भाग 5 कौन प्रचार कर सकता है?

 भाग 5 कौन प्रचार कर सकता है?

(अ) प्रभु यीशु के शिष्य: प्रभु यीशु मसीह ने स्वर्गारोहण से पहले अपने चेलों को आज्ञा दिया। मरकुश 16ः15 ‘‘और उसने उनसे कहा, तुम संपूर्ण जगत में जाओ और सारी सृष्टि को सुसमाचार प्रचार करो।’’ इन पदों से साफ प्रगट होता है कि प्रभु यीशु ने अपने चेलों को प्रचार करने लिए कहा। क्योंकि प्रभु यीशु को उन पर विश्वास था। वे चेले प्रभु के सामथ्र्य को जानते थे। उससे प्रेम करते थे और परमेश्वर की योजना से परिचित हो गये थे। 

चेलों को आदेशः- मरकुस 6ः7 ‘‘बारहों को (बारह चेले) बुलाकर उन्हें आदेश दिया।’’ मरकुस 6ः12 ‘‘और उन्होंने जाकर मनफिराव का प्रचार किया’’। इस पद से हमें और भी साफ रीति से पता चलता है कि प्रभु यीशु ने अपने चेलों को आदेश दिया कि जाकर प्रचार करो। 

(ब) चुने हुये लोगः लूका 10ः1 ‘‘और इन बातों के बाद प्रभु यीशू ने सत्तर और लागों को नियुक्त किया। (अर्थात चुना) की वे उससे पहले उसका प्रचार करे’’। लूका 10ः19 ‘देखो मैंने तुम्हे सापों और बिच्छुओं को रौंदने का और शत्रुओं की सारी सामर्थ पर अधिकार दिया है। ‘यूहन्ना 15ः16 ‘तुमने मुझे नहीं चुना परंतु मैंने तुम्हें ठहराया (चुना है) कि तुम जाकर फल लाओ, और तुम्हारा फल बना रहे।’ प्रभु यीशु ने कुछ लोगो को चुना कहा, फल लाओ। फल लाने का अर्थ है कि एक पापी को पाप से फेर लाना। एक व्यक्ति के अन्दर इस तरह से विश्वास जगाना ताकि वह प्रभु यीशु मसीह पर पूर्ण रीति से विश्वास करें। जैसे किसी कंपनी का प्रतिनिधि (रिप्रेजेन्टेटिव) जब अपने कंपनी की वस्तु किसी को बेचता है तो वह उस व्यक्ति को इस प्रकार से कायल करता है, बाध्य करता है कि वह उस वस्तु को खरीद ले। और इसीलिये प्रभु यीशु ने लोगों को चुना कि लोग प्रभु यीशु मसीह के लिए आत्मा को जीत सके आत्मा को बचा सकें।

(स) बुलाए हुए लोगः प्रेरितों के काम 13ः2 ‘‘परमेश्वर के वचन में साफ रीति से बताया गया है कि अंताकिया की कलीसिया में पवित्र आत्मा ने कहा कि बरनवास व शाउल को अलग करो जिसके लिये उन्हें बलाया गया है। और कलीसिया ने उनको अलग किया और वे सलमीस के आराधनालय में परमेश्वर का वचन सुनाया।’’ परमेश्वर ने बरनवास व शाउल को अपने कार्य हेतु, अपने प्रचार हेतु, सुसमाचार हेतु बुलाया। और उन्होंने परमेश्वर की बुलाहट को समझ कर परमेश्वर का वचन सुनाया। और परमेश्वर के कार्य को किया। प्रेरितों के काम  10ः5 प्रेरितों के काम 10 अध्याय में वर्णन है कुरनेलियुस के बारे में जो उपवास व प्रार्थना करता था वह बहुत दान देता था। और उसकी एक खास बात थी किस वह परमेश्वर से डरता था। और उसी को सुसमाचार सुनाने के लिये परमेश्वर के दूतने करनेलियुस से कहा (प्रेरितों के काम 10ः5) और अब याफा में मनुष्य भेजकर, शमौन को जो पतरस कहलाता है बुलवा ले। और परमेश्वर के सुसमाचार को सुनकर कुरनेलियुस ने बपतिस्मा लिया। 

