अन्तिम दिनों की घटनाक्रम
अन्तिम दिनों की घटनाक्रम हे यरूशलेम! तू जो नबियों को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए, उन पर पथराव करता है। कितनी बार मै ने यह चाहा कि जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पखों तले इकट्ठा करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठा करूं, पर तुम ने यह न चाहा, देखोए तुम्हारा घर तुम्हारे लिये उजाड़ छोड़ा जाता है। तू मुझे उस समय तक फिर नहीं देखेगा जब तक वह समय न आ जाये जब तू कहेगा, धन्य है वहए जो प्रभु के नाम पर आ रहा है। (लूका 13:34.35) (1) इस समय तक परमेश्वर यरूशलेम के मन्दिर को "मेरा घर यज्ञ का भवन कहा था (2 इतिहास 7:12) और प्रभु यीशु ने "मेरा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर कहा था। (मरकुस 11:17) (2) अब प्रभु यीशु कहता है "तुम्हारा घर", क्योंकि जिस क्षण प्रभुजी क्रूस पर मरा, मन्दिर का परदा फट गया और परमेश्वर की आत्मा अति पवित्र स्थान से निकलकर हमको पवित्रात्मा का मन्दिर बना दिया और यरूशलेम का मन्दिर उजाड़ हो गया। और अन्त के दिनों का आरम्भ हो गया। (1कुरिन्थियों 3:16, 6ः19, 2कुरिन्थियों 6:16) (3) "राजा नबूकदनेस्सर , ने एक बहुत बड़ी प्रतिमा बनाई थी जो ...