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Showing posts from May, 2022

दयालु सामरी का दृष्टांत

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दयालु सामरी का दृष्टांत      सन्दर्भ :- लूका 10ः25-37 - ‘‘ और देखो, एक व्यवस्थापक उठा; और यह कहकर, उसकी परीक्षा करने लगा; हे गुरू, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिए मैं क्या करूं ? उस ने उससे कहा; कि व्यवस्था में क्या लिखा है? तू कैसे पढ़ता है ? उस ने उत्तर दिया, कि तू अपने प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी शक्ति और सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख; और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। उस ने उस से कहा, तू ने ठीक उत्तर दिया, यही कर : तो तू जीवित रहेगा। परन्तु उसने अपनी तईं धर्मी ठहराने की इच्छा से यीशु से पूछा, तो मेरा पड़ोसी कौन है ? यीशु ने उत्तर दिया; एक मनुष्य यरूशलेम से यरीहो को जा रहा था, कि डाकुओं ने घेरकर उसके कपड़े उतार लिये, और मारपीट कर उसे अधमूआ छोड़कर चले गये। और ऐसा हुआ, कि उसी मार्ग से एक याजक जा रहा था : परन्तु उसे देखकर कतराकर चला गया। इसी रीति से एक लेवी उस जगह पर आया, वह भी उसे देख के कतराकर चला गया। परन्तु एक सामरी यात्री वहां आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया। और उसके पास आकर और उसके घावों पर तेल और दाखरस डालकर पट्टियां ब...

बाइबल खतना के बारे में क्या कहती है?

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    बाइबल  खतना के बारे में क्या कहती है? नए नियम में, खतना की मूसा की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अन्यजातियों की आवश्यकता नहीं थी। पौलूस ने विशेष रूप से कहा, “जो खतना किया हुआ बुलाया गया हो, वह खतनारिहत न बने: जो खतनारिहत बुलाया गया हो, वह खतना न कराए। न खतना कुछ है, और न खतनारिहत परन्तु परमेश्वर की आज्ञाओं को मानना ही सब कुछ है” ( 1 कुरिन्थियों 7:18, 19 )। न तो खतना के यहूदी रीति का अनुपालन और न ही ऐसा करने में विफलता यीशु में विश्वास के माध्यम से परमेश्वर के साथ किसी व्यक्ति के रिश्ते को प्रभावित कर सकती है। यहाँ जोर इस सच्चाई पर रखा गया है कि बाहर की रीति और पालन मसीह में विश्वास के बिना बेकार हैं ( गलतियों 5: 6; 6:15 )। ईश्वर के नवजात बच्चे को उसके द्वारा स्वीकार किए जाने वाले किसी भी रीति के कारण नहीं, बल्कि उसके द्वारा क्रूस पर मसीह के लिए किए गए महान कार्य में उसके विश्वास के कारण स्वीकार किया जाता है ( यूहन्ना 3:16; रोमियों 4: 5; इफिसियों; 2: 8, 9 )। कृपया ध्यान दें कि बाइबल में दो अलग-अलग व्यवस्था पेश की गई हैं: मूसा की व्यवस्था “मूसा की व्यवस्था” कहा जाता है (...

बड़े भोज का दृष्टान्त

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बड़े भोज का दृष्टान्त सन्दर्भ :- लूका 14ः15-24 - ‘‘उसके साथ भोजन करने वालों में से एक ने ये बातें सुनकर उस से कहा, धन्य है वह, जो परमेश्वर के राज्य में रोटी खाएगा। उस ने उस से कहा, किसी मनुष्य ने बड़ी जेवनार की और बहुतों को बुलाया। जब भोजन तैयार हो गया, तो उस ने अपने दास के हाथ नेवताहारियों को कहला भेजा, कि आओ; अब भोजन तैयार है। पर वे सब के सब क्षमा मांगने लगे, पहिले ने उस से कहा, मैं ने खेत मोल लिया है; और अवश्य है कि उसे देखूं : मैं तुझसे बिनती करता हूं, मुझे क्षमा कर दे। दूसरे ने कहा, मैनें पांच जोड़े बैल मोल लिए हैं; और उन्हें परखने जाता हूं : मैं तुझ से बिनती करता हूं, मुझे क्षमा कर दे। एक और ने कहा; मैंने ब्याह किया है, इसलिये मैं नहीं आ सकता। उस दास ने आकर अपने स्वामी को ये बातें कह सुनाई, तब घर के स्वामी ने क्रोध में आकर अपने दास से कहा, नगर के बजारों और गलियों में तुरन्त जाकर कंगालों, टुण्डों, लंगड़ों और अन्धों को यहां ले आओ। दास ने फिर कहा; हे स्वामी, जैसे तू ने कहा था, वैसे ही किया गया है; और फिर भी जगह है। स्वामी ने दास से कहा, सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगों को बरबस ले ही आ त...

यीशु के बलिदान की भविष्यद्वाणी

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  यीशु के बलिदान की भविष्यद्वाणी (जो पुराने नियम में नबियों और भविष्यद्वक्ताओं ने की) अय्यूब 13ः 27  और मेरे पावों को काठ में ठोकता, और मेरी सारी चाल चलन देखता रहता है, और मेरे पावों की चारों ओर सीमा बान्ध लेता है।  ( अय्यूब 33ः11  इसलिए परमेश्वर मेरे पैरों में काठ डालता है,   मैं जो कुछ भी करता हूँ वह देखता रहता है। ) अय्यूब 16ः10-11  अब लोग मुझ पर मुंह पसारते है और मेरी नामधराई करके मेरे गाल पर थपेड़ा मारते और मेरे विरूद्ध भीड़ लगाते है। ईश्वर ने मुझे कुटिलों के वश में कर दिया और दुष्ट लोगो के हाथ में फेंक दिया है। (मरकुस 14ः65, यूहन्ना 18ः22) अय्यूब 17ः6  और लोग मेरे मुंह पर थूकते हैं। (मरकुस 15ः19; मत्ती 27ः30) भजन संहिता 22ः14  पढ़िये।  14  मैं जल की नाईं बह गया, और मेरी सब हडि्डयों के जोड़ उखड़ गए: मेरा हृदय मोम हो गया, वह मेरी देह के भीतर पिघल गया।  15  मेरा बल टूट गया, मैं ठीकरा हो गया; और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई; और तू मुझे मारकर मिट्टी में मिला देता है।  16  क्योंकि कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों...