पवित्र आत्मा पाने की बाईबिल की विधि

अध्याय - 1

पवित्र आत्मा एक दान है

(लेखक केनेथ ई. हेगिन)

और मैं पिता से विनती करूंगा और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है, तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा। (यूहन्ना 14ः16-17)

इसी यीशु को परमेश्वर ने जिलाया, जिस के हम सब गवाह हैं। इस प्रकार परमेश्वर के दाहिने हाथ से सर्वोच्च पद पाकर, और पिता से वह पवित्र आत्मा प्राप्त करके जिस की प्रतिज्ञा की गई थी, उसने यह उंडेल दिया है जो तुम देखते और सुनते हो। (प्रेरितों के काम 2ः32-33)

पवित्र शास्त्र में, आत्मा से जन्मा लेने और आत्मा से भर जाने के बीच एक अन्तर है। 

जब हमारा नया जन्म होता है, हम अनन्त काल का जीवन पाते हैं। परमेश्वर का जीवन और स्वभाव हमारी आत्मा-हमारे आन्तरिक मनुष्यत्व को नया बनाता है। हम वह ‘‘नई सृष्टि’’ बन जाते है जिसके विषय में 2कुरिन्थियों 5ः17 बोलता है।

यूहन्ना 14ः16 में, यीशु ने सहायक (पवित्र आत्मा) के विषय में जोर देते हुए बताया कि संसार उसे ग्रहण नहीं कर सकता, ‘‘क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है।’’

संसार के लोग-जिनका नया जन्म नहीं हुआ है। पवित्र आत्मा का यह अनुभव, जिसके विषय में यीशु ने बताया, नहीं प्राप्त कर सकते हैं। सिर्फ नया जन्म पाए हुए लोग ही पवित्र आत्मा से भर सकते हैं। 

जब हम नए नियम की कलीसिया का अध्ययन करते हैं, ऐसा प्रतीत होता है कि आरम्भ के मसीही विश्वास करते थे कि पवित्र आत्मा पाना वह अनुभव है जो उद्धार के बाद आता है। मैं सोचता हूं कि, यह प्रेरितों 8 (अध्याय) में और स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। जब मैं एक बैप्टिस्ट युवक प्रचारक था, पवित्र शास्त्र के दूसरे किसी और भाग के साथ ही साथ उतना ही इस भाग ने भी मुझे यह देखने के लिए प्रकाश दिया कि उद्धार के बाद भी एक अनुभव है जिसे पवित्र आत्मा से भर जाना,’’ या ’’पवित्र आत्मा में बपतिस्मा पाना’’, कहा गया है। 

प्रेरितों के काम 8ः5, 12, 14-17

पद 5 और फिलिप्पुस सामरिया नगर में जाकर लोगों में मसीह का प्रचार करने लगा। 

पद 12 परन्तु जब उन्होंने फिलिप्पुस की प्रतीति की जो परमेश्वर के राज्य और यीशु के नाम का सुसमाचार सुनाता था तो लोग, क्या पुरूष, क्या स्त्री बपतिस्मा लेने लगे........

पद 14 जब प्रेरितों ने जो यरूशलेम मेें थे सुना कि सामरियों ने परमेश्वर का वचन मान लिया है तो पतरस और यूहन्ना को उनके पास भेजा। 

पद 15. और उन्होंने जाकर उनके लिए प्रार्थना की, कि पवित्र आत्मा पांए (ग्रहण करें)।

पद 16. क्योंकि वह अब तक उन में से किसी पर न उतरा था, उन्होंने तो केवल प्रभु यीशु के नाम में बपतिस्मा लिया था। 

पद 17. तब उन्होंने उन पर हाथ रखे और उन्होंने पवित्र आत्मा पाया। 

प्रगट है कि सामरी लोग पतरस और यूहन्ना के आने से पहले उद्धार पा चुके थे। पतरस ने, जो इस विषय में जानता था, उद्धार को पहला पतरस 1ः23 में परिभाषित किया, ‘‘क्योंकि तुम ने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है’’। इमने 12वें पद में देखा कि सामरियों ने विश्वास कर लिया था और पानी में बपतिस्मा पा चुके थे; 14 वें पद में हमने देखा कि उन्होंने परमेश्वर के वचन को स्वीकार (ग्रहण) किया था। 

पतरस और यूहन्ना ने सामरियों के उद्धार पाने के लिए प्रार्थना नहीं की। वे पहले ही उद्धार पा चुके थे। प्रेरितों ने प्रार्थना की, कि वे पवित्र आत्मा पांए (ग्रहण करें)। 

इस पर सावधानी से ध्यान दें (यह दूसरों की सहायता करने में आपकी सहायता करेगा): पतरस और यूहन्ना ने यह प्रार्थना नहीं की, कि परमेश्वर सामरियों को पवित्र आत्मा दे। उन्होंने प्रार्थना की कि ‘‘वे पवित्र आत्मा पाएं (ग्रहण करें)’’। हमें परमेश्वर के वचन के अनुसार प्रार्थना करना चाहिए। 

