धन्य वचन
नव वर्ष के धन्य वचन
- धन्य है वे जो केवल यीशु के शिष्य है परन्तु वे दो टांग वाली मछली को पकड़ते है। (मत्ती 8:19)
- धन्य है वे जो हर समय केवल गूंगी भेड़ो के साथ समय बरबाद करते है परन्तु जान बूझ करके खोए हुओं को ढूढते है और उन्हें बचाने का प्रयास करते है। (लूका 19:10; यूहन्ना 16:16)
- धन्य है वे जो कमाई में व्यस्त रहते है परन्तु साथ में काम करते हुए वचन खाली खेतो में बोते है और आत्माओं की फसल काटते है। (लूका 10:2; यूहन्ना 4:35)
- धन्य है वे जो केवल अपनी डालियों में पत्तियों को पालते है परन्तु अधिक फल लाते है। (यूहन्ना 15:1-8; मत्ती 7:20)
- धन्य है वे जो केवल स्वर्गिय गाना गाते है जैसा कि स्वर्गदूतो ने बड़े दिन गाया था परन्तु बचाई हुई भेड़ को अर्पन कते है जैसा चरवाहों ने किया था। (1पतरस 2:5; रोमियों 15:16)
- धन्य है वे जो साधारण सुननेवाले विश्वाशी है परन्तु वे एक चुना हुआ वंश राजकीय याजकों का समाज है जो घरेलु कलीसिया स्थापित करते जहां कोई भी नही है। (1पतरस 2:9; रोमियों 15:19-20)
- धन्य है वे जो न डरते और शर्माते है परन्तु अपने रिश्तेदारों मित्रों और सहकर्मियों को गवाही देते है। (प्रेरितों के काम 1:8)
- धन्य है वे जो अपने घरों को खुला रखते कि उनका घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर होगा। (मरकुस 11:17)
- धन्य है वे जो खुशी से दान उन लोगो को देते है जो आत्माओं की फसल में भिडे़ हुए है। (2कुरिन्थियों 9:6,7)
- धन्य है वे जो केवल नये विश्वाशी बनाते है परन्तु वे शिष्य बनाने बपतिस्मा देने वाले और भेजने वाले बनाते है। (मत्ती 28:19-20; 2तिमोथी 2:2)
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