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Showing posts from April, 2021

हव्वा के बेटे

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 हव्वा के बेटे   ( उत्पत्ति 4ः1-26 )  आदम अपनी पत्नि हव्वा के पास गया। वह गर्भवती हुई और कैन को जन्म देकर उसने कहा, ‘‘मैंने यहोवा की कृपा से एक बालक पाया है। 2 फिर उसके भाई हाबिल को भी हव्वा ने जन्म दिया। हाबिल तो भेड़-बकरियों का चरवाहा बना, परन्तु कैन भूमि पर खेती करनेवाला किसान बना। 3 कुछ दिनों के पश्चात ऐसा हुआ कि कैन अपनी भूमि की उपज में से यहोवा के लिए भेंट लाया। 4 और हाबिल ने भी अपनी भेड़-बकरीयों के पहलौठे में से कुछ को चर्बी सहित, भेंट चढ़ाया। तब यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को ग्रहण किया। 5 परन्तु कैन और उसकी भेंट को उसने ग्रहण नहीं किया। तब कैन अति क्रोधित हुआ और उसका मुंह उतर गया। 6 और यहोवा ने कैन से कहा, तू क्यों क्रोधित है? और तेरा मुंह क्यों उतरा हुआ है? 7 यदि तू भला करे तो क्या तू ग्रहण न किया जाएगा? पर यदि तू भला न करे तो पाप द्वार पर दुबका बैठा है और वह तेरी लालसा करता है, परन्तु तुझे उस पर प्रभुता करना है।’’ 8 तब कैन ने अपने भाई हाबिल से बात की, और जब वे मैदान में थे तो ऐसा हुआ कि कैन ने लपक कर अपने भाई हाबिल को मार डाल। 

परमेश्वर के साथ रिश्ता कैसे किया जाए?

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 परमेश्वर के साथ रिश्ता कैसे किया जाए? उत्तर: क्र.1. यूहन्ना 5ः14 यदि हम उसकी ईच्छा के अनुसार कुछ मांगते है, तो वह हमारी सुनता है। क्र. 2. (1पतरस 3ः12) ‘‘क्योंकि प्रभु की आंखे धर्मियों पर लगी रहती है और उसके कान उनकी प्रार्थनाओं की ओर लगे रहते है। परन्तु प्रभु दुष्कर्मियों के विमुख रहता है।’’ क्र. 3. (यशायाह 59ः1-2) ‘‘देखो यहोवा का हाथ ऐसा छोटा नहीं कि उद्धार न कर सके, ना ही उसका कान ऐसा बहरा है कि सुन न सके, परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ही ने तुम्हें तुम्हारे परमेश्वर से अलग कर दिया है, और तुम्हारे पापों के कारण उसका मुख तुमसे छिप गया है जिससे वह नही सुनता। क्र. 4. (युहन्ना 10ः14, 27-28 ) ‘‘अच्छा चरवाहा मैं हूँ मैं अपनी भेंड़ों को जानता हूँ और मेरी भेंड़े मुझे जानती है।  (26) ‘‘परतन्तु तुम विश्वास नहीं करते क्योंकि मेरी भेड़ों मे से नही हो। (27) मेरी भेंडे़ मेरी आवाज सुनती है मैं उन्हें जानता हूँ और वे मेरे पीछे-पीछे चलती है। (28) मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ वे कभी नाश न होंगी और उन्हें मेरे हाथों से कोई भी छीन नही सकता।’’ क्र. 5. (यूहन्ना 15ः7) ‘‘यदि तुम मुझ में बने र...

कोरोना काल में सुनी और कही जाने वाली नकारात्मक बातें और उसके विपरीत में याद रखे जाने वाले परमेश्वर के अनमोल वचन

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 कोरोना काल में सुनी और कही जाने वाली नकारात्मक बातें और उसके विपरीत में याद रखे जाने वाले परमेश्वर के अनमोल वचन 1. "यह बीमारी मसिहियों को भी तो हो रही है" वचन: परमेश्वर के लोगो के लिए सब बातें मिलकर भलाई को उत्पन्न करती है ( रोमियों 8:28 ) 2. "बहुत लोग मर रहे है।" वचन- तेरे निकट हजार और तेरे दाहिनी ओर दस हजार गिरेंगे परंतु वह तुझे छूने न पायेगा ( भजन सहिंता 91:7 ) 3. "यह तो परमेश्वर का दंड है।" वचन- तुम यदि मन नहीं फिराओगे, तो इसी रीती से नष्ट किये जाओगे। ( लुक 13:3 ) 4. "उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं है। वचन- मत डर केवल विश्वास रख तो वह बच जायेगी। ( मरकुस 5:36 ) 5. "वो तो प्रभु का दास था, फिर भी कोरोना के कारण मर गया।" वचन- पुनरुत्थान और जीवन मै हूँ, जो मुझ पर विश्वाश करता है वो कभी नहीं मरेगा। ( यूहना 11:25 ) 6. "कोरोना के कारण हालात खराब है परिवार कैसे चलेगा।" वचन: जवान सिंहो को तो घटी होगी है, परंतु यहोवा के डरवैय्यों को किसी भी भली वस्तु की घटी नहीं होगी। ( भजन सहिंता 34:10 ) 7. "मुझे तो बहुत चिंता हो रही है।...

