प्रभु यीशु समीह का दिव्य स्वरूप

 प्रभु यीशु समीह का दिव्य स्वरूप

यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यवक्ता के द्वारा कहा गया था; वह पूरा हो कि, देखो ऐ कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी उनका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिसका अर्थ यह है ‘‘परमेश्वर हमारे साथ’’। (मत्ती 1ः22,23)

आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।.... और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। (यूहन्ना 1ः1 और 14)

और इसमें सन्देह नही कि भक्ति का भेद गम्भीर है; अर्थात वह जो शरीर में प्रगट हुआ, आत्मा में पापी ठहरा, स्वर्गदूतों को दिखाई दिया, अन्यजातियों में उसका प्रचार हुआ, जगम में उस पर विश्वास किया गया, और महिमा में ऊपर उठाया गया। (1तीमुथियुस 3ः16)

यीशु ने उससे कहाः हे फिलिप्पुस, मै इतने दिन से तुम्हारे साथ हूँ, और क्या तू मुझे नही जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है; तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा। क्या तू प्रतीति नहीं करता, कि मैं पिता मे हूँ और पिता मुझ में है?  (यूहन्ना 14ः9,10अ)

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