भ्रांति - कलिसिया में सिध्दांतों की घुसपैठ
इतिहास के पन्नों से,
AD 150 - डूब के बपतिस्में का छिड़काव के बपतिस्में में परिवर्तन ।AD211 - मरे हुओं के लिए प्रार्थना प्रारंभ ।
AD 250 - मरियम का चिरस्थायी कुंआरीपन ।
AD 310 - क्रुस के निशान का उपयोग प्रारंभ ।
AD 320 - चर्च में मोमबत्ती जलाना प्रारंभ ।
AD 321 - रविवारिय सूर्य पूजा अविवार्य घोषित अन्यथा मौत की सजा,
AD 375 - चर्च में मुर्तियों का इस्तेमाल प्रारंभ ।
AD 394 - प्रभु भोज में रोटी और दाख रस का प्रार्थना द्वारा लहू और मांस में तत्व परिवर्तन (कैथोलिक मास )
AD 431 - मरियम की स्वर्ग की रानी के रूप में आराधना प्रारंभ ।
AD 476 - मृतकों के लिए पाप क्षमा का प्रावधान प्रारंभ ।
AD 500 - याजकीय वस्त्रों का चलन ।
AD 525 - क्रिसमस मनाना प्रारंभ ।
AD 600 - मरियम,मृत संतों एवं स्वर्गदूतों की निर्दिष्ट प्रार्थना प्रारंभ ।
AD 600 - अन्य भाषाओं में प्रार्थना की मनाही एवं केवल लातिनी भाषा में प्रार्थना करने का आदेश ।
AD 709 - पोप के पांव चुमने की प्रथा प्रारंभ, लोग पोप के पांव चुमने लगे ।
AD 787 - मुर्तियों / अस्थि अवशेषों की पूजा व सम्मान अधिकृत ।
AD 819 - मरियम की भोज की धारणा ।
AD 858 - पोप का ताज पहनना (निकोलस 1 )
AD 859 - पोप का नकली दस्तावेजों का उपयोग कर शासन अधिकार होने का दावा करना ।
AD 965 - चर्च में घण्टों को बजाना जिसके बजाने से दुष्टात्मायें भाग जायें एवं विश्वासी लोग आ जायें -
AD 995 - मरे हुए लोगों को संत घोषित करने की प्रक्रिया प्रारंभ ।
AD 998 - शुक्रवार को तथा इष्टर के 40 दिन पहले उपासकाल प्रारंभ (पहले दिन सूर्य पुत्र तम्मूज देवता की याद में भस्म बुधवार को माथे में राख लगाना (यहेजकेल 8 : 15 - 16)
AD 1074 - पुरोहितों का ब्रम्हचारी रहना प्रारंभ ।
AD 1097 - विवाहित पुरोहितों को तलाक लेने के लिये बाध्य किया जाना तथा ( 1 तिमु. 3:2-5, मत्ती 8:14-15 का उल्लंघन )
AD 1080 - साधारण भाषा में बाईबिल को पढ़ना बंद करवाया गया ।
AD 1190 - प्रमाण पत्रों का नरक गये लोगों के लिये नरक में समय कम कराने पैसे से खरीद फरोख्त जारी ।
AD 1208 - कण्ठ माला (रोजरी ) के साथ प्रार्थना करना प्रारंभ ।
AD 1215 - परमेश्वर के पास पाप अंगीकार करने के बदले पुरोहित के पास पाप अंगीकार करना प्रारंभ ।
AD 1220 - रोटी और दाखरस की जगह सफेद रोटी की पपड़ी की पूजा प्रारंभ क्योंकि प्रिस्ट की प्रार्थना से रोटी में साक्षात यीशु उपस्थित हो जाते हैं ।
AD 1229 - साधारण सदस्यों को (लेमेन ) को धर्मशास्त्र का पढ़ना मना परिणाम स्वरूप संसार में घोर अंधकार
AD 1414 - साधारण सदस्यों को प्रभु भोज लेना मना
AD 1508 - मरियम परमेश्वर की माता घोषित ।
AD 1547 - विश्वास के द्वारा न्याय को इंकार करना
AD 1580 - पोप प्रभु परमेश्वर घोषित ।
AD 1854 - मरियम पापरहित पैदा हुई घोषित ।
AD 1870 - पोप पाप नहीं कर सकता, पोप पाप रहित है
AD 1922 - पोप प्रभु यीशु मसीह घोषित।
AD 1931 - मरियम का नाम मेडिया ट्रिक्स दिया गया (वह सहायता करती है, जो परमेश्वर के द्वारा स्वीकृत नहीं है एवं वह यीशु से भी तीव्र गति से देती है )
AD 1954 - मरियम का नाम स्वर्ग की रानी रखा गया।
यह जानकारी अनेक ऐतिहासिक एवं खोजी पुस्तकों द्वारा एकत्रित की गई है ऐसी ही कई जानकारियां इतिहास के पन्नों पर है जिन्हें आप भी ढूंढ सकते हैं।
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