, और कहा; यह कटोरा मेरे लोहू में नई वाचा है: जब कभी पीओ, तो मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।

(10) भेजने की, (यूहन्ना 17ः18)

यूहन्ना 17ः18 जैसे तू ने जगत में मुझे भेजा, वैसे ही मैं ने भी उन्हें जगत में भेजा।

(11) पवित्रीकरण (यूहन्ना 17ः19)

यूहन्ना 17ः19 और उन के लिये मैं अपने आप को पवित्र करता हूं ताकि वे भी सत्य के द्वारा पवित्र किए जाएं।

 पाँचवा चरण: उन्हें भेजो

 चेलों को किस रूप में भेजें,
(1) मछुवारे के रूप में, (मत्ती 4ः19)
मत्ती 4ः19 और उन से कहा, मेरे पीछे चले आओ, तो मैं तुम को मनुष्यों के पकड़ने वाले बनाऊंगा।
(2) चरवाहे के रूप में, (लूका 19ः10)
लूका 19ः10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है॥
(3) गवाही (शहिद होना), (प्रेरितों के काम 1ः8)
प्रेरितों के काम 1ः8 परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।
(4) बीज के रूप में, (मत्ती 13ः37-38)
मत्ती 13ः37 उस ने उन को उत्तर दिया, कि अच्छे बीज का बोने वाला मनुष्य का पुत्र है।
मत्ती 13ः38 खेत संसार है, अच्छा बीज राज्य के सन्तान, और जंगली बीज दुष्ट के सन्तान हैं।
  
 चेला कैसे बनाएं (प्रेरितों के काम 1ः17-18)
प्रेरितों के काम 1ः17 और मैं तुझे तेरे लोगों से और अन्यजातियों से बचाता रहूंगा, जिन के पास मैं अब तुझे इसलिये भेजता हूं।
प्रेरितों के काम 1ः18 कि तू उन की आंखे खोले, कि वे अंधकार से ज्योति की ओर, और शैतान के अधिकार से परमेश्वर की ओर फिरें; कि पापों की क्षमा, और उन लोगों के साथ जो मुझ पर विश्वास करने से पवित्र किए गए हैं, मीरास पाएं।
(1) आत्मिक आंखे खोले, (2कुरिन्थियों 4ः4)
2कुरिन्थियों 4ः4 और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।
(2) शैतान के अधिकार, (लूका 10ः2)
लूका 10ः2 और उस ने उन से कहा; पके खेत बहुत हैं; परन्तु मजदूर थोड़े हैं: इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो, कि वह अपने खेत काटने को मजदूर भेज दे।

(3) पवित्रता, (प्रेरितों के काम 10ः43)
प्रेरितों के काम 10ः43 उस की सब भविष्यद्वक्ता गवाही देते हें, कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, उस को उसके नाम के द्वारा पापों की क्षमा मिलेगी॥
(4) पापो की क्षमा, (प्रेरितों के काम  10ः43)
प्रेरितों के काम 10ः43 उस की सब भविष्यद्वक्ता गवाही देते हें, कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, उस को उसके नाम के द्वारा पापों की क्षमा मिलेगी॥
(5) मीरास, (उत्तराधिकार) (भजन संहिता 2ः8; 2पतरस 2ः9)
भजन संहिता 2ः8 मुझ से मांग, और मैं जाति जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लिये, और दूर दूर के देशों को तेरी निज भूमि बनने के लिये दे दूंगा।

2 पतरस 2ः9 तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधमिर्यों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है। 



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