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Showing posts from October, 2022

बाइबल के अनुसार प्रेम क्या है

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  प्रेम हमेशा रक्षा करता है इसका क्या अर्थ है ? (1 कुरिन्थियों 13:7) “वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है।” पौलुस 1 कुरिन्थियों 13 के “प्रेम” अध्याय में प्रेम के चार विशिष्ट गुणों का उल्लेख करता है जिन्हें “हमेशा” क्रियान्वित किया जा सकता है। इनमें से पहला यह है कि प्रेम “हमेशा रक्षा करता है” या “प्रेम सभी चीजों को सहन कर लेता है”। “प्रोटेक्ट्स” के लिए ग्रीक शब्द “स्टेगी” है जिसका शाब्दिक अर्थ है “कवर करना” और इसमें सुरक्षा और संरक्षण का विचार शामिल है। वह “रक्षा करता है” पद 7 में प्रेम के अन्य तीन कार्यों (विश्वास, आशा और दृढ़ता) के साथ कुछ और भी साझा करता है: मूल भाषा में, सभी चार शब्द एक ही ध्वनि के साथ समाप्त होते हैं, एक काव्य लय और एक मनभावन ध्वन्यात्मक पुनरावृत्ति का निर्माण करते हैं। यह भी ध्यान दें, पद 7 में चार कथन “हमेशा” ग्रीक शब्द पेंटा का उपयोग करते हैं, जो पद 2-3 में “सब” के रूप में अनुवादित हैं और यह एक ही शब्द के अन्य चार उपयोगों से मेल खाता है। जिसमें सबसे पहले, पौलुस ने चार आत्मिक वरदानों का उल्ल...

एक आदर्श पत्नी के 7 गुण

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  एक आदर्श पत्नी के 7 गुण  एक भली और आदर्श पत्नी कौन पा सकता है बाइबिल बताती है उसका मूल्य तो मुंगे से भी कहीं बढ़कर है. पवित्रशास्त कहता है एक बुद्धिमान पत्नी अपने हाथों से अपना घर बनाती है. धन और सम्पत्ति तो पुरखाओं से अर्थात दादा परदादा आदि से मिल सकती है लेकिन एक बुद्धिमान पत्नी यहोवा परमेश्वर की ओर से ही प्राप्त होती है. आइए देखें वे 7 गुण. 1. एक आदर्श पत्नी विश्वासयोग्य होती है पति हो या पत्नी विश्वासयोग्यता सर्वोच्च गुण है जिसके बिना बाकी सारे गुण किसी काम के नहीं. नीतिवचन का लिखने वाला बड़ी खूबसूरती से लिखता है कि एक भली पत्नी अनमोल है बेशकीमती है क्योंकि उसके पति के मन में उसके प्रति विश्वास रहता है. ( नीतिवचन 31:10 ) परमेश्वर का भय मानने वाली स्त्री अपने घराने के प्रति और अपने पति के प्रति विश्वास योग्य रहती है. चाहे उसका पति सामने हो या न हो. हर परिस्थिति में विश्वास ही सच्चे रिश्ते की बुनियाद है. एक चरित्रवान स्त्री अपने अविश्वासी पति को भी जीतकर उसे विश्वास में ला सकती है. ( 1 पतरस 3:1-3 ) 2. एक आदर्श पत्नी अपने पति का आदर करती है वो अपने पति की कमियों या गलतियों क...

पवित्र आत्मा के फल

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पवित्र आत्मा के फल  गुण जब कोई पवित्रात्मा की सहायता से अपने आप को पवित्र करता है तब उसके जीवन में पवित्र आत्मा के फल और वरदान देते हैं.  गलतियों 5:22  में जो पवित्र आत्मा का फल है, वो एक वचन में है अर्थात फल एक है उसके 9 गुण हैं जैसे संतरा (मौसमी फल) एक होता है लेकिन उसके अंदर कई कलिया होती हैं. आज हम बात करेगें पवित्र आत्मा के फल और वरदान के विषय में बाइबल के अनुसार पवित्र आत्मा का एक ही फल है और उसके गुण हैं प्रेम, आनन्द शान्ति धीरज दया भलाई विश्वास्योगता नम्रता और संयम. अत: एक विश्वासी के जीवन में इसी कारण पवित्र आत्मा बहुत जरूरी है. आइये इसे विस्तार से समझते हैं 1. प्रेम –  पवित्र आत्मा के फल का पहला गुण यह परमेश्वर का प्रेम है जो पवित्र आत्मा का पहला गुण हैं यूहन्ना 3:16 जो मिनी बाइबल भी कहा जाता है इसमें लिखा है. क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया. परमेश्वर का प्रेम निष्कपट प्रेम है और परमेश्वर चाहते हैं प्रत्येक विश्वासी के अंदर वही प्रेम पाया जाए. प्रभु यीशु मसीह ने पतरस से यही प्रेम के विषय में पूछा था पतरस क्या तू मुझसे प्रेम करता है? 2. आनन्द – ...

