अच्छी कुश्ती लड़ो
अच्छी कुश्ती लड़ो
बहुत सी इक्लीसियाओं की स्थापना, भंयकर अत्मिक युद्धों को लड़ने के बाद ही, की जा सकती थी। यीशु शैतान के कामों का नाश करने के लिये जगत में आए थे। उन्होंने हमें आत्मा की तलवार दिये हैं ताकि हम शैतान के प्रतिनिधियों के विरूद्ध वैश्विक युद्ध को लड़ सकें (प्रेरितों के काम 13ः6-12)।कुरिन्थि में यह वीनस और डेल्फी की कामवासना से भरी आत्मा थी जो उन्हें व्याभिचारीपन की अनैतिकता और मूर्तिपूजा में ले गई (1कुरिन्थियों 6ः9; 10ः19-21)। इफिसुस में वह अरितिमिस की आत्मा थी जो आपोलो द्वारा प्रेरित थी जिसकी उपासना पैयथो में की जाती थी (प्रेरितों के काम 16ः16)। अन्ताकिया में यह कर्मकाण्ड वादी आत्मा थी, उन यहूदी मत के लोगों की जो मसीह पर विश्वास करते तो थे परन्तु जो खतना कराने, और मूसा की व्यवस्था की और दूसरी बातों को पूरा करने के लिये दबाव भी डालते थे (प्रेरितों के काम 15ः1,2)।
स्मुरना में यह शैतान की साभा थी (प्रकाशित वाक्य 2ः9)। परगुमन में यह बालाम की और नीकुलईयों की शिक्षाओं के समझौते कर लेने वाली आत्मा है (प्रकाशित वाक्य 2ः6,14,15)। थुआतीरा में यह ईजबेल की आत्मा है (प्रकाशित वाक्य 2ः20) और इस प्रकार से और भी, प्रत्येक जगह में जो क्षेत्रीय आत्मा थी उसे वहां से निकल जाने के आदेश दिये गए।
बहुत से तरीके है जिनके द्वारा अच्छी कुश्ती लड़ सकते हैं (1तीमुथियुस 6ः12; 2तीमुथियुस 4ः7)। प्रेरितों की तरह मन्दिरों और बड़े बड़े चर्चो में से भेडों को निकालने और पूरे शहर को इक्लीसियाओं से भर दीजिये। आप इसे पौलूस के तरीके से कर सकते हैं, शासक के घर में जाईये, इलीमास अर्थात बलवंत पुरूष (शैतान) को बांधिये, और इक्लीसिया की स्थापना करो। आप इसे योना के तरीके से भी कर सकते हैं। आप नगर में भविष्यद्वाणी करते हुए घूमते रहिये जब तक वहां लोग पश्चाताप न करने लगे। आप यहोशू के तरीके को भी उपयोग में ला सकते हैं, चुपचाप प्रार्थना करते हुए नगर के चारों ओर चक्कर लगाओ जब तक उस नगर की दुष्ट आत्माओं की दीवारें धराशाई होकर ढेर न हो जांए। आप एलियाह का तरीका उपयोग में ला कसते हैं, सारे जादू टोना करने वालों और तांन्त्रिकों को बुलाओ, स्वर्ग से आग बुलाओ और उन्हें नाश कर दो। दाऊद की तरह आप परमेश्वर के नाम में जा सकते हैं, गोलियत के रूप में उस बलवंत (शैतान) की पहिचान करें, गोफन के साथ थोड़ा आनन्द लें और फिर आत्मा की तलवार से उसे समाप्त कर दें। अधिक साहसी लोग यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का तरीका अपना सकते हैं, उन मसीहियों को जो फरीसियों वाली धार्मिकता रखते हैं बुलाओं, जो करैत की सन्तान हैं, उन्हें पश्चाताप करने के लिये तैयार करो और फिर उन्हें हजारों की संख्या में बपतिस्मा दो।
तथापि जो सबसे कठिन युद्ध का मैदान है वह मन है जहां शरीर (flesh) और आत्मा के मध्य युद्ध होता है, जो इस युद्ध को जीत लेता है वह सारे युद्ध भी जीत लेगा। (गलातियों 5ः16,17; 2कुरिन्थियों 10ः3,5; रोमियों 8ः12)
यद्यपि हम सताए जाने वाले पीड़ित लोग हैं, तौभी हम मसीह के वारिस, पुत्र और पुत्रियां, राजदूत और राजकीय याजक बने रहते है।
परन्तु यहोवा परमेश्वर ने मुझसे कहा, ‘‘मत कह कि मैं लड़का हूं क्योंकि जिस किसी के पास मैं तुझे भेजंू वहां तू जाएगा, और जो कुछ मैं तुझे आज्ञा दूं वही तू कहेगा। तू उनके मुख को देखकर मत डर क्योंकि तुझे छुड़ाने के लिये मैं तेरे साथ हूँ...... देख मैंने अपने वचन तेरे मुंह में डाल दिये हैं। सुन मैंने आज के दिन तुझे जातियों और राज्यों पर अधिकारी ठहराया है, उन्हें गिराने और ढा देने के लिये, नाश करने और काट डालने के लिये, या उन्हें बनाने और रोपने के लिये’’ (यर्मियाह 1ः7-10)
यह समय है कि चर्च (कलीसिया) के धर्मशास्त्र विरूद्ध नमूने को ताड़कर नये नियम के नमूने की इक्लीसियाओं को स्थापित करें और उनका पुनः निर्माण करें।
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