प्रभु यीशु मसीह का पुनरुत्थान हमारे लिए क्या मायने रखता है?

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  प्रभु यीशु मसीह का पुनरुत्थान हमारे लिए क्या मायने रखता है? 1, 2.  (क) कुछ यहूदी धर्म-गुरुओं ने पतरस से क्या पूछा? (ख) पतरस ने उन्हें क्या जवाब दिया? (ग) किस बात ने पतरस के अंदर ज़बरदस्त हिम्मत भर दी थी? यीशु की मौत हुए बस कुछ ही हफ्ते हुए थे। प्रेषित पतरस अब खौफनाक यहूदी धर्म-गुरुओं के एक समूह के सामने खड़ा था, उन्हीं लोगों के सामने, जिन्होंने यीशु का नामो-निशान मिटाने का षड्यंत्र रचा था। इस बार वे पतरस पर तमतमाए हुए थे। क्यों? क्योंकि उसने एक ऐसे आदमी को चंगा किया था, जो जन्म से चल नहीं सकता था। उन्होंने पतरस से पूछा, “तुमने किस अधिकार से या किसके नाम से यह काम किया है?” पतरस ने हिम्मत के साथ उन्हें जवाब दिया: “यीशु मसीह नासरी के नाम से, जिसे तुमने सूली पर ठोंक दिया था, मगर जिसे परमेश्‍वर ने मरे हुओं में से ज़िंदा किया, उसी के नाम से यह आदमी यहाँ तुम्हारे सामने भला-चंगा खड़ा है।” (प्रेरितों के काम 4ः5-10) जी हाँ, यह वही पतरस था जिसने कुछ ही समय पहले डर के मारे तीन बार यीशु को जानने से इनकार कर दिया था। (मरकुस 14ः66-72)  लेकिन अब वह धर्म-गुरुओं के सामने बेखौफ...

क्या आपको विश्वास है? प्रभु सचमुच जी उठा है।

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  “ क्या आपको विश्वास है?  प्रभु सचमुच जी उठा है!” जब यीशु को मार डाला गया, उस समय उसके चेलों को कितनी तकलीफ हुई होगी और दुःख पहुँचा होगा, इसका आप अंदाज़ा लगा सकते हैं। उनकी आशा वैसी ही बेजान हो गई थी, जैसे कब्र में यीशु का बेजान शरीर था; जिसे अरिमतिया के यूसुफ ने वहाँ रखा था। इतना ही नहीं, उनकी यह आशा भी पूरी तरह खत्म हो चुकी थी कि यीशु यहूदियों को रोम की गुलामी से छुड़ाएगा। अगर मामला यहीं खत्म होना था, तो इसके बाद यीशु के चेले उसी तरह गुमनामी में खो जाते, जैसे मसीहा होने का दावा करनेवालों के चेले धीरे-धीरे खत्म हो गए थे। मगर यीशु अब भी ज़िंदा था! बाइबल के मुताबिक यीशु अपनी मौत के कुछ दिनों बाद कई बार अपने चेलों को दिखाई दिया। तभी तो कुछ चेलों ने आश्‍चर्य से कहा: “प्रभु सचमुच जी उठा है!” ( लूका 24ः34). चेलों को पूरा-पूरा विश्‍वास था कि यीशु ही सच्चा मसीहा है और अपने इस विश्‍वास का सबूत देने के लिए वे लोगों को खासकर यीशु के जी उठने की बात बताते थे। और यही बात उसके मसीहा होने का एक ठोस सबूत था। जी हाँ, “प्रेरित बड़ी सामर्थ से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे।” ( प्र...

यीशु के साथ विश्वासघात

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  यीशु के साथ विश्वासघात  हर साल, यहूदी फसह का पर्व मनाते थे। यह एक उत्सव था, जब वह याद करते थे कि परमेश्वर ने कई सदियों पहले मिस्र की गुलामी से उनके पूर्वजों को बचाया था। यीशु मसीह के सार्वजनिक शिक्षा के तीन साल बाद अपना पहली शिक्षा शुरू की। यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वह यरूशलेम में उनके साथ फसह का जश्न मनाना चाहता था, और यह वही जगह है जहाँ उसे मार डाला जाएगा। यीशु के शिष्यों में से एक यहूदा नाम का एक आदमी था। वह चेलों के धन की देखभाल करता था, वह पैसों से प्रेम करता था और अकसर उसमें से चुराता था। यीशु और चेलों के यरूशलेम में पहुँचने के बाद यहूदा यहूदी गुरुओ के पास गया और पैसों के बदले यीशु के साथ विश्वास घात करने का प्रस्ताव रखा। वह जानता था कि यहूदी गुरुओं ने यीशु को मसीहा के रूप में अस्वीकार कर दिया था और वे उसे मरवा डालने की योजना बना रहे थे। यहूदी गुरुओं ने प्रधान याजक के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये उसे तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए। इस बात की भविष्यवाणी नबियों ने पहले ही कर दी थी। यहूदा ने पैसे लिए और वह वहाँ से चला गया। और वह अवसर ढूंढने लगा कि यीशु को क...