भाग १ प्रचार क्यों करना चाहिए?

 भाग १  प्रचार क्यों करना चाहिए?

प्रचार हमें इसलिए करना चाहिए क्योंकि यह परमेश्वर की आज्ञा है। (भजन संहिता 96ः2) ‘‘और व्यवस्था हमें बताती है कि हमें परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना है। यदि हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं तो हमें परमेश्वर की आज्ञा पालन करना अनिवार्य है।’’ यदि हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं तो हमें परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना अनिवार्य है’’। (यूहन्ना 14ः15) ‘यदि तुम मुझ से प्रेम करते हो तो मेरी आज्ञाओं को मानोंगे।‘ इसलिए हमें परमेश्वर की अज्ञाओं को मानना है। और अपने प्रेम को जो प्रभु यीशु मसीह से करते है उसका दर्शन कर सकते है। 

आज्ञाः- आज्ञा तो परमेश्वर ने कई दिया है। जैसेः- ‘दस आज्ञा‘। निर्गमन 20ः1-17 ‘‘और दो मुख्य आज्ञा प्रभु यीशु ने बताया। मरकुस 12ः29-30 ‘‘यीशु ने उनको उत्तर दिया, सब आज्ञाओं में से यह मुख्य है, हे इस्राएल सुन, प्रभु हमारा परमेश्वर एक ही है और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपनी सारे प्राण से और अपनी सारी बुद्धि से और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना और दूसरी यह है कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना इससे बड़ी और कोई आज्ञा नहीं है। 

मुख्यतः परमेश्वर के नियम भी परमेश्वर के आज्ञा के रूप है। परन्तु आज लोग परमेश्वर की आज्ञा को भूलते जा रहे हैं और अपने अपने संस्कार को या चर्च के लागू किये हुए नियतों को ज्यादा महत्व देते हैं और यह भूल जाते है कि परमेश्वर सही रूप से हमें कौन सी आज्ञा पालन करने को कहता है। 

उदहारण - जैसे मनुष्य दवा तो खाता है परन्तु चिकित्सक द्वारा जो परहेज या सावधानी बरतने को कहा जाता है उसे वह भूल जाता है।

प्रचार की आज्ञा: मत्ती 28ः18-20; मरकुस 16ः15 और उसने उनसे कहा (प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा) तुम सारे जगत में जाकर सारे सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो।‘‘

किस लिए सुसमाचार का प्रचार किया जाये?

(अ) मृत्यु से बचाने के लिए (ब) नया जन्म के लिए (स) उद्धार के लिए (द) छुटकारा के लिए (ई) पापों की क्षमा के लिए (फ) मन फिराव के बपतिस्मा के लिए।

रामियों ‘‘क्योंकि सबने पाप किया है और उसकी महिमा से रहिता है।’’ हम दूसरों को प्रचार कर के उन्हें प्रभु यीशु मसीह के पास ला सकते है। यूहन्ना 6ः16 ‘‘परमेश्वर ने जगत से इतना प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे तो नाश न हो परन्तु अनन्त जीवन पाए।’’

(अ) मृत्यु से बचाने के लिए: याकूब 1ः19-21 - ‘‘हे मेरे  भाईयो यदि तुम में कोई सत्य के मार्ग से भटक जाये और कोई उसको फेर लाये। तो वह यह जान ले कि जो कोई किसी भटके हुए पापी को फेर लाएगा वह एक आत्मा को मृत्यु से बचाएगा और अनेक पापों पर परदा डालेगा’’।

(ब) नया जन्म के लिएः 1पतरस 1ः23 ‘‘क्योंकि तुमने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर की जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। 

नया जन्मः हम पुराने जीवन अर्थात पाप में रह कर उद्धार को प्राप्त नहीं कर सकते। क्योंकि दाऊद भजन संहिता 51ः5 में कहा ‘देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ अर्थात हम जन्म से ही पापी है। 

यूहन्ना 3ः1-7 निकुदेमुस से प्रभु यीशु मसीह मसीह ने कहा मैं तुझसे सच-सच कहता हूं यदि कोई नेय सिरे से न जन्म ले तो परमेश्वर के राज्य को देख नही सकता। इन बातों को समझने के लिए प्रभु यीशु ने उसे समझाया या यूं कह सकते हैं कि प्रभु यीशु ने उसे प्रचार किया सा सुसमाचार सुनाया।

