पवित्र आत्मा के 10 महत्वपूर्ण कार्य
पवित्र आत्मा कौन है?
- पवित्र आत्मा हमारी सहायता करता है (यूहन्ना 14:16)
यूहन्ना 14: 16, 26 में पवित्र आत्मा को सहायक अर्थात मददगार या सलाहकार कहा गया है. हम मसीही लोग अपने मसीही जीवन में पवित्र आत्मा को अपना सबसे बड़ा मददगार मानते हैं. जहाँ हम कमजोर हैं पवित्र आत्मा से सहायता मांगने से वो हमारी मदद करता है.
एक विश्वासी व्यक्ति जब किसी ऐसी परिस्थिति में आ जाता है जहाँ उसे कुछ भी सूझता नहीं कि क्या निर्णय लें या आगे क्या करें तब पवित्र आत्मा से सहायता मांगने पर पवित्रात्मा उसकी सहायता करता है.
- पवित्र आत्मा हमें सिखाता है (यूहन्ना 14:26)
पवित्रशास्त्र बाइबिल परमेश्वर की आत्मा की प्रेरणा से लिखा गया है. इसलिए इसे पढ़ते समय यदि हम प्रार्थना करते हैं तो पवित्रआत्मा हमें सिखाता है. न केवल वचन पढ़ते समय वरन जीवन के किसी भी मोड़ में यदि हम हताश हो जाते हैं तो प्रार्थना के समय पवित्रात्मा हमें सही मार्ग में चलना सिखाता है.
प्रभु यीशु ने कहा था जब पवित्रआत्मा आएगा तो वो तुम्हें मेरे वचनों से लेकर सिखाएगा. दोस्तों यदि आपको पवित्र बाइबिल समझ में नहीं आती है तो आप परमेश्वर के आत्मा से प्रार्थना करें वो अवश्य आपको गूढ़ भरी रहस्यमयी बातों को सिखाएगा. जो आप अभी नहीं जानते हो.
- पवित्र आत्मा हमें आने वाली बातों को बताएगा (यूहन्ना 16:13)
परमेश्वर का आत्मा अपने दासों को बताए बिना कुछ नहीं करता यशायाह 33:3 में लिखा है, मुझसे मांग मैं तुम्हें उत्तर दूंगा और वो बातें बताऊंगा जो तुम नहीं जानते. अर्थात आने वाली बातें. सदोम और गमोरा पर दंड भेजने से पहले परमेश्वर ने अपने दास अब्राहम को बता दिया था, कि उस देश का नाश आग और गंधक से होने जा रहा है.
यदि हम परमेश्वर के साथ एक सही सम्बन्ध में है और उससे प्रार्थना करते हैं. तो वह हमारे देश के विषय में और शहर के विषय में पहले से बताएगा कि परमेश्वर हमारे देश में क्या करने जा रहे हैं.
- पवित्र आत्मा हमें सामर्थ और साहस देता है. (प्रेरितों 1:8)
प्रभु यीशु मसीह ने कहा था, जब पवित्रात्मा आएगा तो तुम सामर्थ पाओगे और जगत के अंत तक मेरे गवाह ठहरोगे. और ऐसा हुआ भी जब पेंतिकुस्त के दिन पवित्रात्मा आग के समान उतरा तो चेले और विश्वासियों ने सामर्थ से भरकर सभी जगहों पर यीशु की गवाही देने लगे. और केवल प्रेरित पतरस के प्रचार से लगभग 3000 लोगों ने बप्तिस्मा लेकर कलीसिया में जुड़ गए.
प्रेरितों के काम 4:13 में हम देखते हैं पतरस और युहन्ना के साहस को देख कर सभी लोग सभी लोग दंग हो गए. क्योंकि वे लोग साधारण और अनपढ़ लोग थे लेकिन फिर जाना कि ये लोग प्रभु यीशु के संग रहे हैं. इससे हम समझ सकते हैं कि साहस न तो धन दौलत से आता है और न ही पढ़ाई की डिग्रियों से. सच्चा साहस प्रभु यीशु के संगती में बैठने से पवित्र आत्मा देते हैं.