आत्मिक मसीही जीवन की महत्वपूर्ण बातें

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  आत्मिक मसीही जीवन की महत्वपूर्ण बातें प्रिय मित्र आज हम आपके लिए लाए हैं आत्मिक मसीही जीवन की 15 अति महत्वपूर्ण बातें. कि एक विश्वासी व्यक्ति का या आत्मिक मसीही जीवन कैसा होना चाहिए. विश्वास करते हैं आपको ये बातें आशीष का कारण होंगी तो आइये शुरू करते हैं. 1. एक दूसरे के साथ प्रेम से रहो. यीशु मसीह की सन्तान के रूप में हम सभी एक ही परिवार हैं, और हमें यह बुलाहट मिली है कि हमें हर जगह प्रभु के प्रेम को दिखाना है. हमें एक दूसरे से प्यार करने की जरूरत है जैसे कि हमारे प्रभु यीशु मसीह ने हमसे प्रेम किया है. हमें एक दूसरे से प्रेम क्यों दिखाना चाहिए ? बाईबल हमें बताती है की प्रेम परमेश्वर से आता है 1 यूहन्ना 4:7,8 यदि किसी के पास धन सम्पति है और वह किसी भाई या बहन को देखता है कि उसको मदद की जरूरत है लेकिन उन पर कोई दया नहीं करता, ऐसे व्यक्ति के अंदर परमेश्वर का प्रेम कैसे हो सकता है ? यदि परमेश्वर का प्रेम हममें है तो हम देंगे. 2. एक दूसरे को स्वीकार करें मत्ती 25:35-45 परमेश्वर ने हम सभी को अलग अलग विचारधारा वाले लोग बनाया है यही मानव जीवन की खूबसूरती है. हम डमी नहीं हैं हम सभी के पास...

नया जन्म

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नया जन्म  यूहन्ना 3ः6 ‘‘यीशु ने उसको उत्तर दिया, ‘मैं तुझ से सच सच कहता हूँ, यदि कोई नए सिरे न जन्में तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता।’’  यीशु ने कहा कि उद्धार पाने का एकमात्र तरीका नया जन्म है। इसका क्या मतलब है ? नया जन्म निम्न में से कुछ नहीं है: बपतिस्मा , चर्च सदस्यता , प्रभू भोज में सह-भागिता , जीवन में सुधार , प्रार्थना , या अच्छे कर्म। नया जन्म हृदय का परिवर्तन है। जब हम अपने पापपूर्ण जीवन से पश्चाताप करते हुए मन फिराकर परमेश्वर के समीप आते हैं तब परमेश्वर हमें नया जन्म देते हैं। परमेश्वर इस बात को देखते हैं कि कब हम नए जन्म के लिए तैयार हैं। जब हमारा नया जन्म होगा तब हमें पता चल जाएगा। हमारे पास स्वतंत्र विवेक , सही करने की इच्छा , और स्वर्ग में एक घर का आश्वासन होगा। यीशु कहते हैं कि जब तक हम नए सिरे से जन्म नहीं ले लेते , स्वर्ग के द्वारों हमारे लिए बन्द हैं। इस कारण हम पूछें: मित्र , क्या आपका नए सिरे से जन्म हुआ है ? कलीसिया के सदस्य , क्या आपका नए सिरे से जन्म हुआ है ? यदि नहीं है , तो आप खोए हुए हैं। क्योंकि प्रभु यीशु कहते हैं: “ जब तक कोई मनुष्य नए सिरे स...