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Showing posts from April, 2022

दो प्रतिद्वन्द्वी राजाओं का दृष्टान्त

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दो प्रतिद्वन्द्वी राजाओं का दृष्टान्त सन्दर्भ :- लूका 14ः25-27, 31-32 - ‘‘और जब बड़ी भीड़ उसके साथ जा रही थी, तो उसने पीछे फिरकर उन से कहा। यदि कोई मेरे पास आए और अपने पिता और माता और पत्नी और लड़के वालों और भाइयों और बहिनों बरन अपने प्राण को भी अप्रिय न जाने, तो वह मेरा चेला नहीं हो सकता। और जो कोई अपना क्रूस न उठाए; और मेरे पीछे न आए; वह भी मेरा चेला नहीं हो सकता। या कौन ऐसा राजा है, कि दूसरे राजा से युद्ध करने जाता हो, और पहिले बैठकर विचार न कर ले कि जो बीस हजार लेकर मुझ पर चढ़ा आता है, क्या मैं दस हजार लेकर उसका साम्हना कर सकता हूं, कि नहीं ? नहीं तो उसके दूर रहते ही, वह दूतों को भेजकर मिलाप करना चाहेगा।’’ प्रस्तावना एवं पृष्ठभूमि :- यह दृष्टान्त भी प्रभु यीशु मसीह ने गलील से यरूशलेम जाते समय सुनाया। उसके पीछे बड़ी भीड़ थी जो उसे सांसारिक राजा बनाना चाहती थी। लोग सोचते थे कि इस राजा के द्वारा उन्हें रोमी साम्राज्य के अत्याचारों से मुक्ति मिलेगी। उन्हें प्रभु यीशु मसीह के पीछे चलने का वास्तविक अर्थ नहीं मालूम था। प्रभु यीशु मसीह बड़ी भीड़ और स्वयं के जय जयकार के नारों से जरा भी प्रभावित नह...

सातवीं वाणी ’’हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ‘‘

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सातवी वाणी  क्रूस पर यीशु मसीह की सातवीं वाणी ’’हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ‘‘  लूका 23ः46 "और यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा; हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं: और यह कहकर प्राण छोड़ दिए। उत्पत्ती 2ः2 "और परमेश्वर ने अपना काम जिसे वह करता था सातवें दिन समाप्त किया। और उसने अपने किए हुए सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया।" अपनी आत्मा सौपने का अधिकार किसी को है? यदि कोई मनुष्य आपने आपको यह कह कर कि पिता मैं अपनी आत्मा आपको सौपता हूँ और वह आत्म हत्या कर ले तो क्या ऐसा मनुष्य कर सकता है। नही सभोउपदेशक 12ः7 "जब मिट्टी ज्यों की त्यों मिट्टी में मिल जाएगी, और आत्मा परमेश्वर के पास जिसने उसे दिया लौट जाएगी।" यशायाह 57ः16 "मैं सदा मुकद्दमा न लड़ता रहूंगा, न सर्वदा क्रोधित रहूंगा; क्योंकि आत्मा मेरे बनाए हुए हैं और जीव मेरे साम्हने मूच्छिर्त हो जाते हैं।" परमेश्वर आत्मा है और उसने मनुष्यों को अपनी आत्मा दिया है उसे सौपने का अधिकार मनुष्यों को नही है।  अयूब 27ः3 "क्योंकि अब तक मेरी सांस बराबर आती है, और ईश्वर का ...

पांचवी वाणी ’’मैं प्यासा हूँ‘‘ I am Thirsty (यूहन्ना 19ः28-30)

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  पांचवी वाणी  क्रूस पर स्थित वाणी ’’मैं प्यासा हूँ‘‘ (I am Thirsty) यूहन्ना 19ः28-30 28 " इस के बाद यीशु ने यह जानकर कि अब सब कुछ हो चुका; इसलिये कि पवित्र शास्त्र की बात पूरी हो कहा, मैं प्यासा हूं । 29 वहां एक सिरके से भरा हुआ बर्तन धरा था, सो उन्होंने सिरके में भिगोए हुए इस्पंज को जूफे पर रखकर उसके मुंह से लगाया। 30 जब यीशु ने वह सिरका लिया, तो कहा पूरा हुआ और सिर झुकाकर प्राण त्याग दिए॥" छुटकारे का कार्य पूरा हो चुका। प्रभु यीशु मसीह ने इसलिए कहा क्योंकि वे चाहते थे कि व्यवस्था की भविष्यवाणी पूरी हो इसलिए उन्होंने कहा कि ‘‘मैं प्यासा हूँ’’ यूहन्ना 4:13 यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा। 14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा। पुराने नियम की भविष्यवाणियां  भजन संहिता 69ः21  "और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया॥" भजन संहिता 22ः1-2 " ह...

