अंतिम समय का परिदृश्य
अंत समय तब से शुरू हुआ जब प्रभु येशु की क्रूस पर मृत्यु हुई। परमेश्वर की आत्मा ने परदा फाड़कर परमपवित्र स्थान को छोड़ दिया। मंदिर उजाड़ हो गया और लेवीय पुरोहित्य समाप्त हो गया। पशु बलिदान, सब्त, खतना, मंदिर में आराधना और दशमांश आदि अप्रचलित हो गए। अब हम जीवित परमेश्वर मंदिर और उसके राजवंशी याजकों का समाज बन गए। (1कुरु. 3:16; 1पतरस 2:9)
प्रभु येशु ने फसह के पर्व, अखमीरी रोटी, पहले फल और पिन्तेकुस्त के पर्बों को को पूरा किया। तुरहियों के पर्व, प्रायश्चित और झोपड़ियों और अन्य भविष्यवाणियाँ अगली आमद में पूरी करेंगे ।
चर्च युग पेंटेकोस्ट पर शुरू हुआ जिसमें 3000 आत्माओं ने पानी (पश्चाताप) और पवित्र आत्मा (सशक्तिकरण) का पवित्र स्नान लिया और घर घर साथ में मिलकर भोजन करने और परमेश्वर के सम्पूर्ण ज्ञान को बाटने लगे और उनकी सख्या में प्रतिदिन उन्नति होने लगी । (प्रे. के का. 2:37-39; 46,47)।
कलीसिया को प्रभूजी ने एक वैश्विक लक्ष दिया, "जाओ सब जाती के लोगों को चेला बनाओ, पवित्र स्नान दो और शिक्षा देकर चेला बनाने के लिए भेज दो " (मत्ती 24:14; 28:18-20)।
पत्थर पर लिखी पुरानी वाचा को बदलकर नई वाचा दिलों में लिखी गई (यिर्म. 31:31-34)।
दानिय्येल की भविष्यवाणी: ज्ञान, यात्रा और उत्पीड़न में विस्फोटक वृद्धि। प्रभु येशु की भविष्यवाणी: युद्ध, बाढ़, अकाल, महामारि, भूकंप, ग्रहण और झूठे भविष्यवक्ताओं में भारी वृद्धि। (दानि० 9:27; 12:1-4; मत्ती 24:31-46; प्रका०वा० 6:9-11)।
इस्राएल में यहूदियों की 2000 साल के बाद पुनह वापसी जिसे वे अलिया कहते हैं । 1917- बालफोर घोषणा; 1948 में कब्जा शुरू हुआ; 1967 में जेरूसलम पर कब्जा (यशा. 11:11,12)।
स्वर्गारोहण के ४० साल बाद (70 ईस्वी) में रोमन कप्तान टाइटस ने यरूशलेम के मंदिर को नष्ट कर दिया यहाँ तक कि पत्थर पर पत्थर नहीं रहा । क्रूरता और निर्दयता की हदें पार करते हुए विश्वासियों को शेरों को खिलाया, उन्हें आरी से काटा और रथों के पीछे बांधकर खींचा ।
ख्रीषविरोधी मनुष्य शीघ्र एक विश्व सरकार, एक मुद्रा और एक धर्म की स्थापना करेगा। वह यरूशलेम 46के तीसरे मन्दिर का पुन:र्निर्माण करेगा, जिसे वह अपनी मूरती से अपवित्र करेगा। उन लोगों पर भारी क्लेश होगा जो अपने माथे या हाथ पर 666 के चिन्ह को अस्वीकार करते हैं। (मत्ती 24:15; 2,18 थिस्स. 2:3,4; प्रका०वा० 13:4-8, 15: 15,17)।
अन्यजातियों (मुसलमानों ) द्वारा यरूशलेम को रौंदा जा रहा है । मुसलमान भारी संख्या में परमेश्वर के बाद्शाही में प्रवेश करेंगे (लूका 24:14; यशायाह 60:6-8)
