वचन मन में रखना — आत्मिक जीवन की शक्ति
1. वचन मन में रखना उपशीर्षक: हृदय में वचन, जीवन में शक्ति बाइबल उद्धरण: "तेरे वचन को मैं ने अपने हृदय में छिपा लिया है, कि तुझ से पाप न करूँ।" (भजन संहिता 119:11) परमेश्वर का वचन हमारे हृदय और मन में धारण करने से आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है, जो जीवन की हर चुनौती में मार्गदर्शन देता है। लूका 2:19 के अनुसार, "परन्तु मरियम ने ये सारी बातें अपने हृदय में रखीं, और उनके विषय में चिन्तन करती रहीं।" यह कवर हमें सिखाता है कि वचन को मन में रखना न केवल स्मृति का कार्य है, बल्कि परमेश्वर की योजना को समझने और जीने की कुंजी है। 2. मुख्य पद — लूका 2:19 उपशीर्षक: मरियम का हृदय: वचन का भंडार बाइबल उद्धरण: "परन्तु मरियम ने ये सारी बातें अपने हृदय में रखीं, और उनके विषय में चिन्तन करती रहीं।" (लूका 2:19) मरियम ने यीशु के जन्म और स्वर्गदूतों की घोषणा की सभी बातों को अपने मन में संभालकर रखा। यह पद दर्शाता है कि परमेश्वर के कार्यों पर चिंतन करना आत्मिक परिपक्वता की निशानी है। इससे हम सीखते हैं कि वचन को मात्र सुनना पर्याप्त नहीं, बल्कि उसे मन में धारण कर जीवन में उतारना आ...