भ्रांति - यीशु के नाम संबंधित

मसीह के नामकरण का दिन

यहुदियों के दस्तुर क अनुसार हर लड़के का आठवें दिन खतना होना चाहिए। उत्पति 17:10। इसी के अनुसार बालक यीशु को आठवें दिन मंदिर लाया गया था। इसी दिन उसका नाम स्वर्गदूत के कहे अनुसार 'यीशु ' रखा गया।

लूक 1:31 में 'तू उसका नाम यीशु रखन।'लूक 2:21 में 'उसका नाम यीशु रखा गया ।' पर हम यीशु के कई नाम पाते हैं। जैसे Jrsus ईसा, येसू, ऐसे ही कई ओर नाम हैं। यीशु के पूर्वज इब्रानी थे, उनकी भाषा इब्रानी थी। वह राजवंश का पुत्र था, नाम भी इब्रानी में ही था। प्रश्न यह उठता है कि यीशु का असली नाम कौन सा हैं? इब्रानी में उसका नाम चार अक्षरों से बनता हैं, अंग्रेजी में उसका उच्चारण 'Y' shua " जैसा लिखा जाता है। पर बोलने में Ye-shoo यीशु जैसी आवाज आती है। फिर भी Ye की आवाज धीमी या बहुत ही छोटी आवाज होनी चाहिए। जैसे हम Macdonald को Mc Donald कहते हैं। Mac नहीं कहते पर एक छोटी आवाज के साथ Donald जोर से बोलते हैं। हिन्दी भाषा में भी शु थोड़ा सा अन्तर के साथ है पर इब्रानी शब्द को बिगाड़ा नहीं जा सकता।

अंग्रजी शब्द Jesus, पर विचार करने पर कोई यह कहेगा कि भाषा का अन्तर है। क्या किसी भी भाषा का अन्तर है। क्या किसी भी भाषा को यह अधिकार है कि नाम भी बदल दे? क्या राष्ट्रपति Bush का हिन्दी भाषा में बदलकर राष्ट्रपति झाड़ी कहते हैं ? नहीं Bush को Bush ही कहेंगे। फिर यीशु या ye-shouमें Jesus का कहां पर मेल हैं । अब ज्ञानी यह कहेंगे कि New testament यूनानी में लिखा गया था। तो हमारा प्रशन है कि क्या नाम बदलने

का भी अधिकार हैं? नहीं उच्चारण में थोड़ा अन्तर आ सकता है। पर बदला नहीं जा सकता जब पौलुस ने यूनानियों को पत्री लिखी और यूनानी में यी - शू लिखना चाहा तो लिखा "Lesoua" यूनानी में yअक्षर नहीं हैं इसलिए उसको ।' लिखना पड़ा SH श भी नहीं हैं इसलिए ""स, लिखना पड़ा। देखें क्या नाम बनता है ?

Hebru=ye-Shou- ye-SH-UA

Greek le- यी - soua शूआ। बाद में lesouan lesus के उच्चारण में बोला गया। 1611 के King James अनुवाद की बाइबील में lesus, नाम हैं। इस समय तक अंग्रेजी में J अक्षर नहीं था। पर जब दूसरा अनुवाद 1769 में हुआ, उस समय अंग्रेजी की वर्णमाला में J अक्षर आ चुका था । सोJesus को Jesusकर दिया गया । अंग्रेजी बोलने वाले को ध्यान से Jeesis बोलते सुनें तो Jeesis का उच्चारण पाएंगे।

सो इस प्रकार और भाषा वालों ने भी कर डाला। सबसे ज्यादा अंग्रेजी ने परमेश्वर और यीशु नाम ही नहीं, सब नामें को बदल डाला । बुरा न मानें, शैतान नहीं चाहता किं लोग पिता पुत्र का टीक नाम लेवें ।

इब्रानी बाइबल में यहोवा नाम 6855 बार आया है। अंग्रेजी में सिर्फ 3 बार आया, बाकी जगह प्रभु आया ।

इसी प्रकार Y 'hosua यहोशू को Joshua.

Yhudah यहूदा Jude. Yochaman योहन Jude

Miryanw मरियम Mary

सो देखिए हिन्दी में सिर्फ उच्चारण का अन्तर हे जब कि अंग्रेजी में कोई समानता नहीं।

Y को याह के उच्चारण में बोलते हैं। पिता का नाम जिसमें इब्रानी में YAHWAH यहवाह है और हिन्दी में यहोवा जिसमें कोई ज्यादा अंतर नहीं हैं। ४पिता के पूरे नाम का सांकेतिक है। दाऊद भजन में 69 बार Y' लिखता है याने “याह" । याह की स्तुति करों । अंग्रेजी में सिर्फ एक बार याह आया हैं। यीशु नाम में पिता का नाम हैं Yahua या यीशु । मूसा को आज्ञा दी गई थी, कि उसकी याने परमेश्वर के दत की आज्ञा मानें क्योंकि उसमें मेरा नाम रहता है।

सो हम अपने बच्चों को यीशु नाम ही सिखाएं, चाहे वे English Medium में पढ़ते हों ।

यह पिता का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ नाम हैं।

(लेखक - रेव्ह.एस.एन. रॉबर्ट्स)

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