तीसरी वाणी "हे नारी, देख, यह तेरा पुत्र "

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 तीसरी वाणी  "हे नारी, देख, यह तेरा पुत्र " ( यूहन्ना 19ः26,27) यूहन्ना 19ः25,27 25 परन्तु यीशु के क्रूस के पास उस की माता और उस की माता की बहिन मरियमए क्लोपास की पत्नी और मरियम मगदलीनी खड़ी थी। 26 यीशु ने अपनी माता और उस चेले को जिस से वह प्रेम रखता था, पास खड़े देखकर अपनी माता से कहा! हे नारी, देख, यह तेरा पुत्र है। 27 तब उस चेले से कहा, यह तेरी माता है, और उसी समय से वह चेला, उसे अपने घर ले गया॥ प्रभु यीशु के 12 प्रेरितों में यूहन्ना सबसे कम उम्र के थे और यीशु मसीह उसने सबसे अधिक प्रेम भी करते थे।  उनके सांसारीक पिता जबदी और माता शालोमी थी। कम उम्र के होते हुए भी प्रेरितों में सबसे लम्बे समय तक जिवित रहे। सन् 96 में पदमुस नामक टापू पर उन्होंने प्रकाशित वाक्य लिखा।  यीशु मसीह के पिता युसूफ खत्म हो गये थे, किन्तु यूहन्ना के माता पिता जीवित थे। यूहन्ना को माता मरियम को सौपने के बाद वह उसे अपने साथ उद्धार के घर यानि यूहन्ना के साथ उद्धार पाने के लिए उनके साथ सुसमाचार की सेवा में लग गई। क्योंकि प्रभु यीशु की मां को भी उद्धार की आवश्यक्ता थी। आत्मिक रूप से प्रभु यीशु मस...

पहली वाणी "हे पिता इन्हें क्षमा कर"

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पहली वाणी  लूका 23ः34 "हे पिता इन्हें क्षमा कर, क्योंकि यह नही जानते कि ये क्या कर रहे हैं?" पहला भाग प्रार्थना: यीशु मसीह द्वारा की गई प्रार्थनायें। लूका 3ः21 "जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया।" लूका 5ः16 "परन्तु वह जंगलों में अलग जाकर प्रार्थना किया करता था॥" लूका 6ः12 "और उन दिनों में वह पहाड़ पर प्रार्थना करने को निकला, और परमेश्वर से प्रार्थना करने में सारी रात बिताई।" लूका 9ः18 "जब वह एकान्त में प्रार्थना कर रहा था, और चेले उसके साथ थे, तो उस ने उन से पूछा, कि लोग मुझे क्या कहते हैं?" लूका 9ः28 "इन बातों के कोई आठ दिन बाद वह पतरस और यूहन्ना और याकूब को साथ लेकर प्रार्थना करने के लिये पहाड़ पर गया।" लूका 11ः1 "फिर वह किसी जगह प्रार्थना कर रहा था: और जब वह प्रार्थना कर चुका, तो उसके चेलों में से एक ने उस से कहा; हे प्रभु, जैसे यूहन्ना ने अपने चेलों को प्रार्थना करना सिखलाया वैसे ही हमें भी तू सिखा दे।" लूका 22ः42-44 "42 कि हे पिता यदि तू चाहे त...

क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह की सात वाणी (भूमिका)

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 क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह की सात वाणी (भूमिका) हम आज प्रभु यीशु मसीह के बलिदान के समय की समस्त घटनाओं को समझने का प्रयास करेंगे। प्रभु यीशु मसीह ने अपने आप को स्वंय बलिदान के लिए परमेश्वर को सौंप दिया। जैसे कि बाईबल बताती है की वह व्यवस्था को पूरी करने आया। इसलिए उन्होंने आपने आपको संपूर्ण मानव जाति के छुटकारे लिए आपने आप को बलिदान किया।  इस पृथ्वी पर ऐसा अक्सर देखा गया है कि जब व्यक्ति मरण सय्या पर होता है तो वह झूठ नही बोलता है। हम देखतें है कि यीशु मसीह जब क्रूस पर चढ़ाये गए उसके उपरान्त उन्होंने सात वाणियां कहीं, सिर्फ सात वाणिया ही क्यों कही? आठ, नौ, छः, पांच भी कह सकते थे। किन्तु ऐसा नही है। सात वह संख्या होती है जो पूर्णता को दर्शाती है। बाईबल में सृष्टि की रचनाः   हम सृष्टि की रचना को देखते है। उत्पत्ति 2ः2 में ऐसा लिखा हुआ है ‘‘ और परमेश्वर ने अपना काम जिसे वह करता था। सातवे दिन समाप्त किया और उसने अपने किये हुए सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया।  हमारा विश्राम अभी बाकी है, क्योंकि हमने कार्य पूरा नही किया है।  इब्रानियों 4:8 और यदि यहोशू उन्हें ...