(द) विश्वासीः मत्ती 10ः32 ‘जो कोई मनुष्य के सामने मुझे मान लेगा, उसे मैं भी अपने पिता के सामने मान लूंगा।’ मनुष्य के सामने मानने का अर्थ है परमेश्वर प्रभु यीशु समीह पर विश्वास करना या ग्रहण करना। मत्ती 3ः6 परमेश्वर ने जगत से इतना प्यार किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे नष्ट न हो परन्तु अनंत जीवन पाए। इस पद के द्वारा हम जान सकते हैं। कि अनंत जीवन पाने के लिये हमें प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास रखना होगा। प्रेरितों के काम 2 पतरस ने पिन्तेकुस्त के दिन प्रचार किया। उसने प्रभु यीशु मसीह का प्रचार इसलिए किया कि वह प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास रखता था। व उनके शक्ति सामथ्र्य व उसके कार्यो को जानता था वह यह भी जानता था कि प्रभु यीशु समीह परमेश्वर का पुत्र है व वह हमारे पापांे के लिये मारा गया। प्रेरितों के काम 2ः36 ‘सो अब इस्राइल का सारा घराना निश्चय जान ले परमेश्वर ने उसी यीशु को जिसे तुमने क्रूस पर चढ़ाया प्रभु भी ठहराया व मसीह भी,। पतरस प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करता था इसी कारण से उसने प्रभु यीशु मसीह के सुसमाचार का प्रचार किया। सुसमाचार पर जो विश्वास करते हैं वे ही विश्वासी कहलाते है। प्रभु यीशु मसीह ने जो कि स्वंय परमेश्वर का प्रतिरूप था परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया। प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर के राज्य को जानता था। परमेश्वर के राज्य पर विश्वास करता था इसलिए उसने परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया। 

मरकुस 1ः14-15 ‘यूहन्ना के पकड़वाए जाने के बाद यीशु ने गलील में आकर परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया। और कहा समय पूरा हुआ है मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्वास करो‘। मरकुस1ः16-20 ‘गलील में ही प्रभु यीशु मसीह शमौन और उसके भाई अद्रियास को झील में जाल देखा यीशु ने उनसे कहा मेरे पीछे चले आओ मैं तुम्हे मनुष्यों को पकड़ने वाला बनाउंगा। वे तुरंत अपने जालों को छोड़कर उसके पीछे हो लिये। क्योंकि उन्होंने प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास किया। और भी प्रभु यीशु के चेले प्रभु यीशु मसीह के प्रचार पर विश्वास किया और उसके पीछे चलने लगे। अर्थात उसके शिष्य बन गये और प्रभु यीशु मसीह ने अपने शिष्यता में उन्हें प्रचार के द्वारा मनुष्य को पकड़ने वाला बनाया। यदि वह प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास नही करते तो वे प्रभु यीशु मसीह के राज्य का प्रचार नहीं कर सकते। इसलिए हमें यह मालूम होता है कि विश्वासी लोग परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार का प्रचार कर सकते है। 

(ई) मंडली के लोगः मंडली के लोग भी प्रभु यीशु के मृत्यु का या सुसमाचार का प्रचार कर सकते हैं। 1कुरिन्थियों 11ः26 पद में लिखा है ‘‘क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते और इस कटोरे मे से पीते हो तो प्रभु की मृत्यु को, जब तक न आये प्रचार करते हो।‘‘ कभी कभी लोग समझते हैं कि प्रचार करना केवल प्रचारक व पास्टरों का काम है परन्तु परमेश्वर का वचन हमें बताता है  कि प्रभु भोज में शामिल होकर उससे संगति करके भी प्रभु यीशु के मृत्यु का प्रचार कर सकते हैं। प्रेरितों के काम 10ः39-40 इस पद में लिखा है, ‘‘ओर हम उन सब कार्यो के गवाह हैं जो उसने यहूदिया देश और यरूशलेम में किए, और उन्होंने उसे काठ पर लटका कर मार डाला। उसको परमेश्वर ने तीसरे दिन जिलाया, और प्रगट भी किया।’’ यहां पर हम यह पाते हैं कि कुरलियुस को जब पतरस ने परमेश्वर का संदेश सुनाया तब उसने प्रभु यीशु के मृत्यु का भी प्रचार किया जो कि सुसमाचार का एक मुख्य अंग है। प्रेरितों के काम 7ः52 स्तिफनूस ने भी अपने अंतिम प्रचार के अंतिम हिस्सों में प्रभु यीशु के मृत्यु का वर्णन किया। पौलुस ने भी प्रभु यीशु मसीह के मृत्यु का वर्णन किया। आज यदि हम प्रभु यीशु का प्रचार करना चाहते हैं तो प्रभु भोज में भी सहभागिता लेकर उसका प्रचार कर सकते हैं।

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