पवित्र आत्मा पाने की बाईबिल की विधि भाग 5
अध्याय 5
‘आओ और पियो’
यूहन्ना 7ः37-39:
37 फिर पर्ब के अन्तिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई पियासा हो तो मेरे पास आकर पीए।
38 जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी।
39 उस ने यह वचन उस आत्मा के विषय में कहा, जिसे उस पर विश्वास करनेवाले पाने पर थे; क्योंकि आत्मा अब तक न उतरा था; क्योंकि यीशु अब तक अपनी महिमा को न पहुंचा था।
ध्यान दें कि यीशु ने कहा, ‘‘यदि कोई पियासा हो तो मेरे पास आकर पीए’’ (पद 37)। यीशु ने यह नहीं कहा, ‘‘वह आए और चिल्लाए।’’ उसने यह नहीं कहा कि, वह आए और प्रार्थना करे।’’ उसने यह नहीं कहा कि ‘‘वह आए और गीत गाए।’’ उसने यह नहीं कहा कि ‘‘वह आए और पसीना बहाए।’’ उसने यह नहीं कहा कि ‘‘वह आए और स्तुति करे।’’ उसने यह नहीं कहा कि, ‘‘वह आए मुंह के बल गिरे और खाली वापस चला जाए।’’
यीशु ने कहा, ‘‘वह मेरे पास आकर पिए।’’ यीशु, जल को पवित्र आत्मा के प्रतीक के रूप में प्रयोग कर रहा है।
क्या आपने कभी किसी को अपना मुंह बन्द रख कर पानी पीते हुए देखा है? नहीं, आप अपना मुंह बन्द रखकर पानी नही पी सकते हैं और आप पवित्र आत्मा को आपना मुुंह बन्र रख कर नहीं ‘‘पी’’ सकते है। अपना मुंह खोलें।
अगली बात, जब आप प्यासे हों तो आपको पीने में कितनी देर लगती है? बस आप उसे उठा लेते हैं और पी जाते हैं, है न? यीशु ने कहा, आपकर पीए।’’ पीने के पहले आपको कितनी देर प्रतीक्षा करनी पडे़गी? आपको पीने के लिए प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती है, और आपको पवित्र आत्मा में बपतिस्मा लेने के लिए भी प्रतीक्षा (इन्तजार) नही करनी पड़ेगी।
मेरी एक सभा में एक स्त्री ने मुझसे कहा, ‘‘भाई हेगिन, मेरी मां 19 वर्षो से पवित्र आत्मा के बपतिस्में को खोजती रही हैं। जैसे ही यह सभा समाप्त होती है, मैं उनके पास जाकर यह शिक्षा उन तक पहचाऊँगी।’’
जब मैं अगले वर्ष उसके चर्च में वापस लौट, मैंने उससे पूछा, ‘‘आपकी मां का क्या हुआ?
‘‘जी’’ उसने कहा, ‘‘मैंने उन्हें फोन किया और कहा कि मैं आ रही हूँ। उनका घर 150 मील दूर है, और मुझे अपने पति को समय पर रात का खाना देने के लिए उसी दिन वापस लौटना था।
‘‘जैसे ही हमारी गाड़ी घर में घुसी, वे अन्दर से निकर कर अपने नातियों को देखने के लिए दौड़ी। वे तीनों कार से उतरकर खड़े हो गए, फिर मैं बाहर निकली।
‘‘मैंने उनसे कहा, ‘‘मां मेरे पास बहुत अधिक समय नहीं है। मैं यहां पर, आपके पवित्र आत्मा से भर जाने के लिए आई हूँ।
‘‘उन्होंने कहा, बेटी, मैं इस (अनुभव) को बहुत ही लम्बे समय से खोज रही हूँ।
‘‘मैने कहा, ‘‘हां मैं जानती हूं 19 वर्षो से। परन्तु मैं आपके साथ खोजने नहीं आयी हूँ। मैं इसलिए आई हूँ कि आप पाएं (ग्रहण कर लें)।’’
‘‘हां परन्तु मैं खोजती रही हूँ ......
‘‘हां, परन्तु मैं यह नहीं चाहती हूं कि आप खोजें, मैंने उन्हें बताया। ‘‘पवित्र आत्मा को खोजने से कोई लाभ नहीं बताया। ‘‘पवित्र आत्मा को खोजने से कोई लाभ नहीं है। वह खो नहीं गया है। वह बिलकुल यहीं पर है।’’
‘‘हम घर में गए, और मैंने उसने कहा, ‘‘अब मां, यहा बैठे जाइए‘ वे बैठक की एक बड़ी कुर्सी पर बैठ गयी। मैंने मेज़ पर से उनकी बाईबिल उठाई, उनके पैरों के पास एक स्टूल पर बैठ गयी, और प्रेरितों के काम की पुस्तक से निकाल कर दिखाया कि कैसे उन्होंने हाथ रखने के द्वारा तुरन्त (पवित्र आत्मा) पा लिया और अन्यभाषा में बोलने लगे।
‘‘मैंने उसने कहा, अब मां, मेरे पास ऐसा करने के लिए भाई हेगिन और दूसरों के समान सेवा तो नहीं है, परन्तु मैं विश्वास में आपके ऊपर अपना हाथ रखने जा रही हूँ। मैं विश्वास कार्टू हूँ कि जब मैं आपके ऊपर अपना हाथ रखूंगी, पवित्र आत्मा आपके ऊपर आएगा।
‘‘अभी अपना मूंह खोलिए, और तैयार हो जाइए, क्योंकि जब वह आएगा, मैं चाहती हूँ कि वह जो कुछ भी देता है आप वह बोलने लगें।’’
उसने कहा, ‘‘मैंने उन पर हाथ रखा और वे अन्यभाषा में बोलने लगी। मेरे वहां पहुंचने के 10 मिनट के अन्दर वे अन्यभाषा में बोलने लगी, और वे 19 वर्षों से खोज रही थीं।’’
जिस प्रकार इस महिला ने अपनी मां की सहायता की उसी प्रकार आप भी दूसरों की सहायता कर सकते हैं। जो मैं अपनी सभाओं में करता हूँ आप भी उसी प्रकार कर सकते है।
मैं ऐसा इसलिए करता हूँ क्योंकि प्रभु 1950 में एक दर्शन में मुझ पर प्रकट हुआ और कहा, ‘‘मैंने तुझे हाथ रखने की सेवा दी है। लोगों पर हाथ रखने से पहले उनके लिए हमेशा प्रेरितों 19ः6 पढ़ना या उद्धत करनाः और जब पौलुस ने उन पर हाथ रखे, तो उन पर पवित्र आत्मा उतरा, और वे भिन्न भिन्न भाषा बोलने और भविष्यद्वाणी करने लगे।’’ उसने कहा, ‘‘तुम व्यक्ति को बताओ कि मैंने तुमसे उन्हें बताने के लिए कहा है कि जब तुम उन पर हाथ रखोगे, पवित्र आत्मा उन पर आएगा। तुम उन्हें बताओ कि मैंने बताने के लिए तुमसे कहा है कि उनकी जीभ को लगेगा कि वह कुछ ऐसा कहने जा रही है जो कि अंग्रेजी या उनकी सामान्य भाषा नहीं है। और तुम उन्हें बताओ कि मैंने तुम से उन्हें बताने के लिए कहा है कि वे अपनी आवाज उठाएं और जो कुछ भी अलौकिक आवाज, शैली, या शब्द निकले उसे उस समय तक बोलते रहें जब तक एक शुद्ध स्वतंत्र भाषा न निकलने लगे।’’
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