कलीसिया (चर्च) में मूर्तिपूजक परम्परांए एंव विधर्म - भाग 1
पवित्र भवन, ऊंचे घण्टाघर, क्रूस, रवि-वार (सन-डे), यहां तक कि प्रभु यीशु (लॉर्ड जीसस) और बहुत सी बातें हमारी मूर्तिपूजक विधर्मिता की बपौती हैं।
इक्लीसिया का प्रतिक चिन्ह दीवट (मेनोराह) ही है। (प्रकाशित वाक्य 1ः20)
इक्लीसिया (चर्च) में विद्रोह
मूर्तिपूजक विधर्मिता का प्रारम्भ आदन की वाटिका से ही है। याहवेह को जलप्रलय के द्वारा उन सबों को नाश कर देना पड़ा था। मूर्तिपूजक परम्पराओं और विधर्म ने तुरन्त अपना सिर उठाना प्रारम्भ कर दिया और इलोहिम को इब्राहीम को उसके मूर्तिपूजक कुटुम्ब से छुड़ाकर निकालना पड़ा।
निम्रोद ने अपने सिरजनहार से बलवा किया और बाबुल का गुम्मट बनाया। वह पृथ्वी पर पहिला राजा बना। उसने अपनी ही मां सेमिरामिस से विवाह किया, जो एक जादूगरनी, डाईन, पृथ्वी माता/सर्य देवी थी, जिससे ताम्मूज का जन्म हुआ जिसका चिन्ह टाऊ या टी (T) था जो बाद में क्रूस के चिन्ह में बदला गया। निम्रोद मार डाला गया और सूर्य देवता बन गया जिसकी उपासना मिस्र, बाबुल, ईरान और पूर्व में बाल (Lord), ईश्वर दागोन, मोलेक, मियास, अहूरा, माज़दा, जियुस इत्यादि रूपों में की जाती थी।
सेमिरामिस सूर्य देवी, आज भी न्यूयार्क यू.एस.ए. में स्वतंत्रता की महिला (Lady Liberty) के रूप में जीवित है और इसी प्रकार सूर्य के आकार के मुकटों में और देवी, देवताओं, राजा रानियों और सन्तों के प्रभामण्डलों (हेलो Halo - वह गोलाकार आकृति जो तस्वीरों में देवी देवताओं के सिरों के चारो ओर उन्हें दैविक दर्शाने के लिये बनाई जाती है) में दर्शाए जाते है। सब प्रकार के रहस्यानुष्ठानों, धार्मिक काम क्रियाओं, उपयोग में लाये जा चुके अण्डों, खरगोशों और गर्म क्रास बन्स को गर्भ-उर्वरता के प्रतीक चिन्हों के रूप में उपयोग में लाकर बहुत से अन्यजातीय अधार्मिक उत्सव मनाएं जाते है।
इस्राएल के मिस्र में 400 वर्षों तक रहने के समय उन्होंने अपने आपको मूर्तिपूजा से पूरी तरह भृष्ट कर डाला था और याहवेह को उन्हें मरूभूमि के जंगल में नाश करना पड़ा। 700 ई. पू. बाबुल/फारस में विस्थापन के समय यहूदी कैलेन्डर में स्थानीय देवताओं के नाम जोड़ दिये गए। 356-323 ई.पू., सिकन्दर महान ने यूनानी देवताओं और दूसरे स्थानीय देवताओं को भारत तक लाकर उनका समन्वय कर दिया। 306-337 ई. बाद, रोमी सम्राट कॉन्स्टेन्टाईन ने जो सूर्य का आराधक था, पूरे चर्च को सूर्य मय, व्यापकता, मूर्तिपूजक परम्पराओं और विधर्म से भर दिया। (उत्पत्ति 10ः7,9; 11ः1-9; यहेजकेल 8ः14; यिर्मयाह 3ः9)
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