- पवित्र आत्मा हमें प्रार्थना करना सिखाता है (जकर्याह 12:10)
परमेश्वर हमें प्रार्थना का आत्मा देगा जो हमें प्रार्थना करना सिखाएगा. बहुत बार प्रार्थना में हम केवल माँगना ही समझते हैं. लेकिन पवित्रात्मा हमें प्रार्थना करना सिखाता है. यदि हमें प्रार्थना करना नहीं आता तो प्रार्थना की सहायता के लिए कहें पवित्रात्मा प्रार्थना करने में मेरी मदद करें. आप देखेंगे पवित्रात्मा अवश्य आपकी सहायता करेंगे.
- पवित्र आत्मा हमें दान वरदान देता है (1 कुरु 12:11)
कलीसिया की आत्मिक उन्नति के लिए विभिन्न प्रकार के दान वरदान की आवश्यकता है. जो हमें पवित्रात्मा के द्वारा ही प्राप्त होता है. हरेक विश्वासी को विश्वास करते समय एक वरदान मिलता है. और जब उस वरदान को हम पवित्रात्मा की सहायता से संचालित करते हैं अर्थात उपयोग में लाते हैं तो वह दूसरों की भलाई के लिए बढ़ने लगता है.
- पवित्र आत्मा हमें बदल देता है (2 कुरु 3:18)
प्रभु के द्वारा जो आत्मा है…हम बदलते जाते हैं….जब हम प्रभु यीशु पर विश्वास करते हैं तो एक नई सृष्टि बन जाते हैं और आत्मा के अगुवाई में चलते हैं और जीवन पाते हैं. हम शरीर के अनुसार चलकर पाप नहीं करते बल्कि आत्मा के अनुसार जीवन यापन करते हुए धीरे धीरे भलाई के लिए बदलते जाते हैं.
- पवित्र आत्मा हमें स्वतंत्रता प्रदान करता है (2 कुरु 3:17)
अब उन पर जो मसीह यीशु में है दंड की आज्ञा नहीं…(रोमियो 8:1) अर्थात अब हम किसी भी प्रकार बंधन में नहीं रहे न ही पाप के और न ही व्यवस्था के बल्कि अब हमें परमेश्वर ने स्वतंत्र कर दिया है. अब किसी भी प्रकार का टोना और टोटका या जादू हम पर नहीं चल सकता. पवित्रआत्मा के द्वारा हमें स्वतन्त्रता प्राप्त हुई है.
- पवित्र आत्मा यीशु मसीह की महिमा करता है (यूहन्ना 16:14)
प्रभु यीशु मसीह ने कहा, कि पवित्रात्मा मेरी महिमा करेगा…वह, अर्थात पवित्रात्मा प्रभु यीशु की बातों को स्मरण दिलवाकर हमारे द्वारा प्रभु यीशु की महिमा करवाता है. अनेक कठिन परिस्थितियों में जब हम आशाहीन हो जाते हैं. ऐसे समयों में वह हमें प्रभु की प्रतिज्ञाओं को स्मरण दिलवाकर हमें तसल्ली देता है. और इस बात से प्रभु की महिमा होती है.
- पवित्र आत्मा हमारे लिए मध्यस्तता की प्रार्थना करता है (रोमियो 8:26)
आत्मा…हमारे लिए विनती करता है…शरीर निर्बल है और इस कारण से अनेकों बार हम कमजोर महसूस करते हैं. और प्रभु के सम्मुख प्रार्थना में नहीं आ पाते. ऐसी परिस्थिति में पवित्रात्मा हमें अंदरूनी सामर्थ देकर और हमारे लिए परमेश्वर से प्रार्थना करके हमें सामर्थ प्रदान करता है. और एक अच्छा और सच्चा होने का प्रमाण देता है.
जब हम आत्मा में होकर प्रार्थना करते हैं तो उन विषयों के बारे में जिन्हें वो चाहता है और अति आवश्यक हैं वो हमारे अंदर से आहें भर भर कर प्रार्थना और विनती करता है.
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