यीशु के साथ विश्वासघात
यीशु के साथ विश्वासघात
हर साल, यहूदी फसह का पर्व मनाते थे। यह एक उत्सव था, जब वह याद करते थे कि परमेश्वर ने कई सदियों पहले मिस्र की गुलामी से उनके पूर्वजों को बचाया था। यीशु मसीह के सार्वजनिक शिक्षा के तीन साल बाद अपना पहली शिक्षा शुरू की। यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वह यरूशलेम में उनके साथ फसह का जश्न मनाना चाहता था, और यह वही जगह है जहाँ उसे मार डाला जाएगा।
यीशु के शिष्यों में से एक यहूदा नाम का एक आदमी था। वह चेलों के धन की देखभाल करता था, वह पैसों से प्रेम करता था और अकसर उसमें से चुराता था। यीशु और चेलों के यरूशलेम में पहुँचने के बाद यहूदा यहूदी गुरुओ के पास गया और पैसों के बदले यीशु के साथ विश्वास घात करने का प्रस्ताव रखा। वह जानता था कि यहूदी गुरुओं ने यीशु को मसीहा के रूप में अस्वीकार कर दिया था और वे उसे मरवा डालने की योजना बना रहे थे।
यहूदी गुरुओं ने प्रधान याजक के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये उसे तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए। इस बात की भविष्यवाणी नबियों ने पहले ही कर दी थी। यहूदा ने पैसे लिए और वह वहाँ से चला गया। और वह अवसर ढूंढने लगा कि यीशु को किसी तरह पकड़वा दे।
यीशु यरूशलेम में अपने चेलों के साथ फसह का दिन मना रहा था। फसह के भोजन के दौरान यीशु ने रोटी ली और आशीष माँँगकर तोड़ा और उन्हें दी और कहा, लो और इसे खाओं, यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये दी जाती है। मेरी याद में यही किया करो, इस प्रकार, यीशु ने उनसे कहा कि उसका शरीर उनके लिए बलिदान किया जाएगा।
फिर उसने दाखरस का कटोरा लिया और कहा, इसे पीओं। यह वाचा का मेरा लहू है, जो बहुतों के पापों की क्षमा के लिये बहाया जाता है। मेरी याद में तुम यही किया करो। इस प्रकार, यीशु ने उनसे कहा कि उसका लहू उनके पापों की क्षमा के लिए बहाया जाएगा।
फिर यीशु ने अपने चेलों से कहा, तुम में से एक मुझे पकड़वाएगा। सब चेले चकित रह गए और कहने लगे कि हम में से ऐसा कौन कर सकता है। यीशु ने कहा कि, जिसे मैं यह रोटी का टुकड़ा दूँगा वही मेरा पकड़वाने वाला होगा। फिर उसने रोटी का टुकड़ा यहूदा को दिया।
यहूदा के रोटी लेने के बाद, शैतान उसमें प्रवेश करता है। यहूदा वहाँ से चला गया ताकि यीशु को पकड़वाने के लिए यहूदी गुरुओं की सहायता कर सके, तब रात्रि का समय था।
भोजन के बाद, यीशु और उसके चेले जैतून के पहाड़ पर चले गए। तब यीशु ने उनसे कहा, तुम सब मुझे छोड़ दोगे, क्योंकि लिखा है, मैं रखवाले को मारूँँगा, और भेड़े तितर.बितर हो जाएँगी।
पतरस ने कहा, यदि सब तुझे छोड़ दे तोभी, मैं नहीं छोडूँगा। यीशु ने पतरस से कहा, शैतान तुम सबकी परीक्षा लेना चाहता है, परन्तु मैंने तुम्हारे लिये प्रार्थना की है, पतरस, तेरा विश्वास कमज़ोर नहीं होगा। फिर भी आज की रात, मुर्ग़ के दो बार बाँँग देने से पहले, तू तीन बार मुझ से मुकर जाएगा।
पतरस ने और भी जोर देकर कहा, यदि मुझे तेरे साथ मरना भी पड़े तौभी मैं तेरा इन्कार नहीं करूँगा। इसी प्रकार बाकी चेलो ने भी कहा।
फिर वह गतसमनी नामक एक जगह में अपने चेलों के साथ आया। यीशु ने अपने चेलों से कहा कि प्रार्थना करते रहो कि परीक्षा में न पड़ो। फिर यीशु प्रार्थना करने चला गया।
यीशु ने तीन बार प्रार्थना की कहा, हे मेरे पिता, यदि हो सके तो इस दुःख के कटोरे में से मुझे पीने मत देना। परन्तु यदि मनुष्यों के पापों की क्षमा के लिये और कोई मार्ग नहीं है, तो फिर मेरी नहीं तेरी इच्छा पूरी हो। यीशु बहुत व्याकुल था और उसका पसीना खून की बूँदो के समान था। परमेश्वर ने अपना एक स्वर्ग दूत भेजा उसे बलवन्त करने के लिए।
प्रार्थना के कुछ समय बाद, यीशु अपने चेलो के पास वापस आया परन्तु वे सब सो रहे थे। जब यीशु तीसरी बार प्रार्थना करके आया तो उसने अपने चेलों से कहा कि, उठो, मेरे पकड़ने वाले आ गए है।
यहूदा प्रधान याजकों, सैनिकों और एक बड़ी भीड़ को तलवार और लाठियों के साथ लाया। यहूदा यीशु के पास आया और कहा, नमस्कार, गुरु, और उसे चूमा। यहूदा ने उन्हें यह बता दिया था कि जिसे मैं चूम कर नमस्कार करूँ वही यीशु है। यीशु ने यहूदा से कहा कि, तूने मुझे इसलिये नहीं चूमा है कि तू मुझ से प्रेम करता है बल्कि तूने मुझे पकड़वाने के लिए चूमा है।
जैसे ही सैनिकों ने यीशु को पकड़ लिया, पतरस ने अपनी तलवार निकाल ली और महा याजक के एक दास पर चलाकर उसका कान काट दिया। तब यीशु ने कहा कि, अपनी तलवार म्यान में रख ले। क्या तू नहीं जनता कि मैं अपने पिता से विनती कर सकता हूँ, और वह स्वर्ग दूतों की पलटन अभी मेरे पास भेज देगा। पर मुझे मेरे पिता की आज्ञाओं को पूरा करना है। यीशु ने उस व्यक्ति को जिसका कान कटा था उसे चंगा किया। तब सब चेले उसे छोड़कर भाग गए।
बाइबिल की यह कहानी ली गयी हैः मती 26ः14-56; मरकुस 14ः10-50; लूका 22ः1-53; यहुन्ना 12ः6;18ः1-11
Comments
Post a Comment