(स) उद्धार के लिए - हम उद्धार का सुसमाचार सुना सकते है। यूहन्ना 3ः17 ‘परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिए नहीं भेजा कि जगत पर दंड की आज्ञा दे। परन्तु इसलिए कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाये। और यही सुसमाचार हम दूसरों को दें ताकि लोग प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार पा सकें। मत्ती 1ः20-22, ‘‘जब मरियम गर्भवती थी तब प्रभु का स्वर्गदूत युसूफ के पास पहुंचा और कहा हे युसूफ, दाऊद की संतान तू अपनी पत्नि मरियम को अपने यहां लाने से मत डर क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। वह पुत्र जनेगी तू उसका नाम यीशु रखना क्योंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से उद्धार करेगा। हमें सुसमाचार का प्रचार इसलिए करना चाहिए कि लोग अपने पापों से उद्धार पा सकें।


(द) छुटकारा के लिए: 1पतरस 1ः8-19 ‘क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हारा निकम्मा चालचलन जो बाप दादों से चला आ रहा है उससे तुम्हारा छुटकारा सोने चांदी अर्थात नाशवान वस्तुओं द्वारा नहीं हुआ, निर्दोष और निष्कलंक मेमने अर्थात मसीह यीशु के बहुमूल्य लोहू (रक्त) के द्वारा हुआ।’’ 

आज संसार में करोड़ों ऐसे लोग है जो सच्चाई व इस भेद को नही जानते यही सच्चाई व भेद को हम बता सकते है प्रचार कर सकते है कि हमारा छुटकारा प्रभु यीशु मसीह के निष्कलंक लोहू के द्वारा हो सकता है क्योंकि प्रभु यीशु हमारे पापों को अपने ऊपर ले लिया। 

इब्रानियों 7ः25 ‘‘इसलिए जो उसके द्वारा परमेश्वर के पास आते है वह उनका पूरा पूरा उद्धार कर सकता है।’’ इब्रानियों 10ः4 ‘‘क्योंकि अनहोना है कि बैलों व बकरों का लहू पापों को दूर करें।’’ इब्रानियों 9ः12 ‘‘बकरों और बछड़ों के लोहू के द्वारा नहीं पर, अपने ही लहू के द्वार एक ही बार पवित्र स्थान में प्रवेश किया और अनन्त छुटकारा प्राप्त किया।’’ परमेश्वर के पवित्र स्थान में जहां मनुष्य कभी प्रवेश नही कर सकता था। मनुष्य के उपर एक बंधन था, मनुष्य बंधा हुआ था कि वह परमेश्वर के पवित्र स्थान में प्रवेश नही कर सकता था। उस बंधन से प्रभु यीशु मसीह ने छुटकारा दिलाया कि मनुष्य स्वंय अब प्रभु यीशु हमें सारे पापों से छुड़ाकर परमेश्वर के पवित्र स्थान में प्रवेश दिला सकता है।

(इ) पापों की क्षमा के लियेः हमें पापों की क्षमा के लिये प्रचार कर सकते हैं। या इस प्रचार की बहुत ही आवश्यक्ता है। पतरस ने जब अपना प्रचार आरंभ किया तो अपने प्रचार का निचोड़ लोगों को बताया और प्रभु यीशु मसीह के विषय में प्रचार किया और कहा तुम में से हर एक अपने पापों की क्षमा के लिए प्रभु यीशु मसीह के विषय में प्रचार किया और कहा तुम में से हर एक अपने पापों की क्षमा के लिए प्रभु यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले। प्रेरितों के काम 2ः38 पापों की क्षमा का प्रचार जब तक न हो तब लोग अपने अपने पापों को नहीं पहचान सकेंगे। पापों के क्षमा का प्रचार नितांत आवश्यक है।

(फ) मन फिराव के बपतिस्मा के लिएः लूका 3ः3 ‘‘यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार किया। साथ ही पापों से क्षमा का भी प्रचार किया एक खास बात हम देखते है कि यूहन्ना मन फिराव के बपतिस्में का प्रचार करता था। और इसी कारण लोग उसे यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला कहने लगे। और उन दिनों पापों से क्षमा के लिए मन फिराव के बपतिस्मा के प्रचार के कारण भीड़ की भीड़ यूहन्ना के पास आते थे। और वह यरदन नदी में उन्हें बपतिस्मा देने लगा। यहां तक कि स्वंय प्रभु यीशु मसीह ने भी यूहन्ना से बपतिस्मा लिया। और प्रचार के ही द्वारा लोग भीड़ के भीड़ यूहन्ना के पास आते थे और पापों की क्षमा के लिए बपतिस्मा लेते थे। पतरस ने जब प्रचार किया तो लोगों के उपर उसका गहरा प्रभाव पड़ा और उसी दिन करीब तीन हजार लोग उनमें मिल गए। (प्रेरितों के काम 2ः41)। लूका 24ः47 ‘‘मनफिराव का प्रचार किया जायेगा। 

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