दूसरी वाणी _मैं तुझ'से सच कहता हूँ

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दूसरी  वाणी "मैं तुझश्से सच कहता हूँ, आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।। (लूका 23ः43) लूका 23ः39-43 "जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उन में से एक ने उस की निन्दा करके कहा; क्या तू मसीह नहीं तो फिर अपने आप को और हमें बचा। 40 इस पर दूसरे ने उसे डांटकर कहा, क्या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्ड पा रहा है। 41 और हम तो न्यायानुसार दण्ड पा रहे हैं, क्योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इस ने कोई अनुचित काम नहीं किया। 42 तब उस ने कहा; हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना। 43 उस ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा॥ यशायाह 53ः12 "इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है॥" मरकुस 15ः27,28 "और उन्होंने उसके साथ दो डाकू, एक उस की दाहिनी और एक उस की बाईं ओर क्रूस पर चढ़ाए। 28 तब धर्मशास्त्र का वह वच...

छटवीं वाणी "पूरा हुआ"

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छटवी वाणी ‘‘पूरा हुआ’’  यूहन्ना 19ः30 जब यीशु ने वह सिरका लिया, तो कहा पूरा हुआ और सिर झुकाकर प्राण त्याग दिए॥ यूहन्ना 19ः28-30 "इस के बाद यीशु ने यह जानकर कि अब सब कुछ हो चुका; इसलिये कि पवित्र शास्त्र की बात पूरी हो कहा, मैं प्यासा हूं। 29 वहां एक सिरके से भरा हुआ बर्तन धरा था, सो उन्होंने सिरके में भिगोए हुए इस्पंज को जूफे पर रखकर उसके मुंह से लगाया। 30 जब यीशु ने वह सिरका लिया, तो कहा पूरा हुआ और सिर झुकाकर प्राण त्याग दिए॥" पूर्व भविष्यवाणीयां भजन संहिता 69ः21 और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया॥ आमोस 3ः7 इसी प्रकार से प्रभु यहोवा अपने दास भविष्यद्वक्ताओं पर अपना मर्म बिना प्रकट किए कुछ भी न करेगा। आदि में जब परमेश्वर ने संसार को बनाया तो उसने छटवी वाणी में मनुष्य के उत्थान की योजना भी पूरी होती है।  क्रूस से कही गई सारी वाणिया पूरी होती है  नबियों और भविष्यवाणी पूरी होती है।  1 प्रभु यीशु मसीह जन्म की यशायाह नबी की भविष्यवाणी पूरी हुई। 2 मिका द्वारा की गई भविश्यवाणी मिका 5ः2 " हे बेतलेहेम एप्राता, यदि त...

चौथी वाणी "हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया"

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चौथी वाणी  "हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया" (1से 3 वाणी के पश्चात परमेश्वर से नाता टूट गया) मत्ती 27ः46 46 " तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? मरकुस 15ः34 "तीसरे पहर यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, इलोई, इलोई, लमा शबक्तनी जिस का अर्थ यह है; हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? यह घटना दोपहर का समय था पूरे प्रदेश में अंधेरा छाया हुआ था वह प्रायश्चित बलिदान हो रहा था इब्रानियों 10ः1 क्योंकि व्यवस्था जिस में आने वाली अच्छी वस्तुओं का प्रतिबिम्ब है, पर उन का असली स्वरूप नहीं, इसलिये उन एक ही प्रकार के बलिदानों के द्वारा, जो प्रति वर्ष अचूक चढ़ाए जाते हैं, पास आने वालों को कदापि सिद्ध नहीं कर सकतीं। कुलुस्सियों 2ः16, 1 7 16 इसलिये खाने पीने या पर्व या नए चान्द, या सब्तों के विषय में तुम्हारा कोई फैसला न करे। 17 क्योंकि ये सब आने वाली बातों की छाया हैं, पर मूल वस्तुएं मसीह की हैं। 1 कुरिन्थियों 10ः1-...