पांच रोटियों और दो मछलियों को लिया, प्रभु यीशु मसीह के कुछ आश्चर्यकर्म

 प्रभु यीशु मसीह के कुछ आश्चर्यकर्म


तब उसने लोगों को घास पर बैठने को कहा, और उन पांच रोटियों और दो मछलियों को लियाः और स्वर्ग की ओर देख कर धन्यवाद किया और रोटियां तोड़कर चेलों की दीं, और चेलों ने लोगो को। और सब खाकर तृप्त हो गए, और उन्होंने बचे हुए टुकड़ों से भरी हुई बारह टोकरियां उठाई। और खाने वाले स्त्रियों और बालकों को छोड़कर पाँच हजार पुरूषों के अटकल थे। (मत्ती 14ः19-21)

जब वह बातें कर चुका, तो शमौन से कहा, गहिरे में ले चल और मछलियां पकड़ने के लिये अपने जाल डालो। शमौन ने उसको उत्तर दिया, कि हे स्वामी, हमने सारी रात हिम्मत की और कुछ न पकड़ा; तौभी तेरे कहने से जाल डालूंगा। जब उन्होंने ऐसा किया, तो बहुत मछलियां घेर लाए, और उनके जाल फटने लगे। (लूका 5ः4-6)

और देखो, दो अन्धे, जो सड़क के किनारे बैठे थे,यह सुनकर कि यीशु जा रहा है, पुकार कर कहने लगे, कि हे प्रभुः दाऊद के सन्तान, हम पर दया कर। लोगों ने उन्हें डांटा, कि चुप रहेः पर वे और भी चिल्लाकर बोले, हे प्रभु दाऊद के सन्तान हम पर दया कर। तब यीशु ने खड़े होकर, उन्हें बुलाया, और कहा; तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूं? उन्होंने उससे कहा; हे प्रभु यह कि हमारी आंखे खुल जाए यीशु ने तरस खाकर उनकी आंखे छुई और वे तुरन्त देखने लगे और उनके पीछे हो लिये। (मत्ती 20ः30-34)

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