पांचवी वाणी
क्रूस पर स्थित वाणी ’’मैं प्यासा हूँ‘‘ (I am Thirsty)
यूहन्ना 19ः28-30 28 "इस के बाद यीशु ने यह जानकर कि अब सब कुछ हो चुका; इसलिये कि पवित्र शास्त्र की बात पूरी हो कहा,
मैं प्यासा हूं। 29 वहां एक सिरके से भरा हुआ बर्तन धरा था, सो उन्होंने सिरके में भिगोए हुए इस्पंज को जूफे पर रखकर उसके मुंह से लगाया। 30 जब यीशु ने वह सिरका लिया, तो कहा पूरा हुआ और सिर झुकाकर प्राण त्याग दिए॥"
छुटकारे का कार्य पूरा हो चुका। प्रभु यीशु मसीह ने इसलिए कहा क्योंकि वे चाहते थे कि व्यवस्था की भविष्यवाणी पूरी हो इसलिए उन्होंने कहा कि ‘‘मैं प्यासा हूँ’’
यूहन्ना 4:13 यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा। 14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।
पुराने नियम की भविष्यवाणियां
भजन संहिता 69ः21 "और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया॥"
भजन संहिता 22ः1-2 "हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? तू मेरी पुकार से और मेरी सहायता करने से क्यों दूर रहता है? मेरा उद्धार कहां है? 2 हे मेरे परमेश्वर, मैं दिन को पुकारता हूं परन्तु तू उत्तर नहीं देता; और रात को भी मैं चुप नहीं रहता।
भजन संहिता 22ः15 "मेरा बल टूट गया, मैं ठीकरा हो गया; और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई; और तू मुझे मारकर मिट्टी में मिला देता है।"
इब्रानियों 10:1 "क्योंकि व्यवस्था जिस में आने वाली अच्छी वस्तुओं का प्रतिबिम्ब है, पर उन का असली स्वरूप नहीं, इसलिये उन एक ही प्रकार के बलिदानों के द्वारा, जो प्रति वर्ष अचूक चढ़ाए जाते हैं, पास आने वालों को कदापि सिद्ध नहीं कर सकतीं।"
निर्गमण 12:12 "क्योंकि उस रात को मैं मिस्र देश के बीच में से हो कर जाऊंगा, और मिस्र देश के क्या मनुष्य क्या पशु, सब के पहिलौठों को मारूंगा; और मिस्र के सारे देवताओं को भी मैं दण्ड दूंगा; मैं तो यहोवा हूं।"
जूफे की जानकारी
जूफा एक पौधे की जड़ से बना हुआ होता था, यह निल नदी के किनारे पाया जाता था। इसका इस्तेमाल याजक धार्मिक विधियों में इसका इस्तेमाल किया जाता था। मिस्र देश में यहूदियों ने इस जूफे से अपने घरों की चौखट पर मेम्ने का लहू लगाया गया था। मृत्यु का जब दूत आया तो वे सब बच गये।
यूहन्ना 18ः39 "पर तुम्हारी यह रीति है कि मैं फसह में तुम्हारे लिये एक व्यक्ति को छोड़ दूं सो क्या तुम चाहते हो, कि मैं तुम्हारे लिये यहूदियों के राजा को छोड़ दूं?"
प्रभु यीशु मसीह को पिलाये गये सिरके की जानकारी
नीतिवचन 31:6,7 मदिरा उस को पिलाओ जो मरने पर है, और दाखमधु उदास मन वालों को ही देना; 7 जिस से वे पी कर अपनी दरिद्रता को भूल जाएं और अपने कठिन श्रम फिर स्मरण न करें।
मत्ती 27ः32, 34 32 बाहर जाते हुए उन्हें शमौन नाम एक कुरेनी मनुष्य मिला, उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले। 34 उन्होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्तु उस ने चखकर पीना न चाहा।
मरकुस 15ः22, 23 "और वे उसे गुलगुता नाम जगह पर जिस का अर्थ खोपड़ी की जगह है लाए। 23 और उसे मुर्र मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उस ने नहीं लिया।
लूका 23ः36, 37 "सिपाही भी पास आकर और सिरका देकर उसका ठट्ठा करके कहते थे। 37 यदि तू यहूदियों का राजा है, तो अपने आप को बचा।"
मत्ती 27ः48 "उन में से एक तुरन्त दौड़ा, और स्पंज लेकर सिरके में डुबोया, और सरकण्डे पर रखकर उसे चुसाया।"
यूहन्ना 19ः29, 30 "वहां एक सिरके से भरा हुआ बर्तन धरा था, सो उन्होंने सिरके में भिगोए हुए इस्पंज को जूफे पर रखकर उसके मुंह से लगाया। 30 जब यीशु ने वह सिरका लिया, तो कहा पूरा हुआ और सिर झुकाकर प्राण त्याग दिए॥"
1 रास्ते में सिरका नही लिया
2 क्रूस पर चढ़ाने से पहिले सिरका नही लिया
3 क्रूस पर जब उन्होंने सिरका लिया तब अन्तिम समय में उन्होंने कहा पूरा हुआ।
यशायाह 53ः4, 5 "निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। 5 परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।"
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