परमेश्वर का प्रेम
परमेश्वर का प्रेम
फसह के पर्व से पहिले जब यीशु ने जान लिया, कि मेरी वह घड़ी आ पहुंची है कि जगत छोड़कर पिता के पास जाऊं, तो अपने लोगों से, जो जगत में थे, जैसा प्रेम वह रखता था, अन्त तक वैसा ही पे्रम रखता रहा। (यूहन्ना 13ः1)
और यीशु मसीह की ओर जो विश्वासयोग्य साक्षी और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा, और पृथ्वी के राजाओं का हाकिम है, तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे; जो हम से प्रेम रखता है, और जिसने अपने लहू के द्वारा हमें पापों से छुड़ाया है। (प्रकाशित वाक्य 1ः5)
क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करें, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। (यूहन्ना 3ः16)
यहोवा ने मुझे दूर से दर्शन देकर कहा है। मैं तुझ से सदा प्रेम रखता आया हूँ; इस कारण मैं ने तुझ पर अपनी करूणा बनाए रखी है। (यिर्मयाह 31ः3)
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