ईश्वरीय चंगाई के विभिन्न चरण - 5

 प्रार्थना 

प्रार्थना सारी समसयाओं का निवारण एंव सामाधान हैं विश्वास के साथ मांगी गई प्रार्थना का यह अर्थ नही है, कि आप आरोग्यता के लिये दया की भीख मांगी जाये। याद रखे यदि आपने मसीह यीशु को अपना निजी उद्धारकर्ता स्वीकार किया

है, तो आप परमेश्वर की सन्तान है, और वह आपका पिता है, तो आप परमेश्वर की निज सन्तान है, और वह आपका पिता है। आप कोई भिखारी नहीं है। जैसे एक बालक अपने माता-पिता के पास जाता है। वैसे ही आपका स्वर्गीय पिता चाता है, कि आप दृढ़ विश्वास के साथ उसके पास जांए। उसने आपकों स्वस्थ करने की प्रतिज्ञा दी है। अतः वह आपको स्वस्थ करना चाहता है। परमेश्वर पिता; पिता की भांती आपको स्वस्थ, सुखी एंव सवल देखना चाहता है। 

भक्त दाऊद कहता हैजैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा परमेश्वर भी अपने डरवैयों पर दया करता है। (भजन 103ः13)

अतःआप निडर होकर साहस के साथ अनुग्रह के सिंहासन के समीप आयें।

प्रभु यीशु ने कहायदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरा वचन तुम में बना रहे, तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारें लिये हो जाएगा। (यूहन्ना 15ः7)

प्रभु यीशु आपको प्रार्थना का निमंत्रण देता है

मांगो तो तुम्हों दिया जाएगा, ढूंढ़ो तो तुम पओगे, खटखटाओं तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो मांगता है, उसे मिलता है, और जो ढूंढ़ता है, वह पाता है, और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा। (मत्ती 7ः7-8)

प्रभु यीशु की प्रतिज्ञा: यदि तुम मुझ से, मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगोगे, तो मैं उसे करूंगा। (यूहन्ना 14ः14)

संत यूहन्ना कहता है :- और हमें जो उसके जाने का हियाव होता है, वह यह है कि यदि हम उसकी इच्छा के अनुसार कुछ मांगते है, तो वह हमारी सुनता है। (1 यूहन्ना 5ः14)

और जब हम जानते है कि जो कुछ हम मांगते है, वह हमारी सुनता है, तो यह जानते है कि जो कुछ उससे मांगा वह पाया है।

परमेश्वर पिता का निमंत्रण: मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुनकर तुझे बड़ी बड़ी और कठिन बातें बताउंगा जिन्हें तू अभी नही समझता। (यिर्मयाह 33ः3)

अब आप पुर्णतः उसकी प्रतिज्ञाओं को जान गए है, और यह भी कि ये प्रतिज्ञाये आपक लिये व्यक्तिगत रूप से हैं। अब जबकि आपने मसीह यीशु को अपने जीवन में ग्रहण किया है। उसकी प्रतिज्ञानुसार आप अपने शरीर के लिये आरोग्यता मांगे। जब आप प्रार्थना करते है तो बिना सन्देह दृढ़ विश्वास करें कि वह मेरी प्रार्थना सुनता है, और जो कुछ मांगा है, वह पाया है। 

जब आपको आपकी इच्छानुसार प्रार्थना में जो कुछ मांगा है, और पाया है तो सदा प्रभु मसीह यीशु का धन्यवाद सदा करते रहें।

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