मृतक और जीवित संत आसमान में प्रभु से मिलेंगे (रेप्चर) । (1थेस्स. 4:17; 1 कुर. 15:51-57)
परमेश्वर का भयानक क्रोध ख्रीष्ट विरोशी मनुष्य के साथ जुड़े हुए नगरों पर गिरेगा (प्रका०वा० 14:14-15; 16:19)।
पृथ्वी पर राजाओं के राजा प्रभु यीशु के सहस्राब्दी शासन के बाद, शैतान को गड्ढे से कुछ समय के लिए रिहा किया जाएगा। वह आरमगिदोन में गोग और मागोग से समुद्र की रेत की तरह एक सेना इकट्ठा करेगा | लेकिन परमेश्वर उन्हें स्वर्ग से आग गिराकर नष्ट कर देगा (प्रका०वा० 16:16; 20:7, 8; येहज 38:1-5)।
तब पुस्तकें खोली जाएंगी, और जिनके नाम मेमने की पुस्तक में नहीं पाए जाएंगे, वे मृत्यु और अधोलोक सहित आग की झील में डाल दिए जाएंगे (प्रका०वा० 20:12,20)।
यीशु, जिसके पास राज्य की कुंजियाँ हैं, अपने पवित्र लोगों को पृथ्वी की चारों दिशाओं से इकट्ठा करेगा और उनके कामों के अनुसार उन्हें प्रतिफल देगा (मत्ती 7:20; 24:31; प्रका०वा० 1:18; 22:12, 20)।
प्रभु शेष फसल काटने के लिए अपने हाथ में एक तेज हंसिया लेकर पृथ्वी पर वापस आ रहे हैं। आपके चारों ओर तैयार फसल की कटाई न करने से आपके ऊपर गंभीर परिणाम होंगे (प्रका०वा० 14:12-16)।
परमेश्वर एक नया स्वर्ग और एक नई पृथ्वी बनाएगा। भेड़िया और भेड़ का बच्चा, सिंह और बछड़ा एक साथ रहेंगे, और एक छोटा बच्चा उनकी अगुवाई करेगा। इस संसार के राज्य हमारे प्रभु का राज्य बन जाएंगे, और वह पृथ्वी पर हमेशा के लिए राज्य करेगा (यशा. 11:6-8; प्रका०वा० 11:15)।
नया यरूशलेम दुल्हन के वेश में स्वर्ग से उतरेगा। विवाह भोज में, पूर्व और पश्चिम, उत्तर और दक्षिण के संत इब्राहीम, इसहाक और अन्य सभी नबियों को देखेंगे और राजा के साथ मेज पर बैठेंगे जब वह चौथा प्याला पीएगा (मत्ती 26:29)। धूर्त लोग, जिन्होंने उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं किया, उन्हें बाहरी अंधकार में ढकेल दिया जाएगा (प्रका०वा० 19:6-9; 21:1-3; लूका 13:28, 29; मत्ती 28:19,20)।
परमेश्वर मनुष्यों के साथ डेरा करेगा। वह सब जातियों और भाषाओं के संतों को राज्य और प्रभुता सौंप देगा। वे उसके साथ नई पृथ्वी पर सर्वदा राज्य करेंगे (दानि० 7:18, 27)।
समुद्र सूख जायेगा । हम पैदल या गदहों, ऊँटों, और बैलगाड़ियों पर सवार होकर राजाओं के राजा से भेंट करने के लिये परमेश्वर के पवित्र नगर यरूशलेम को आनन्द के साथ जाएंगे । वहां कोई प्रदुषण करनेवाला इंसान या वाहन न होगा। भूमि का श्राप तोड़ा जाएगा और जमीन अत्यंत उपजाऊ हो जाएगी । रास्ते में, हम तम्बूओं में रहेंगे और मुफ्त भोजन और आतिथ्य का आनंद लेंगे (लूका 14:16; आमोस 9:13; 2 इति.7:14)।
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