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क्या ही धन्य है वह पुरूष

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  Psalms 1:1-3 1    क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टोंकी युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियोंके मार्ग में खड़ा होता? और न ठट्ठा करनेवालोंकी मण्डली में बैठता है! 2    परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता? और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता रहता है। 3    वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियोंके किनारे लगाया गया है। और अपक्की ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिथे जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है।। Psalms 92 12   धर्मी लोग खजूर की नाई फूले फलेंगे, और लबानोन के देवदार की नाई बढ़ते रहेंगे। 13   वे यहोवा के भवन में रोपे जाकर, हमारे परमेश्वर के आंगनोंमें फूले फलेंगे। 14   वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे, 15   जिस से यह प्रगट हो, कि यहोवा सीधा है? वह मेरी चट्टान है, और उस में कुटिलता कुछ भी नहीं।। Revelation 2 7    जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्क़ा कलीसियाओं से क्‍या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर...

ईश्वरीय चंगाई के विभिन्न चरण - 5

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 प्रार्थना  प्रार्थना सारी समसयाओं का निवारण एंव सामाधान हैं विश्वास के साथ मांगी गई प्रार्थना का यह अर्थ नही है, कि आप आरोग्यता के लिये दया की भीख मांगी जाये। याद रखे यदि आपने मसीह यीशु को अपना निजी उद्धारकर्ता स्वीकार किया है, तो आप परमेश्वर की सन्तान है, और वह आपका पिता है, तो आप परमेश्वर की निज सन्तान है, और वह आपका पिता है। आप कोई भिखारी नहीं है। जैसे एक बालक अपने माता-पिता के पास जाता है। वैसे ही आपका स्वर्गीय पिता चाता है, कि आप दृढ़ विश्वास के साथ उसके पास जांए। उसने आपकों स्वस्थ करने की प्रतिज्ञा दी है। अतः वह आपको स्वस्थ करना चाहता है। परमेश्वर पिता; पिता की भांती आपको स्वस्थ, सुखी एंव सवल देखना चाहता है।  भक्त दाऊद कहता है -  जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा परमेश्वर भी अपने डरवैयों पर दया करता है। ( भजन 103ः13 ) अतःआप निडर होकर साहस के साथ अनुग्रह के सिंहासन के समीप आयें। प्रभु यीशु ने कहा -  यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरा वचन तुम में बना रहे, तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारें लिये हो जाएगा। ( यूहन्ना 15ः7 ) प्रभु यीशु आपको प्रार...