परमेश्वर जो कुछ देता है, उसे पाना (ग्रहण करना) मनुष्य जाति पर निर्भर करता है। 

अनन्तकाल का जीवन एक दान है।

चंगाई एक दान है।

पवित्र आत्मा एक दान है। 

ध्यान दें कि सामरियों ने किस प्रकार ग्रहण कियाः ‘‘तब उन्होंने उन पर हाथ रखे और उन्होंने पवित्र आत्मा पाया (ग्रहण किया)’’। उन्होंने उनके लिए (यह) प्रार्थना की कि वे ग्रहण करें। 

हमें समझने की आवश्यक्ता है, कि जैसे पतरस ने कहा, कि परमेश्वर ने पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र आत्मा को भेजा-और तभी से पवित्र आत्मा यहां (संसार में) है। उसे भेजना (अब) परमेश्वर का काम नहीं है। वह अभी यहां है। वह आज हम पृथ्वी पर काम करने वाला ईश्वरत्व का एकमात्र अभिकर्ता (प्रतिनिधि) है। वह यहां है। 

पवित्र आत्मा का पहला वर्णन प्रेरितों के इस आठवें अध्याय के 15 वे पद में आया है, फिर भी हम उसे पिछले पदों में कार्य करते हुए स्पष्ट रूप से देखते हैं। 

प्रेरितों के काम 8ः6-8

पद 6. और जो बातें फिलिप्पुस ने कहीं उन्हें लोगों ने सुनकर और जो चिन्ह वह दिखाया था उन्हें देख देखकर, एक चित्त होकर मन लगाया।

पद 7. क्योंकि बहुतों में से अशुद्ध आत्माएं बडे़ शब्द से चिल्लाती हुई निकल गई, और बहुत से झोले के मारे हुए और लंगड़े भी अच्छे किए गए।

पद 8. और उस नगर में बड़ा आनन्द हुआ।

फिलिप्पुस पवित्र आत्मा के अभिषेक में प्रचार कर रहा था। जहां कहीं भी वचन का प्रचार होता है, पवित्र आत्मा वचन को प्रमाणित करने के लिए मण्डलाता है। फिर भी उद्धार, चंगाई और आश्चर्यकर्मों के क्षेत्र में पवित्र आत्मा का कार्य, पवित्र आत्मा में बपतिस्में के अनुभव के समान नहीं है।

क्या आपने कभी आश्चर्य किया कि क्यों पतरस और यूहन्ना को सामरिया की यात्रा करने के लिए अलग किया गया था? क्योंकि उन्हें परमेश्वर के आत्मा के द्वारा, अधिकार का दान दिया गया था कि लोगों पर पवित्र आत्मा पाने के लिए हाथ रखें। कुछ लोगों के पास विश्वास में सेवा दे सकते है और कुछ के पास नहीं, परन्तु चाहे आपके पास (यह सेवा) हो या न हो, आप विश्वास में सेवा दे सकते हैं और परमेश्वर आपके विश्वास का सम्मान करेगा।

प्रेरितों के काम 8ः19 प्रमाणित करता है कि पतरस और यूहन्ना के पास इस प्रकार की सेवा थी। ध्यान दें कि शमौन जादूगर ने पतरस और यूहन्ना को यह कहते हुए पैसा देना चाहा, ‘‘कि यह अधिकार मुझ को भी दो, कि जिस किसी पर हाथ रखूं, वह पवित्र आत्मा पाएं।’’

कुछ लोग ग़लती से यह सोचते हैं कि शमौन ने पवित्र आत्मा का अनुभव खरीदने का प्रयत्न किया। नहीं, उसने ऐसा नहीं किया। शमौन ने वह सामर्थ (अधिकार दान) खरीदने का प्रयत्न किया कि (वह) लोगों पर हाथ रखे कि वे पवित्र आत्मा पांए (ग्रहण करें)।

पतरस ने शमौन को उत्तर दिया (20 पद), ‘‘तेरे रूपये तेरे साथ नाश हों, क्योंकि तूने परमेश्वर का दान रूपयों से मोल लेने का विचार किया।’’

शमौन पवित्र आत्मा के दान को, एक व्यक्तिगत निधि होने के लिए, खरीदने का प्रयत्न नहीं कर रहा है। वह उस योग्यता को खरीदने का प्रयत्न कर रहा है कि वह लोगों पर हाथ रखे कि वे पवित्र आत्मा पा सकें। ध्यान दें कि पतरस उस योग्यता को एक दान कहता है। 

नये नियम में चार यूनानी शब्दों को ‘‘दान’’ अनुवादित किया गया है। यदि आप यह नहीं जानते है, तो आप कभी नहीं समझेंगे कि नया नियम किस गहराई को सिखा रहा है। उन शब्दों में से एक का अर्थ है, ’’एक मुफ़्त दान।’’ (अनन्त काल का जीवन और पवित्र आत्मा पाना मुफ़्त दान हैं)। परन्तु 20 पद का यह शब्द एक अलग शब्द है। यूनानी में इसका अर्थ है ‘‘एक अधिकार दान।’’

पतरस कहा रहा था कि उसे और यूहन्ना को ‘‘दान’’ या ‘‘अधिकार दान’’ दिया गया था कि पवित्र आत्मा पाने के लिए लोगों पर हाथ रखें। इसी कारण से वे सामरिया भेजे गए थे।

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